पंजाब में DAP खाद को लेकर बवाल, अब फिरोजपुर के मुख्य कृषि अधिकारी सस्पेंड; कालाबाजारी और जमाखोरी का खुलासा
पंजाब के फिरोजपुर में डीएपी खाद की कालाबाजारी को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। जिले के सचदेवा ट्रेडर्स के गोदामों में 161.8 मीट्रिक टन डीएपी खाद अनाधिकृत रूप से जमा करने का मामला सामने आया है। इस मामले में फिरोजपुर के मुख्य कृषि अधिकारी जगीर सिंह को निलंबित कर दिया गया है। डीएपी की कमी के चलते किसानों में भारी रोष है।
राज्य ब्यूरो, फिरोजपुर। जिले के सचदेवा ट्रेडर्स के गोदामों में डीएपी खाद के 3236 बैग खाद अनाधिकृत तौर पर जमा करने को लेकर कार्रवाई करते हुए फिरोजपुर के मुख्य कृषि अधिकारी जगीर सिंह को निलंबित कर दिया गया है। पिछले दिनों एसडीएम रणवबीर सिंह की ओर से फिरोजपुर ने इस गोदाम पर छापेमारी की थी और 161.8 मीट्रिक टन खाद पाई गई।
इस समय जब गेहूं की फसल की बुवाई का काम जोरों पर है और डीएपी की कमी पाई जा रही है, इसका फायदा उठाते हुए डीएपी की कालाबाजारी का काम भी जोरों पर चल रहा है। किसानों में डीएपी को लेकर बेचैनी पाई जा रही है ।
कल अबोहर में भी किसानों डीएपी को लेकर गाड़ी को जाने नहीं दिया। जबकि दूसरी ओर फिरोजपुर में अनाधिकृत तौर पर 161.8 मीट्रिक टन डीएपी के खाद को छिपाकर रखा हुआ था। जब इस संबंधी डिप्टी कमिश्नर दीप शिखा शर्मा ने मुख्य कृषि अधिकारी जंगीर सिंह से पूछा तो वह कोई तसल्लीबख्श जवाब नहीं दे सके।
डीएपी को लेकर बढ़ा विवाद
हालांकि, डीसी फिरोजपुर ने डीएपी की कमी के चलते सभी जगह पर जांच करने के आदेश दिए हुए हैं। डिप्टी कमिश्नर फिरोजपुर ने मुख्य कृषि अधिकारी जंगीर सिंह के खिलाफ कार्रवाई के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग वर्मा को लिखा जिन्होंने जंगीर सिंह को निलंबित कर दिया।
फिरोजपुर मुख्य कृषि अधिकारी का चार्ज फाजिल्का के मुख्य कृषि अधिकारी संदीप कुमार को सौंप दिया गया है। अनुराग वर्मा ने डीसी फिरोजपुर से इस मामले में संबंधित गोदाम मालिकों के खिलाफ जिला अटार्नी की सलाह के बाद इसेशनल कोमोडीटीज एक्ट के अधीन केस दर्ज करा दिया गया है।
बरनाला में गतिरोध समाप्त
उधर, बरनाला से खबर है कि डीएपी को लेकर पैदा हुआ गतिरोध समाप्त हो गया है। बरनाला जिले के लिए पांच हजार कट्टा डीएपी पहले ही बरनाला में भेज दी गई थी और अब 2500 कट्टे का इंतजार कर यह भी किसानों को मुहैया करवा दी जाएगी।
बुधवार को रेल गाड़ी में 24 हजार कट्टे डीएपी मोगा आई थी और इनमें से 12800 कट्टे बरनाला जिले के थे और बाकी कट्टे मोगा की कोआप्रेटिव सोसायटियों और प्राईवेट फर्मों को भेजी जानी थीं। मगर मोगा के किसान 3000 कट्टे बरनाला को भेजने और बाकी कट्टे मोगा में देने की मांग पर अड़े हुए थे और इसी हिसाब से पहले कोआप्रेटिव सोसायटियों और फिर प्राईवेट कंपनियों को डीएपी भेजने के बाद बरनाला को सप्लाई दी जानी थी।
मगर बाद दोपहर बरनाला से आए किसानों ने प्राईवेट फर्मों को जाने वाली डीएपी की गाड़ियों को रोक दिया और वह गाड़ियोंके आगे लेट गए थे। पुलिस ने इन्हें बल का प्रयाेग कर हटाया था और बाद में गाड़ियां रवाना की गई थीं। आज सुबह फैसला हुआ है कि बरनाला को 7500 कट्टे डीएपी दी जाएगी।इसमें से 5000 कट्टे बरनाला भेजे जा चुके हैं और बाकी बचे 2500 कट्टे प्रशसन अगले रैक से या फिर प्राईवेट फर्मों को दिए जाएंगे। जिला कृषि अधिकारी सुखराज कौर दियाेल ने बताया कि डीएपी को लेकर गतिरोध खतम हो गया है। किसान रात भर से ही रेलवे स्टेशन पर इसे लेकर डटे हुए थे।
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