Nithari Kand: निठारी कांड में मोनिंदर पंढेर के बरी होने पर छलके पत्नी-बेटे के आंसू, बोले- कानून पर था पूरा भरोसा
व्यवसायी मोनिंदर सिंह पंढेर के पुत्र करण सिंह ने कहा कि सत्य परेशान जरूर होता है मगर कभी पराजित नहीं हो सकता। अदालत का यह फैसला सत्य की जीत है। मेरे परिवार को न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा था। इसीलिए हमनें इतनी लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी। करण सिंह ने दैनिक जागरण को बताया कि उनके पिता निर्दोष थे। यह बात अब अदालत में भी साबित हो चुकी है।
By Jagran NewsEdited By: Jeet KumarUpdated: Tue, 17 Oct 2023 04:00 AM (IST)
कुलदीप शुक्ला, चंडीगढ़। निठारी कांड में सोमवार को जब पिता मोनिंदर सिंह पंढेर की फांसी की सजा को रद करते हुए कोर्ट ने उन्हें बरी किया तो उस समय मैं एक जरूरी काम से घर से बाहर था। जब घर लौटा तो मां ने गले लगा लिया। उनकी आंखों में आंसू थे। मैं कहना चाहता हूं कि सत्य परेशान जरूर होता है, मगर कभी पराजित नहीं हो सकता। अदालत का यह फैसला सत्य की जीत है। मेरे परिवार को न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा था। इसीलिए हमनें इतनी लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी।
यह कहना है कि व्यवसायी मोनिंदर सिंह पंढेर के पुत्र करण सिंह का। वह परिवार के साथ चंडीगढ़ के सेक्टर-27 बी स्थित कोठी में रहते हैं। करण सिंह ने दैनिक जागरण को बताया कि उनके पिता निर्दोष थे। यह बात अब अदालत में भी साबित हो चुकी है। मगर इस कानूनी लड़ाई के बीच लंबे अरसे तक परिवार ने तमाम मानसिक परेशानियां बर्दाश्त की हैं।
सुरेंद्र कोली को अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी
व्यवसायी मोनिंदर सिंह पंढेर और नौकर सुरेंद्र कोली को बहुचर्चित निठारी कांड में वर्ष 2017 में गाजियाबाद की अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी। मगर सोमवार को प्रयागराज हाई कोर्ट ने मोनिंदर सिंह पंढेर और नौकर सुरेंद्र कोली की फांसी की सजा रद कर दोनों को बरी कर दिया। सोमवार को दैनिक जागरण की टीम जब पंढेर के चंडीगढ़ सेक्टर-27 बी स्थित कोठी पहुंची तो वहां सन्नाटा पसरा रहा।पिता की रिहाई कब तक होगी यह तय नहीं
मोनिंदर सिंह पंढेर के बेटे करण सिंह ने बताया कि वह नोएडा जा रहे हैं। पिता की रिहाई कब तक होगी, इस सवाल पर करण सिंह ने कहा कि कानूनी प्रक्रिया पूरी करने जा रहा हूं। उम्मीद है कि बुधवार को उनके पिता जेल से बाहर आ जाएंगे। करण सिंह ने बताया कि जब पिता के बरी होने की सूचना उन्हें मिली तो सेक्टर-27 स्थित कोठी पर नहीं थे। वह तुरंत कोठी पहुंचे। इस दौरान मां ने खुशी से उन्हें गले लगाया। मगर उन्होंने कुछ बोला नहीं। मां की आंखें नम थीं। यह देख मेरी भी आंख भर आई।नौकर बोला- मैंने मालिक को कभी नहीं देखा
सेक्टर-27 बी स्थित कोठी में काम करने वाले रमाकांत ने बताया कि वह ज्यादा कुछ नहीं जानता। मगर आज सुबह कोई अच्छी खबर छोटे मालिक और मालकिन को मिली है। इस समाचार से घर में खुशी का माहौल है। रमाकांत ने बताया कि वह चार वर्ष से कोठी में काम कर रहा है। लेकिन कभी बड़े मालिक मोनिंदर सिंह को नहीं देखा।यह भी पढ़ें- कांग्रेसियों की घर वापसी से भाजपा की हो रही किरकिरी, केंद्रीय नेतृत्व पर उठ रहे सवाल
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