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पंजाब के फतेहगढ़ साहिब में नहीं हुआ अनफिट वाहनों का सर्वे, मैनपावर की कमी का दिया जा रहा हवाला

पंजाब के फतेहगढ़ साहिब में सड़कों पर दौड़ रहे अनफिट वाहनों ने लोगों की जिंदगी दांव पर लगा रखी है। जिला प्रशासन के पास इनके सर्वे को लेकर कोई सूचना नहीं है। वहीं लोग सीट बेल्ट का इस्तेमाल कम करके खुद के लिए खतरा बढ़ा रहे हैं।

By Edited By: Updated: Tue, 15 Nov 2022 05:28 PM (IST)
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सड़कों पर खुलेआम दौड़ रहे अनफिट वाहन। (जागरण)

सुरेश कामरा, फतेहगढ़ साहिब: जिला प्रशासन ने अब तक किसी भी तरह का सर्वे नहीं करवाया है, जिसके चलते यहां अनफिट वाहन खुलेआम दौड़ते नजर आ रहे हैं। अनफिट वाहनों का आंकड़ा जुटाने के लिए परिवहन विभाग सहित जिला प्रशासन के पास सर्वे को लेकर कोई अहम जानकारी नहीं है। बता दें कि, मैनपावर की कमी का हवाला देते हुए सर्वे न होने का तर्क दिया जा रहा है।

लोग इस्तेमाल नहीं करते सीट बेल्ट, एक साल में हुए 50 चालान 

लोग वाहन चलाते समय अपनी सीट बेल्ट का बहुत कम इस्तेमाल करते हैं। ऐसा नहीं है कि किसी भी नए अथवा पुराने वाहन में सीट बेल्ट नहीं होती परंतु नियमों को न मानने की आदत पंजाबियों में शामिल है। कुछ लोगों ने सीट बेल्ट का इस्तेमाल न करने की आदत डाल ली है क्योंकि ट्रैफिक पुलिस ने इस मामले में सख्ती करना लगभग छोड़ दिया है। बात करें जिला पुलिस की तो पिछले एक साल के दौरान 50 से कम चालान काटे गए हैं। साफ तौर पर दिखाई देता है कि ट्रैफिक पुलिस की ढिलाई सीट बेल्ट न पहनने के आड़े आ रही है।

फैक्ट्रियों में इस्तेमाल हो रहे अनफिट वाहन

मंडी गोबिंदगढ़ को लोहा नगरी कहा जाता है और यहां पर अनफिट वाहनों का धड़ल्ले से इस्तेमाल होता है। एक फैक्ट्री से दूसरी तक लोहे का स्क्रैप एवं कुलफियां लेकर जाने के लिए वाहनों का इस्तेमाल हो रहा है। सूत्र बताते हैं कि उनके दस्तावेज नाकाफी हैं और हालत भी काफी खस्ता है।

सरकारी आदेश का पालन समय-समय पर हो रहा : एसडीएम

फतेहगढ़ में रीजनल ट्रांसपोर्ट आफिसर (आरटीओ) नहीं हैं। इसलिए आरटीओ का चार्ज एसडीएम के पास है। एसडीएम हरप्रीत सिंह अटवाल ने कहा कि मौजूदा समय में उनके पास अनफिट वाहनों का आंकड़ा नहीं है। वह कुछ दिनों में दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से आने वाले समय समय पर आदेशों का पालन किया जा रहा है।

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