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Punjab Assembly Live: पंजाब विधानसभा में हंगामा, CM मान ने स्पीकर को सौंपा ताला-चाबी, हाथापाई तक पहुंची नौबत

पंजाब विधानसभा (Punjab Assembly) में दूसरा दिन काफी हंगामा भरा रहा। पंजाब सीएम मान (Punjab CM Bhagwant Mann) ने स्पीकर कुलदीप सिंह संधवान को ताला चाबी सौंपते हुए सदन को अंदर से बंद करने की बात कही। इसके बाद सीएम मान और प्रताप सिंह बाजवा (Pratap Singh Bajwa) में तीखी बहस होती रही। एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी रहा।

By Jagran News Edited By: Deepak Saxena Published: Mon, 04 Mar 2024 12:52 PM (IST)Updated: Mon, 04 Mar 2024 03:45 PM (IST)
पंजाब विधानसभा में हंगामा, CM मान ने स्पीकर को सौंपा ताला-चाबी।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा का दूसरा दिन शुरू होते ही हंगामा शुरू हो गया। पंजाब सीएम भगवंत मान ने स्पीकर कुलदीप सिंह संधवान को ताला और चाबी गिफ्त देते हुए कहा कि इसे सदन के बाहर लगा दीजिए, जिससे विपक्ष बाहर न निकल पाए और यहां बैठकर सच सुन सके।

स्पीकर को सीएम मान ने दिया ताला चाबी

पंजाब सीएम भगवंत मान ने स्पीकर को ताला और चाबियां गिफ्ट में देकर कहा कि इसे हाउस के बाहर लगा दिया जाए जिससे विपक्ष बाहर ना निकल सके और यहां बैठकर सच सुन सके। उन्होंने कहा कि राज्यपाल का भाषण भी इन्होंने पूरा नहीं होने दिया क्योंकि उसने सच लिखा हुआ था। उन्होंने कहा कि विपक्ष बहाना बनाकर भागने की कोशिश करेगा लेकिन उन्हें भागने ना दिया जाए।

सीएम मान और बाजवा में तीखी बहस शुरू

इससे विपक्षी नेता प्रताप सिंह बाजवा नाराज हो गए। उन्होंने बोलना शुरू किया लेकिन उनका स्पीकर ऑन नहीं किया गया। सीएम भगवंत मान ने कहा कि एक और ताला दे देता हूं जिससे उनके (बाजवा के) मुंह पर भी लगा दिया जाए। इसके बाद दोनों नेताओं में बहस शुरू हो गई। विपक्ष के नेता ने कहा कि क्या स्पीकर के पास सदन को ताला लगाने की अधिकार है।

इसके बाद बहस किसान नेताओं के आंदोलन को लेकर शुरू हो गई। मुख्यमंत्री विपक्ष पर भागने का आरोप लगा रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि ये अब हमें सुनने की बजाय यहां से भागेंगे।

राज्यपाल के अभिभाषण में विपक्ष ने किया था हंगामा

राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस के दौरान भी विपक्ष के ज्यादा शोरगुल करने के चलते राज्यपाल ने बीच में ही भाषण छोड़ दिया था। जिससे यह माना गया कि यह सरकार का अपमान हुआ है। आज सत्ता पक्ष शुरू से ही हावी होने की कोशिश कर रहा है।

मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता के बीच तीखी बहस चल रही है। दोनों नेता एक-दूसरे के खिलाफ निजी हमले करते नजर आए। खास तौर पर भगवंत मान तीखे वार कर रहे हैं, उनका साथ वित्त मंत्री हरपाल सीमा सहित कुछ विधायक ने भी दिया। जबकि बाजवा का साथ सुखजिंदर रंधावा और डॉ. राजकुमार चब्बेवाल ने दिया।

चुपचाप बैठ जाओ नहीं तो ...- सीएम मान

भगवंत मान ने कहा कि क्या राज्यपाल और राष्ट्रपति का अभिभाषण डिस्टर्ब किया जा सकता है। भगवंत मान ने कहा कि चुपचाप बैठ जाओ नहीं तो बातें सोने के बिस्किटों की तस्करी तक जाएगी। भगवंत मान इस बात का आरोप भी लगा रहे हैं कि बाजवा उन्हें तू-तू कह के बात कर रहे हैं। वह बाजवा को बैठने की बात कर रहे हैं और कह रहे हैं कि नालायक बच्चों को क्लास में खड़ा किया जाता है।

