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Bharat Jodo Yatra: पंजाब से शुरू हुई भारत जोड़ो यात्रा कश्मीर में बनाएगी विपक्षी एकता का राजनीतिक मंच

श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादों के बलिदान की धरती फतेहगढ़ साहिब में गुरुद्वारा साहिब और रोजा शरीफ में नतमस्तक होने के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को पंजाब में भारत जोड़ो यात्रा शुरू कर दी।

By Jagran NewsEdited By: Nidhi VinodiyaUpdated: Thu, 12 Jan 2023 08:07 AM (IST)
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भारत जोड़ो यात्रा कश्मीर में बनाएगी विपक्षी एकता का राजनीतिक मंच
फतेहगढ़ साहिब, जागरण संवाददाता :  श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादों के बलिदान की धरती फतेहगढ़ साहिब में गुरुद्वारा साहिब और रोजा शरीफ में नतमस्तक होने के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को पंजाब में भारत जोड़ो यात्रा शुरू कर दी। इसके बाद सरहिंद की दाना मंडी में उन्होंने कहा कि यह यात्रा प्यार, भाईचारा व एकता का रास्ता दिखाने के लिए शुरू की गई है।

इस बीच मंडी गोबिंदगढ़ में कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने मीडिया को बताया कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने देश की 21 विपक्षी पार्टियों के नेताओं को 30 जनवरी को यात्रा की समाप्ति पर श्रीनगर में होने वाले समारोह में पहुंचने का आग्रह किया है। ऐसा विपक्षी दलों की एकता के लिए किया गया है, ताकि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा के विरुद्ध एक सशक्त गठजोड़ खड़ा किया जा सके। इससे स्पष्ट है कि पंजाब से शुरू हुई भारत जोड़ो यात्रा कश्मीर में 2024 के लिए विपक्षी एकता का राजनीतिक मंच तैयार करेगी।

नहीं बुलाया  शिरोमणि अकाली दल को 

अब तक कांग्रेस बेशक यह दावा करती रही हो कि यात्रा राजनीतिक नहीं, बल्कि देश के सामने खड़े तीन खतरों से लोगों को मुक्त करवाने की है, लेकिन खरगे के पत्र से साफ है कि कांग्रेस ने यात्रा के बहाने विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। जयराम रमेश ने कहा कि हमने सभी विचारधारा वाली पार्टियों से आग्रह किया है। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि शिरोमणि अकाली दल को इसमें नहीं बुलाया गया, क्योंकि वह हमारी विचाराधारा वाली पार्टी नहीं है।

जयराम रमेश ने कहा कि 30 जनवरी को महात्मा गांधी का 75वां बलिदान दिवस है और इस अवसर पर सभी का एक मंच पर आना जरूरी है। इससे पहले सरहिंद में राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा व आरएसएस देश को बांटने में लगे हैं। एक-दूसरे को जाति और भाषा के नाम पर लड़वा रहे हैं। देश में नफरत व हिंसा का माहौल बनाया जा रहा है। इसी के चलते हमने यात्रा शुरू की है।

पंजाब में हरियाणा से कई कड़े सुरक्षा प्रबंध 

उन्होंने कहा कि क्या हुआ अगर हम अब तक तीन हजार किलोमीटर पैदल चले हैं। पंजाब के किसान खेतों में काम करने, बीज खरीदने के लिए रोजाना पैदल चलते हैं। मैं इस यात्रा में बोलने के लिए नहीं, बल्कि लोगों की समस्याओं को सुनने आया हूं। बेरोजगारों, महिलाओं, सफाई सेवकों सहित दुकानदारों व आम लोगों से मिलने का अवसर मिला और काफी कुछ सीखने को भी मिला है। इससे पहले डीजीपी गौरव यादव ने धुंध का हवाला देते हुए यात्रा को एक घंटा देरी से शुरू करने को कहा, जिसे राहुल गांधी ने मान लिया। पंजाब में राहुल की यात्रा को लेकर सुरक्षा के प्रबंध हरियाणा से कहीं ज्यादा दिखे। डीजीपी गौरव यादव खुद भी इस यात्रा की निगरानी कर रहे थे। कांग्रेस ने पंजाब में प्रवेश से पहले उनकी सुरक्षा बढ़ाने की मांग की थी।

रोजा शरीफ में नंगे पांव चलते दिखे राहुल गांधी 

छोटे साहिबजादों के बलिदान की कथा सुनी राहुल ने सुबह सात बजे फतेहगढ़ साहिब गुरुद्वारा साहिब में माथा टेका। उस समय छोटे साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह के बलिदान की कथा चल रही थी, जिसे राहुल ने पंद्रह मिनट बैठकर सुना। वह उस दीवार के दर्शन करने गए, जिसमें साहिबजादों को जिंदा चुनवा दिया गया था। उन्होंने ठंडा बुर्ज के दर्शन भी किए जहां छोटे साहिबजादों व उनकी दादी माता गुजरी को रखा गया था। यहां से निकलकर राहुल गुरुद्वारा साहिब के पास ही बनी रोजा शरीफ दरगाह पर भी गए। अभी तक भयंकर सर्दी में उनके टीशर्ट में चलने के ही चर्चे थे, लेकिन रोजा शरीफ परिसर में वह नंगे पांव भी दिखे।

13 किमी पैदल चले राहुल गांधी 

यह स्थान शेख अहमद फारूकी सरहंदी को समर्पित है, जो 1563 से लेकर 1624 के बीच यहां रहे थे। शेख अहमद सरहंदी की पुण्यतिथि पर मुस्लिम समुदाय के लोग उर्स मनाते हैं, जहां पर दुनियाभर से बड़ी संख्या में लोग आते हैं। 13 किलोमीटर पैदल चले सरहिंद से यात्रा शुरू करने के बाद राहुल करीब 13 किलोमीटर पैदल सफर तय करके मंडी गोबिंदगढ़ तक पहुंचे और औद्योगिक इकाइयों के मालिकों व पूर्व सैनिकों से मिले। इन लोगों ने अपनी समस्याएं रखीं।

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