Ayushman Bharat Scheme में बड़ा फर्जीवाड़ा, घर-घर जाकर बने नकली कार्ड, PMO पहुंचा मामला
Ayushman Bharat Scheme केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी सेहत बीमा योजना आयुष्मान भारत योजना में फतेहगढ़ साहिब में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा सामने आया है।
By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Sat, 04 Jan 2020 08:59 AM (IST)
फतेहगढ़ साहिब [धरमिंदर सिंह]। Ayushman Bharat Scheme: केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी सेहत बीमा योजना आयुष्मान भारत योजना में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा सामने आया है। इसके तहत सरहिंद में कई ऐसे लोगों के फर्जी कार्ड बना दिए गए, जो योग्य ही नहीं थे। इनमें कई बिजनेसमैन भी शामिल हैं। इनके कार्ड घर-घर जाकर बनाए गए है। लाभार्थी अस्पतालों में इलाज करवाने पहुंचे तो पता चला कि कार्ड नकली है। जांच आगे बढ़ी तो अकेले सरहिंद में 400 के करीब कार्ड यानी 60 फीसद कार्ड नकली पाए गए। इनमें से 102 कार्ड सामने आ चुके हैं। मामला पीएमओ कार्यालय व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के पास पहुंच गया है।
जिला मेडिकल अधिकारी डॉ. जगदीश भी मामले की जांच कर रहे हैं। वह डीसी को अपनी रिपोर्ट शुक्रवार को सौंपेंगे। मामला खुलने के बाद सरहिंद के कपड़ा व्यापारी योगेश कुमार ने पुलिस को शिकायत दे डाली। आरोप लगाया कि कॉमन सर्विस सेंटर से उसे एक आइडी मिली थी, जिससे कार्ड बनने थे। उसने रमेश कुमार निवासी रेलवे रोड हमांयुपुर को आगे सब एजेंट बना दिया। रमेश ने उसकी आइडी का गलत इस्तेमाल कर अगस्त, सितंबर और अक्टूबर में सैकड़ों लोगों के फर्जी कार्ड बनाए। पुलिस ने भी जांच शुरू कर दी है। उधर, भाजपा के सरहिंद मंडल अध्यक्ष मनोज गुप्ता ने प्रेसवार्ता कर दो कांग्रेस नेताओं की शह पर कार्ड बनने का आरोप लगाया।
ऐसे बने फर्जी कार्डकार्ड बनाने के लिए जब किसी का नाम वेबसाइट पर डाला जाता है, तो उस नाम के देशभर में सभी योग्य व्यक्तियों की सूची निकल आती है। सरहिंद में कार्ड बनाने के समय उन नामों से मिलते-जुलते नामों के लोगों की फोटो लगाकर नकली कार्ड बना दिए गए। जब लोग कार्ड लेकर अस्पतालों में गए, तो पारिवारिक सदस्यों के नाम और पते कार्डधारक के वेबसाइट से मैच नहीं किए। इसके बाद ऐसे एक के बाद एक फर्जी कार्ड सामने आते गए। नकली कार्ड बनने से वे लोग भी अयोग्य हो गए जो असल में लाभार्थी थे, क्योंकि उनके नाम पर ये कार्ड बन गए हैं। योजना के तहत एक बार जिसके नाम पर कार्ड बन गया, दोबारा उसका कार्ड बनना संभव नहीं है।
कार्ड बनकर घर पहुंच गए, हमें नहीं पता क्या हैं : होल्डरसरहिंद के राजेश कुमार ने बताया कि उनके तीन परिवारों में आठ लोगों के कार्ड बने हैं। इनके असली या नकली होने बारे वे कुछ नहीं कह सकते। कार्ड बनकर उनके पास पहुंच गए हैं। जिन्होंने बनाए हैं, वो ही बता सकते हैं। कुलदीप निवासी हमांयुपुर ने कहा कि उनके परिवार में तीन कार्ड बनाए गए हैं, जो फर्जी बताए जा रहे हैं। इसी प्रकार जैरी ढिल्लों निवासी बैंक कॉलोनी ने कहा कि उनका कार्ड भी फर्जी निकला है।
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