अभिभाषण पर बहस शुरू करने का प्रस्ताव पेश- CM मान

सीएम मान ने कहा कि इन्हे लोग मई में ताला लगा देंगे। पंजाब में अबकी 13=0 का आंकड़ा देखने को मिलेगा। आज पहली बार प्रश्न काल सहित अन्य बिजनेस को छोड़कर राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस शुरू करने का प्रस्ताव पेश कर दिया गया। बाजवा ने इसका विरोध किया। इस पर स्पीकर ने कहा कि ऐसा सदन की इच्छा अनुसार किया जाए।

बाजवा पर आरोप लगाते हुए कहा कि आपका बेटा कई सालों से कहते आ रहे हैं कि उनको लेकर फिल्म बना दो। लेकिन ऐसा करने के लिए कला चाहिए। पैसे से ऐसा नहीं किया जा सकता।

भगवंत मान और बाजवा का वाक् युद्ध रहा जारी

मुख्यमंत्री ने कहा कि रात के पौने दो बजे तक किसानों के साथ मीटिंग करता रहा हूं। आप तो सवा लाख लाख का शाल ओढ़कर घूमते फिर रहे हो। मुझे कहते हो 650 की दिहाड़ी लेकर स्टेज पर काम करता था। इसके बाद सदन को 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया है। सदन स्थगित होने के बावजूद भगवंत मान और बाजवा वाक युद्ध जारी रहा।

हाथापाई तक पहुंच गई सदन में बहस

सदन में मामला काफी तूल पकड़ गया, नौबत हाथापाई तक पहुंच गई है। दोनो ओर से बचाव की कोशिशें की जा रही है। बाजवा और भगवंत मान दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ने की चुनौती दी है, इसके बाद मुख्यमंत्री कुछ देर के लिए सदन से बाहर चले गए हैं।

प्रताप सिंह बाजवा ने स्पीकर से अलग से बात करने की कही बात

कुछ देर के बाद सदन फिर शुरू हो गया है लेकिन दोनों पक्षों में अभी भी बहस जारी रही। विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा चाहते हैं कि पहले स्पीकर उनसे अलग से बात करें तभी वह सदन चलने देंगे। लेकिन मुख्यमंत्री का कहना है कि विपक्ष स्पीकर को डिक्टेट नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि स्पीकर विपक्ष की बात ना सुने उनकी तो लोगों ने भी बात सुनाई बंद कर दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ताला अंदर से लगाया जा रहा है, बाहर से नहीं। फिर भी अगर यह बाहर जाना चाहते हैं तो स्पीकर साफ इन्हें बाहर जा लेने दे। विपक्ष ने कहा कि ताला लगा दिया जाए हमें कोई दिक्कत नहीं है।

विपक्ष भी सदन में ताला लगवाने पर अड़ा

भगवंत मान ने कहा कि चार-पांच दिन पहले उनके सांसद रवनीत बिट्टू नगर निगम को ताला लगाने गए थे। तब वह ठीक था अब हम कह रहे हैं कि अंदर से ताला लगा लिया जाए तब यह गलत कैसे हैं। अब विपक्ष इस बात पर अड़ गया है कि बात शुरू करने से पहले सदन को अंदर से ताला लगा लिया जाए।

हम मैटेरियल नहीं बल्कि बुद्धिमान लोग हैं- CM मान

मुख्यमंत्री ने आज फिर कहा कि यह हमें मैटेरियल बताते हैं जबकि हम श्रमिक समाज से आए हैं और मेहनत करके मुख्यमंत्री बने हैं। इनके बाप दादाओ की तरह सोने की बिस्किटों की तस्करी करके नहीं आए। उन्होंने कहा कि हम पदार्थ नहीं है बल्कि बुद्धिमान लोग हैं, जिन्होंने लोगों को सत्ता में आकर मुफ्त बिजली ही नहीं बल्कि स्कूल का इमीनेंस भी खोल और लोगों को मुफ्त तीर्थ यात्रा भी करवाई है।

खैरा से पीछा छुड़ा लो वरना वो आपको साफ कर देगा- सीएम मान

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब मैं गुरु अमर दास जी की बात कर रहा हूं तो भी लोग मुर्दाबाद की नारे लगा रहे हैं इन्हें तो नर्क में भी जगह नहीं मिलेगी। सुखपाल खैरा पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि मैं तो उससे अपना पिंड छुड़ा लिया है। आप लोग भी छुड़वा लो, नहीं तो यह आपको साफ करके रख देगा।

