मास्क जरूर पहनें, लेकिन जानें किन बातों का रखना है ध्यान, अन्यथा हो सकता है हाइपरकेपनिया
कोरोना से बचने के लिए मास्क पहनना जरूरी है लेकिन अधिक देर तक इसे पहनने के साइड इफेक्ट सामने आए हैं। अधिक देर तक मास्क पहनने से व्यक्ति हाइपरकेपनिया के शिकार हो सकते हैं।
चंडीगढ़, [विशाल पाठक]। ज्यादा देर तक मुंह पर मास्क लगाए रखने से लोग हाइपरकेपनिया का शिकार हो सकते हैं। कोरोना की इस महामारी में मास्क लगाना जरूरी है, लेकिन ये नहीं की लोग हमेशा मुंह पर मास्क ही पहने रहें। मास्क जरूर लगाना चाहिए, लेकिन इसमें कुछ बातों का ध्यान रखना भी जरूरी है। चंडीगढ़ में इस कारण कई लोगों को समस्या होने का मामला सामने आया है।
हर समय मास्क लगाए रखना आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है
मुंह पर ज्यादा देर तक मास्क पहने रहने से लोगों में अब तरह-तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं सामने आ रही हैं। ज्यादा देर तक मास्क पहनने से लोगों को सांस लेने में दिक्कत, चक्कर आना, घबराहट होनी, सिर में दर्द जैसी तमाम समस्याएं सामने आ रही हैं। शहर के सेक्टर 16 सेक्टर स्थित गवर्नमेंट मल्टी स्पेशयिल्टी हॉस्पिटल (जीएमएसएच-16) में इस तरह के कई केस सामने आए हैं। इस तरह की समस्याओं से ग्रस्त लोग डॉक्टरों को दिखाने के लिए पहुंचे। डॉक्टराें के अनुसार, जांच में यह सामने आया कि ज्यादा देर तक मुंह पर मास्क पहनने से लोगों को ऐसी समस्याएं हो रही हैं।
डॉ. दिगंबर बेहेरा ने कहा- हमेशा मुंह पर मास्क न लगाएं रखे, थोड़ी देर खुले में भी सांस लें
पीजीआइ के पलमोनरी मेडिसिन विभाग के सीनियर प्रोफेसर और पद्मश्री डॉ. दिगंबर बेहेरा ने बताया कि ज्यादा देर तक मुंह पर मास्क लगाए रखना गलत हैं। कोरोना की इस महामारी को देखते हुए मुंह पर मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है और यह बेहद जरूरी है। लेकिन लोगों को भी यह ध्यान रखना चाहिए कि जब वह घर के अंदर हैं, तो अपने मुंह पर मास्क न लगाएं।
उन्होंने कहा कि अगर ऑफिस या सार्वजनिक स्थानों पर जा रहे हैं, तो मास्क हर हाल में पहनें, लेकिन ध्यान रखना चाहिए कि अगर लगातार एक घंटे से अधिक देर तक मुंह पर मास्क न लगाएं। थोड़ी देर के लिए यानी 15 से 20 मिनट मुंह से मास्क हटाकर अकेले में खुले में सांस लें। इससे सांस लेने में दिक्कत, चक्कर आना, घबराहट होनी, सिर में दर्द जैसी समस्याएं नहीं होंगी।
क्या होता है हाइपरकेपनिया
डॉक्टरों के अनुसार, मास्क पहनने से मुंह और नाक से छोड़ी गई कार्बन डाइऑक्साइड दोबारा से मुंह और नाक के जरिए फेफड़ों तक जाती है। ऑक्सीजन की जगह कार्बन डाइऑक्साइड दोबारा शरीर में जाने से लोगों को यह समस्या होती है। इससे लोगों को सांस और हृदय संबंधित समस्या होती है। इसे हाइपरकेपनिया कहते हैं।
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