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वीआरएस लेकर रिटारर्ड हुए बीएसएनएल के कर्मी व अधिकारी

1 फरवरी को कोटकपूरा की टेलीफोन एक्सचेंज सुनी पड़ जायेगी पांच मुख्य अधिकारियों समेत कुल 23 लोगों का स्टॉफ रिटायर हो गया।

By JagranEdited By: Updated: Sat, 01 Feb 2020 06:15 AM (IST)
वीआरएस लेकर रिटारर्ड हुए बीएसएनएल के कर्मी व अधिकारी
वीआरएस लेकर रिटारर्ड हुए बीएसएनएल के कर्मी व अधिकारी

संवाद सहयोगी, कोटकपूरा

एक फरवरी को कोटकपूरा की टेलीफोन एक्सचेंज सुनी पड़ जाएगी। 31 जनवरी को कोटकपूरा टेलीफोन एक्सचेंज से पांच मुख्य अधिकारियों समेत कुल 23 लोग सेवानिवृत्त होंगे। इसके अलावा फरीदकोट से तीन और जैतो से भी दो मुख्य अधिकारी रिटायर हो रहे हैं। इतनी बड़ी संख्या में कर्मचारियों के जाने से बीएसएनएल की सेवाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है।

जनता आस लगाये बैठी थी कि जब पद खाली होंगे, तो सरकार भी नए लोगों के लिए भर्ती निकालेगी। इससे नए लोगों को भो रोजगार मिल सकेगा। लेकिन बीएसएनएल की वित्तीय स्थिति चरमरा गई है और घाटे में चल रहा है। इसके उपक्रम आये दिन वित्तीय कारणों से बैठते जा रहे हैं। इससे पहले से नियुक्त कर्मियों को मिलने वाले वेतन के भी लाले पड़ गए हैं। तो नई नियुक्ति कैसे होगी।

कोटकपूरा विधानसभा के कांग्रेस हलका इंचार्ज भाई राहुल सिंह सिद्धू ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार कुछ प्राइवेट टेली कंपनियों को प्रमोट करने में लगी है जिस कारण बीएसएनएल की यह हालत हुई है। यह रोजगार देने वाली नहीं बल्कि रोजगार छीनने वाली केंद्र सरकार है। यही कारण है कि युवा इस सरकार से निराश होकर तेजी से विदेशों की तरफ रुख करने लगे हैं।

सांसद मोहम्मद सदीक का कहना है कि केंद्र सरकार की नीतियों से देश के कुछ बड़े उद्योगपतियों के तो महल बन रहे हैं जबकि आम लोगों से उनके मकानों की छत तक छिन रही है। प्राइवेट टेली कंपनियों के मालिक सरकार के मुकाबले अपने कर्मचारियों को इतना वेतन भी देते हैं कि इनकी रोटी कपड़ा और मकान तीनों जरूरतें आसानी से पूरी हो सकें।