'वारिस पंजाब दे' के कैशियर गुरप्रीत सिंह हत्याकांड मामले में नया मोड़, पुलिस ने जारी किए 2 शूटरों के स्कैच
फरीदकोट पुलिस ने वारिस पंजाब दे के पूर्व कोषाध्यक्ष गुरप्रीत सिंह की हत्या के मामले में दो संदिग्ध शूटरों के स्कैच जारी किए हैं। इस हत्याकांड में एसआईटी ने गिरफ्तार किए तीनों आरोपितों का पांच दिन का पुलिस रिमांड खत्म होने पर रविवार को ड्यूटी मजिस्ट्रेट फरीदकोट के सामने पेश किया था। जहां तीनों आरोपितों को और पांच दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया।
संवाद सहयोगी, फरीदकोट। वारिस पंजाब दे संगठन के पूर्व कोषाध्यक्ष और बहिबल इंसाफ मोर्चा के पूर्व समर्थक गुरप्रीत सिंह की हत्या के मामले में पुलिस ने रविवार को दो संदिग्ध शूटरों के स्कैच जारी किए।
इस हत्याकांड में एसआईटी ने गिरफ्तार किए तीनों आरोपितों का पांच दिन का पुलिस रिमांड खत्म होने पर रविवार को ड्यूटी मजिस्ट्रेट फरीदकोट के सामने पेश किया।
मोटरसाइकिल सवार शूटरों ने की थी हत्या
ड्यूटी मजिस्ट्रेट ने तीनों आरोपितों को और पांच दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया। इसके साथ ही पुलिस ने हत्याकांड में इस्तेमाल की गई मोटरसाइकिल भी जैतो से बरामद कर ली है। उल्लेखनीय है कि बीती नौ अक्टूबर को मोटरसाइकिल सवार शूटरों ने गुरप्रीत सिंह की गोलियां मारकर हत्या कर दी थी।यह भी पढ़ें- अमृतपाल सिंह के साथियों ने ही करवाई थी आतंकी अर्श डल्ला से बात, सामने आए चौंकाने वाले खुलासेअब तक पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद खडूर साहिब से सांसद अमृतपाल सिंह को भी पुलिस ने नामजद किया है। इसके साथ ही, कनाडा में बैठे गैंगस्टर-आतंकी अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श डल्ला को भी आरोपित बनाया गया है।
गुरप्रीत और अमृतपाल के बीच हो गई थी अनबन
उधर, सूत्रों से पता चला कि अमृतपाल के कुछ साथी अलग-अलग मामलों में जेल में रहने के दौरान डल्ला के गुर्गों के संपर्क में आए थे और जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने ही अमृतपाल की डल्ला से बात करवाई थी। दोनों में नजदीकियां बढ़ती गईं। चूंकि गुरप्रीत की अमृतपाल से अनबन हो गई थी, ऐसे में उसकी हत्या के लिए डल्ला की सहायता ली गई।गुरप्रीत के चचेरे भाई सुखप्रीत सिंह ने कहा कि मतभेद होने के कारण अमृतपाल के सर्मथकों द्वारा गुरप्रीत को लगातार धमकियां दी जा रही थीं। उन्होंने कहा कि किसी अन्य से किसी प्रकार की दुश्मनी नहीं होने के कारण परिवार को अमृतपाल पर ही शक था जिसके संबंध में उन्होंने पुलिस को सूचित किया था।
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