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Punjab: किसानों ने पटवारी को बनाया सुबह 9 बजे से बंधक, मांगें माने जाने तक नहीं छोड़ने की दी चेतावनी

वीरवार सुबह गांव जीवनवाला में जब किसानों द्वारा आग लगाई तो स्पाट होने पर विभाग की ओर से पटवारी सुखदीप सिंह सोढी वहां पहुंचे। किसानों को इसकी भनक लग गई। बड़ी संख्या में एकत्र हुए किसानों ने उन्हें बंधक बना लिया।

By PRADEEP KUMAR SINGHEdited By: Pankaj DwivediUpdated: Thu, 03 Nov 2022 09:51 PM (IST)
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फरीदकोट में धरना देते हुए किसान संगठनों के सदस्य।
जागरण संवाददाता, फरीदकोट। कोटकपूरा के गांव जीवनवाला में वीरवार को किसानों ने पराली अवशेषों को आग लगाए जाने के कारण सर्वे करने पहुंचे पटवारी को सुबह 9 बजे से बंधक बना लिया। रात्रि साढ़े आठ बजे तक प्रशासन के प्रयासों के बावजूद किसानों द्वारा पटवारी को नहीं छोड़ा गया। प्रशासन व किसानों के बीच बातचीत जारी है।

किसानों द्वारा पराली अवशेषों को लगाई जा रही आग की घटनाओं के चलते वीरवार सुबह गांव जीवनवाला में जब किसानों द्वारा आग लगाई तो स्पाट होने पर विभाग की ओर से पटवारी सुखदीप सिंह सोढी वहां पहुंचे और अपनी कार्रवाई करने लगे तो वहां किसान एकत्रित होने लगे। कुछ ही देर में बड़ी संख्या में किसान एकत्रित हो गए। इसके अतिरिक्त किसान यूनियन के नेता व सदस्य भी वहां पहुंच गए और उन्होंने पटवारी को घेरकर वहां धरना शुरू कर दिया।

इसकी सूचना मिलने पर ब्लाक खेतीबाड़ी अधिकारी डा. गुरप्रीत सिंह, नायब तहसीलदार कोटकपूरा जय अमनदीप गोयल वहां पहुंचे। इसके साथ ही डीएसपी भी पहुंचे। इसके बावजूद किसानों ने पटवारी को नहीं छोड़ा और अपना धरना जारी रखा। किसान नेताओं ने अपनी मांगें माने जाने तक संघर्ष जारी रखने और पटवारी को न छोड़ने का निर्णय लिया।

किसानों ने कहा, वे पराली को आग लगाने को मजबूर

किसान नेताओं का कहना है कि सरकार द्वारा उचित प्रबंध न होने के चलते ही किसान पराली अवशेषों को आग लगाने को मजबूर हैं। लेकिन सरकार अपना कार्य सही करने के स्थान पर उनकी जमीनों को लाल लकीर में दर्ज करने की धमकी दे रही है। उन्होंने मांग उठाई कि वीरवार को पटवारी द्वारा दर्ज किए गए नामों सहित गत दिवस एक अन्य अधिकारी द्वारा गांव में इस संबंध में किए गए सर्वे को रद किया जाए तथा साथ ही आगे से ऐसा न करने तथा किसी भी किसान पर किसी भी तरह की कार्रवाई न किए जाने का भरोसा दिया जाए। उसके बार ही पटवारी को छोड़ा जाएगा।

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