Punjab Flood: फाजिल्का में गंभीर होते जा रही बाढ़ की स्थिति, एक फिट फिर बढ़ा जलस्तर
पंजाब के फाजिल्का जिले में बाढ़ की स्थिति गंभीर है जहां सतलुज का जलस्तर बढ़ने से ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। हालांकि हरिके हेड से पानी का बहाव कम हुआ है लेकिन बारिश के कारण हालात और बिगड़ गए हैं। प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में जुटी हैं और राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है।

जागरण संवाददाता, फाजिल्का। पंजाब के सरहदी जिले फाजिल्का में बाढ़ की स्थिति गंभीर होती जा रही है। सतलुज का जलस्तर पिछले 24 घंटे में करीब एक फिट तक बढ़ गया है, जिससे ग्रामीणों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। हरिके हेड से पानी का बहाव 19 हजार क्यूसेक कम होने के बावजूद मौजूदा समय में 2,44,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।
शनिवार रात से लगातार हो रही बारिश ने हालात को और बिगाड़ दिया है। गांवों में फंसे परिवारों को सुरक्षित निकालने के लिए प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमें दिन-रात काम कर रही हैं, वहीं राहत सामग्री नावों के जरिए पहुंचाई जा रही है। जिले में अब तक करीब 13 हजार लोग बाढ़ की चपेट में आए हैं, जिनमें से दो हजार लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका है।
बता दें कि पिछले करीब 15 दिनों से बाढ़ में सरहदी गांवों को अपनी चपेट में लिया हुआ है। हालांकि, 19000 क्यूसेक पानी कम किया गया है लेकिन इसके बावजूद सतलुज का जलस्तर बढ़ने और आसमान से आफत बरसने के कारण कई जगह पानी घरों तक पहुंच चुका है।
उधर बीती रात से हो रही बारिश से फाजिल्का शहर की सड़कें जलमग्न हैं, वहीं सरहदी गांवों में बारिश के चलते हालात नियंत्रण से बाहर होते जा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि बढ़ते पानी और लगातार हो रही बारिश से मकानों को नुकसान का खतरा बढ़ गया है। फसलें भी पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं।
बच्चों और बुजुर्गों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के बावजूद लोग गांवों की सुरक्षा और भविष्य को लेकर चिंतित हैं। प्रशासनिक स्तर पर हालात पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। एनडीआरएफ की टीमों ने रविवार सुबह से ही रेस्क्यू अभियान तेज कर दिया है।
डिप्टी कमिश्नर अमरप्रीत कौर ने कहा कि प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अतिरिक्त टीमें तैनात की गई हैं। पानी में कमी आई है, लेकिन इसका असर कल सुबह तक देखने को मिलेगा।
उन्होंने बताया कि प्रभावित गांवों में नावों के जरिए भोजन, पानी और दवाइयां पहुंचाई जा रही हैं। जिला प्रशासन का प्रयास है कि किसी भी व्यक्ति को भूखा या असुरक्षित महसूस न हो। राहत शिविरों में व्यवस्था मजबूत की जा रही है और मेडिकल टीमों को गांव-गांव भेजा गया है।
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