Fazilka के किसानों ने बिना पराली जलाए की बिजाई, DC ने किया धन्यवाद; कहा- पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं
फाजिल्का के DC डॉ. सेनू दुग्गल ने उन वातावरण के रक्षक किसानों का धन्यवाद किया है जिन्होंने पराली को बिना जलाए गेहूं की बिजाई कर ली है या कर रहे हैं। डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि यह वह किसान हैं जिन्होंने पराली को बिना जलाए गेहूं बीज कर न केवल वातावरण को प्रदूषित होने से बचाया है बल्कि इन किसानों ने अपनी जमीन को भी बंजर होने से बचाया है।
By mohit KumarEdited By: Nidhi VinodiyaUpdated: Mon, 13 Nov 2023 10:22 PM (IST)
संवाद सूत्र, फाजिल्का। फाजिल्का के डिप्टी कमिश्नर डॉ. सेनू दुग्गल ने उन वातावरण के रक्षक किसानों का धन्यवाद किया है जिन्होंने पराली को बिना जलाए गेहूं की बिजाई कर ली है या कर रहे हैं। डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि यह वह किसान हैं जिन्होंने पराली को बिना जलाए गेहूं बीज कर न केवल वातावरण को प्रदूषित होने से बचाया है बल्कि इन किसानों ने अपनी जमीन को भी बंजर होने से बचाया है। जिसका सीधा प्रभाव उनकी जमीन से उनको आने वाले सालों के दौरान मिलने वाली फसल के झाड़ पर पड़ेगा।
पोषक तत्व जमीन में वापस चले जाते हैं
डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि जब पराली को जलाया जाता है तो इसके साथ पराली के रूप में पोषक तत्व भी नष्ट हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि यह पराली हमारी जमीन में से पोषक तत्व लेकर ही पैदा हुई थी और यदि इसको जला दिया जाता है तो यह तत्व प्रदूषित धुंआ बनकर उड़ जाते हैं परंतु यदि इस को खेत में मिला कर गेहूं की बिजाई कर दी जाए तो इस के साथ यह सभी तत्व जमीन में वापस चले जाते हैं।
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बिजाई की तकनीकों का प्रयोग करें
मुख्य कृषि अधिकारी गुरमीत सिंह चीमा ने कहा कि हमारे किसानों के लिए पराली को खेत में मिला कर ही सुपर सिडर, स्मार्ट सिडर, सरफेस सिडर के साथ मलचिंग विधि के साथ गेहूं की बिजाई करना ही सब से लाभकारी विधि है। क्योंकि यदि हम पराली की गाठें बनाकर भी उठवा देते हैं तो भी पोषक तत्व वापिस जमीन को नहीं मिलते हैं। इस लिए किसान पराली को खेत में मिला कर गेहूं की बिजाई की तकनीकों का प्रयोग करके ही गेहूं की बिजाई करें।
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