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सरहिंद रेल हादसे की जांच के लिए घटनास्थल पहुंचे सीआरएस दिनेश चंद, उचित कार्रवाई का दिया भरोसा

रविवार 2 जून को हुए सरहिंद रेल हादसे की जांच के लिए कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी दिनेश चंद देसवाल मंगलवार सुबह घटनास्थल पहुंचे। यहां उन्होंने हालात का जायजा लेते हुए विभिन्न पहलुओं के आधार पर निरीक्षण किया। साथ ही इस दौरान उन्होंने हादसे की गहन जांच कर कार्रवाई का भरोसा दिया। आइए जानते हैं इस दौरान जागरण से क्या बोले सीआरएस।

By Jagran News Edited By: Harshita Saxena Updated: Tue, 04 Jun 2024 04:04 PM (IST)
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सरहिंद रेल हादसे की जांच के लिए पहुंचे दिनेश चंद देसवाल
नवनीत छिब्बर/दीपक सूद, फतेहगढ़ साहिब। सरहिंद रेल हादसे की जांच के लिए मंगलवार सुबह कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी दिनेश चंद देसवाल दुर्घटना स्थल पर पहुंचे। उनके साथ रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी एवं अंबाला मंडल के डीआरएम मनदीप सिंह भाटिया भी थे। सीआरएस ने दुर्घटना स्थल का निरीक्षण करने के बाद तकनीकी जायजा भी लिया।

बता दें कि 2 जून की सुबह सरहिंद में खड़ी मालगाड़ी से पीछे से दूसरी मालगाड़ी टकरा गई थी। इस हादसे में हावड़ा-जम्मू समर स्पेशल सवारी गाड़ी के दो स्लीपर भी मामूली रूप प्रभावित हुए थे। इस हादसे में मालगाड़ी के दो लोको पायलट गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिनका उपचार चल रहा है।

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दुर्घटना को बताया गंभीर हादसा

दुर्घटना स्थल की जांच के बाद दैनिक जागरण से बात करते हुए सीआरएस दिनेश चंद देसवाल ने सरहिंद रेल दुर्घटना को गंभीर हादसा बताया। बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। डीएफसीसी लाइन पर यह पहला हादसा है, जिसकी गंभीरता को देखते हुए गहन जांच की जा रही है। ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को होने रोका जा सके। उन्होंने कहा कि भले ही रेलवे और डीएफसीसी अलग-अलग कार्य कर रहे हैं, लेकिन दोनों का नियंत्रण रेल मंत्रालय के अधीन है।

किसी निर्णय पर पहुंचना जल्दबाजी: सीआरएस

उन्होंने आगे कहा कि दोनों के बीच तालमेल की कमी अभी तक सामने नहीं आई है। हादसे के पीछे मानवीय या तकनीकी खामी पर सीआरएस देसवाल ने कहा की अभी किसी निर्णय पर पहुंचना जल्दबाजी होगा। उन्होंने कहा की हर पहलू की गंभीरता से पड़ताल की जा रही है। इसमें तकनीकी पहलू काफी अहम हैं। राहत कार्य में लगे रेल कर्मियों में से एक रविवार शाम घायल हो गया था, जिसे उपचार के लिए ले जाने को एंबुलेंस तक की व्यवस्था नहीं थी, इस पर सीआरएस का कहना था की यह गंभीर मामला है, राहत कार्य में लगे कर्मचारियों के लिए इंतजाम भी जांच में शामिल किए जाएंगे।

इन पहलुओं के आधार पर किया निरीक्षण

मंगलवार सुबह 8 बजे दुर्घटना स्थल पर सीआरएस दिनेश चंद देसवाल रेल अधिकारियों के साथ पहुंचे। उन्होंने करीब डेढ़ घंटा दुर्घटना स्थल का जायजा लेने और तकनीकी जांच में बिताया। इसके बाद वह विशेष रेल वाहन से अंबाला के लिए रवाना हो गए। सीआरएस ने निम्न पहलुओं के आधार पर निरीक्षण किया-

  • डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर और लूप लाइनों का जायजा लिया।
  • दुर्घटनाग्रस्त हुए इंजनों और गार्ड कोच का निरीक्षण किया
  • हादसे के दौरान पलटे मालगाड़ी के इंजन की चपेट में आई हावड़ा - जम्मू समर स्पेशल ट्रेन के स्लीपर कोच और सवारियों के बारे में जानकारी ली।
  • हादसे के दौरान मालगाड़ी की स्पीड की जानकारी ली।
  • पटरी बदलने वाले ओटोमेटिक कांटे का निरीक्षण किया।
  • रेलवे और डीएफसीसी की घड़ियों के समय की केंद्रीय कंट्रोल रूम की घड़ी से मिलान की रिपोर्ट तलब की।
  • डीएफसीसी द्वारा संचालित न्यू सरहिंद स्टेशन के स्टाफ उनकी भर्ती और ट्रेनिंग की जानकारी ली।
  • हादसे के वक्त ड्यूटी पर तैनात स्टाफ से जानकारी ली।
  • न्यू सरहिंद स्टेशन के कंट्रोल पैनल और सिग्नल सिस्टम के संचालन का निरीक्षण किया।
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