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'भारत पर लगाया आरोप तो ट्रूडो ने क्यों नहीं दिया सबूत?' निज्जर हत्याकांड को लेकर कनाडा पर बरसे कैप्टन अमरिंदर

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के भारत विरोधी बयानों ने दोनों देशों के बीच दशकों पुराने संबंधों को खतरे में डाल दिया है। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्रूडो पर आरोप लगाया है कि वे राजनीतिक महत्वाकांक्षा के चलते अलगाववादी सिखों को समर्थन दे रहे हैं। कैप्टन ने कहा कि ट्रूडो ने आतंकी निज्जर की हत्या के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया था लेकिन सबूत नहीं दिए।

By Kailash Nath Edited By: Nitish Kumar Kushwaha Updated: Mon, 04 Nov 2024 08:37 PM (IST)
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ट्रूडो के बयानों को लेकर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने चिंता जताई है। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के बयान पर अब पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का बयान आया है। कैप्टन अमरिंदर सिंह का कहना हैं कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की राजनीतिक महत्वाकांक्षा के कारण आज दो देशों के दशकों पुराने रिश्तों को खतरा उत्पन्न हो गया है।

कैप्टन ने कहा कि सर्वविदित हैं कि अलगाववादी सिखों का समर्थन हासिल करने के लिए ट्रूडो ने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद भारत को जिम्मेदार ठहराया। हालांकि, वह आज तक इस संबंध में कोई ठोस सबूत नहीं दे पाए।

कनाडा के आरोपों पर विदेश मंत्रालय ने जताया रोष

बता दें कि खालिस्तान समर्थक आतंकी हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड को लेकर पिछले दिनों कनाडा के उप विदेश मंत्री डेविड मारीसन ने इस मामले में संसदीय समिति की एक सुनवाई के दौरान भारत के गृहमंत्री अमित शाह का नाम लिया था। इस मामले में दो दिन पहले कनाडा के भारतीय उच्चायोग के प्रतिनिधि को विदेश मंत्रालय में समन कर भारत ने कड़ा रोष जताया था।

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कैप्टन ने एक बयान जारी कर कहा, जब मैं मुख्यमंत्री था, तो मुझे पता था कि कनाडा में सिख उग्रवाद बहुत तेजी से बढ़ रहा है, जिस पर ट्रूडो ने न केवल आंखें मूंद रखी है, बल्कि अपने राजनीतिक आधार को बढ़ाने के लिए ऐसे लोगों को संरक्षण भी दे रहे हैं। उन्होंने अपने रक्षा मंत्री को पंजाब भेजा था लेकिन मैंने उनसे मिलने से इनकार कर दिया, क्योंकि वे खुद विश्व सिख संगठन के सक्रिय सदस्य थे, जो उस समय खालिस्तानी आंदोलन का मूल निकाय था।

'कनाडा गैंगेस्टर व ड्रग्स माफियाओं का बन चुका है अड्डा'

इसके कुछ महीने बाद ट्रूडो पंजाब आए और उन्होंने मुझसे मिलने से इनकार कर दिया, तब तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने उन्हें स्पष्ट शब्दों में नहीं बताया कि अगर वे मुख्यमंत्री से नहीं मिलते हैं, तो वे राज्य का दौरा नहीं कर सकते। जिसके बाद वह मुझसे अमृतसर में मिले। इस मुलाकात के दौरान भी मैंने उन्हें 20 से अधिक अलगाववादी लोगों के नामों की लिस्ट सौंपी थी।

साथ ही उन्होंने बताया था कि कनाडा खालिस्तानी अलगाववादियों का अड्डा बन गया था, जिसे कोई भी पंजाबी नहीं चाहता था। कनाडा गैंगेस्टर व ड्रग्स माफिया का भी अड्डा बन चुका है। ट्रूडो ने वादा किया गया था कि वे इन शिकायतों पर गौर करेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

'राजनीतिक लाभ के लिए आतंकवादियों को मिल रहा संरक्षण'

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कनाडा सरकार राजनीतिक लाभ के लिए आतंकवादी या अलगाववादी को संरक्षण तो देती है, साथ ही अपराधियों की भी शरण दे रही है।

उन्होंने कहा कि एक मजबूत धारणा है कि ट्रूडो अपनी सरकार को बनाए रखने के लिए पंजाबियों का इस्तेमाल कर रहे हैं, बिना यह महसूस किए कि उनके अपने देश और यहां तक कि भारत में भी पंजाबियों के साथ उनके संबंधों बिगड़ रहे हैं।

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