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Amritpal Singh: भिंडरावाले की राह पर खालिस्तान की मांग, ड्राइवर से 'वारिस पंजाब दे' प्रमुख कैसे बना अमृतपाल ?

पंजाब की राजनीति में पिछले कुछ समय से अमृतपाल सिंह का नाम बहुत चर्चा में है। अमृतपाल को स्वर्गीय संदीप सिंह उर्फ ​​दीप सिद्धू द्वारा गठित वारिस पंजाब दे संस्था का नया प्रधान बनाया गया है। पुलिसबड़े पैमाने पर उसके खिलाफ तलाशी अभियान चला रही है।

By Jagran NewsEdited By: Sonu GuptaUpdated: Mon, 20 Mar 2023 05:08 PM (IST)
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कौन है अमृतपाल सिंह; ‘वारिस पंजाब दे’ का नया प्रमुख।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। खालिस्तानी समर्थक और वारिस पंजाब दे का स्वयंभू मुखिया अमृतपाल सिंह के खिलाफ पुलिस कार्रवाई कर रही है। हालांकि, वह अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। पंजाब पुलिस अमृतपाल सिंह को भगौड़ा घोषित कर चुकी है। पुलिस अमृतपाल और उसके समर्थकों के खिलाफ शनिवार से ही लगातार ऑपरेशन चला रही है। इस मामले में पुलिस ने अब तक कुल 114 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।

गाड़ी बदलकर भागने में कामयाब रहा अमृतपाल

इस मामले में जालंधर के पुलिस कमिश्नर कुलदीप सिंह चहल ने बताया कि अमृतपाल सिंह की गाड़ी को करीब 20 से 25 किलोमीटर तक पीछा किया गया लेकिन वह अपनी गाड़ी बदलकर भागने में कामयाब हो रहा। उन्होंने कहा कि इस तरह पीछा करते समय अपराधी भागने में कामयाब हो जाते हैं। हालांकि उसको जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

अब तक 114 लोग हुए गिरफ्तार

मालूम हो कि पुलिस अमृतपाल सिंह के खिलाफ ऑपरेशन चला रही है। पुलिस ने अब तक इस मामले में कुल 114 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है, जिसमें उसके समर्थक और करीबी शामिल हैं। पुलिस ने शनिवार को 78 और रविवार को 34 लोगों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार लोगों में अमृतपाल के लिए फंडिंग करने वाला दलजीत सिंह कालसी भी है, जिसको असम के एक जेल में रखा गया है। हालांकि, अमृतपाल सिंह सहित कई अन्य अभी भी फरार हैं।

कौन है अमृतपाल सिंह?

पंजाब की राजनीति में पिछले कुछ समय से अमृतपाल सिंह का नाम बहुत चर्चा में है। अमृतपाल को स्वर्गीय संदीप सिंह उर्फ ​​दीप सिद्धू द्वारा गठित वारिस पंजाब दे संस्था का नया प्रधान बनाया गया है। खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह का जन्म साल 1993 में अमृतसर के जल्लूपुर खेड़ा गांव में हुआ था, काम के सिलसिले में वह दुबई चला गया और अपने चाचा के एक टांसपोर्ट कंपनी में काम करने लगा।

12वीं तक की है पढ़ाई

अमृतपाल ने12वीं तक ही पढ़ाई की है। हालांकि, एक इंटरव्यू के दौरान उसने कहा कि वह इंजीनियरिंग कॉलेज में भी तीन साल रहा, लेकिन कभी डिग्री हासिल नहीं की। अमृतपाल सिंह की शादी 10 फरवरी, 2023 को बाबा बकाला में हुई थी। हालांकि, उसने निजता का हवाला देते हुए अपनी पत्नी और परिवार के बारे में नहीं बताया।

अलग राज्य की करता रहा है मांग

30 साल के अलगाववादी नेता और खालिस्तानी सहानुभूति रखने वाले अमृतपाल सिंह पिछले 6-7 महीनों के दौरान कट्टरपंथी उपदेशक के रूप प्रमुखता से सामने आया है। बताया जाता है कि अमृतपाल सिंह खालिस्तानी आंदोलन चालाने वाले जनरैल सिंह भिंडरावाले का समर्थक है। वह एक अलग सिख राज्य की मांग को लेकर समय-समय पर भड़काऊ बयान देता रहा है।

दीप सिद्धू का सपना पूरा करना है मकसद- अमृतपाल

वारिस पंजाब दे के राजनीतिक भविष्य पर अमृतपाल सिंह कहता है कि मैं इस संगठन का सेवा करते हुए दीप सिद्धू के सपने को पूरा करना चाहता हूं। वह कहता है कि यह संगठन गांव-गांव तक पहुंचेगा। अमृतपाल सिंह के मुताबिक, संगठन के अधिकांश उपकरण सामाजिक गतिविधियों में उपयोग किए जाते हैं।

वारिस पंजाब दे का कैसे बना मुखिया

जांच एजेंसियां अब इस बात का पता लगाने में लगी है कि अमृतपाल किस के कहने पर पंजाब आया। मालूम हो कि वह अमृतसर के जल्लूपुर खेड़ा का रहने वाला है और 2012 काम के सिलसिले में दुबई गया था। बीते साल 2022 सितंबर को दुबई से भारत लौटा। सितंबर में ही वह वारिस पंजाब दे का मुखिया बन गया। अमृतपाल सिंह पिछले साल ही चर्चाओं में आया था। बीते साल 9 दिसंबर को गुरूद्वारा बिहारीपुर में तोड़फाड़ की थी। उसके बाद 13 दिसंबर को जालंधर के गुरुद्वारे में तोड़फोड़ की गई।

युवाओं का ब्रेनवॉश कर रहा अमृतपाल

विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के इनपुट के साथ तैयार किए गए एक मोटे डोजियर में दावा किया गया है कि अमृतपाल मुख्य रूप से मानव बम (खडकू) बनाने के लिए युवाओं का ब्रेनवॉश करने में लगा हुआ था। वह पिछले साल दुबई से कथित तौर पर पाकिस्तान के आईएसआई और विदेशों में रहने वाले खालिस्तान समर्थकों के इशारे पर लौटा था।

बना रखी थी अपनी फौज

जांच के दौरान, पता चला कि अमृतपाल ने एक तथाकथित फौज आनंदपुर खालसा फ्रंट (AKF) भी तैयार कर रखी थी। अधिकारियों ने कहा कि पुलिस ने जब उसे पकड़ने के लिए छापे मारे तो उसके अड्ड़ों से कई हथियार और गोला-बारूद जब्त किए गए, वहीं वर्दी और जैकेट भी मिली हैं। उन्होंने कहा कि कट्टरपंथी सिख उपदेशक की कार से जब्त हथियारों और गोला-बारूद पर "एकेएफ" लिखा था।

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