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मुख्यमंत्री ने एक बार फिर से बाजवा पर टिप्पणी करते हुए कहा कि कभी-कभार जिन लोगों की जिंदगी सिर्फ एक-दो दिन रह जाती है। वह वहां अपनी कुर्सी पर बैठाकर फीलिंग दे देते हैं मैं यह तो नहीं कहता कि बाजवा साहब की जिंदगी काम है। अगर यह चाहते हैं तो मैं अपनी कुर्सी पर आधे घंटे के लिए इन्हें बिठा देता हूं कम से कम फीलिंग ले लें मुख्यमंत्री बनने की।

अमरिंदर राजा वडिंग पर भी किया कटाक्ष

मुख्यमंत्री ने अमरिंदर राजा वडिंग कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्होंने ट्रांसपोर्ट मंत्री रहते हुए बसों की बॉडी दूसरे राज्यों से लगवाई। मुझे समझ में नहीं आता कि जब सारे लोग पंजाब में यह काम करवाने के लिए आते हैं तो हम दूसरे राज्यों में अपनी इन्वेस्टमेंट क्यों भेज रहे थे।

प्रिविलेज कमेटी को रोकने का रखा प्रस्ताव

संसदीय कार्य मंत्री बलकार सिंह ने राज्यपाल की अभिभाषण के दौरान विघ्न डालने के खिलाफ कांग्रेस के विधायकों संदीप जाखड़ को छोड़कर बाकी के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पेश किया और यह मामला प्रिविलेज कमेटी को रोकने का प्रस्ताव रखा। स्पीकर में प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए सभी का मामला प्रिविलेज कमेटी को सौंपने का प्रस्ताव पारित कर दिया।

स्पीकर के खिलाफ वेल से अपशब्द बोलने को लेकर सत्ता पक्ष के मनजीत सिंह बिलासपुर ने सुखपाल सिंह खेहरा को ललकारा। जिसको लेकर दोनों पक्षों में काफी विवाद हुआ।

25 नंबर लेकर पंजाबी टेस्ट नहीं कर सकते पास- सीएम मान

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि इन्हें बोलने की तमीज नहीं है। तू तू करके बोलते हैं, कॉन्वेंट में पढ़ने के बावजूद इन्हें बोलने की मर्यादा के बारे में कोई जानकारी नहीं है। यह 25 नंबर लेकर पंजाबी का टेस्ट भी पास नहीं कर सकते।

सीएम के सदन से जाते ही विपक्ष ने मचाया हंगामा

मुख्यमंत्री ने कहा कि ताला लगाने की बात को लेकर अब यह फंस गए हैं क्योंकि बाहर यह जा नहीं सकते और अंदर सत्ता पक्ष के विधायकों का सच सुनने में उनकी हिम्मत नहीं है। मैं भी आज यहीं पर बैठा हूं ऐसा ही चलने दें। मुख्यमंत्री के सदन से जाने के बाद विपक्ष ने हंगामा मचाना शुरू कर दिया है कि सत्ता पक्ष के गेट पर भी ताला लगाया जाए, मुख्यमंत्री भाग गए हैं।

नहीं बोले अमरिंदर सिंह राजा वडिंग

विपक्ष के विधायक लगातार विरोध कर रहे हैं जबकि डिप्टी स्पीकर जो इस समय कुर्सी पर बैठे हैं, उन्हें कांग्रेस के नेता अमरिंदर सिंह राजा वडिंग को बोलने के लिए आमंत्रित किया। पर बार-बार कहा गया कि आपको बोलने का मौका दिया जा रहा है। आप पंजाब के पक्ष की कोई बात करना चाहते हैं तो कर ले। आपको कोई डिस्टर्ब नहीं करेगा।

इस पर मंत्री अमन अरोड़ा ने कहा कि डिप्टी स्पीकर में कांग्रेस के प्रधान अमरिंदर सिंह को बोलने का समय दिया। लेकिन लगता है कि कांग्रेस के विधायक बोलने को तैयार नहीं है । इनको दिया गया समय सत्ता पक्ष और विपक्ष के अन्य लोगों में बांट दिया जाए।

कांग्रेस विधायक सुखविंदर सिंह कोटली हुए भावुक

कांग्रेस के विधायक सुखविंदर सिंह कोटली आज उसे समय भावुक हो गए। जब सदन में मुख्यमंत्री ने उनके प्रति अपशब्द कहे तो सदन से बाहर आकर कोटली ने कहा कि उन्हें बेशक अपनी सीट से इस्तीफा क्यों ना देना पड़े, वह मुख्यमंत्री को सबक सिखा कर ही रहेंगे। कहते हुए वह भावुक हो गए और उनकी आंखें भी भर आई। पंजाब विधानसभा मे सदन का बहिष्कार कर बाहर आने के बाद कांग्रेस के विधायक सुखविंदर सिंह कोटली रो पड़े।

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