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स्मॉग का प्रकोप, एफएसडी से रोकेगा रेलवे

स्मॉग का प्रकोप रेलगाड़ियों के परिचालन पर इस बार कम दिखाई देगा।रेलागाड़ियों को निर्धारित समय से चलाने के लिए रेलवे द्वारा मेल-एक्सप्रेस, पैसेंजर व मालगाड़ी समेत सभी श्रेणी की रेलगाड़ियों में एफएसडी लगा दी है, जीपीएस आधारित इस डिवाइस की मद्द से इंजन में बैठे लोको पायलटों को सिगंल के हरे, लाल व पीला होने के साथ दूरी सटीक जानकारी हासिल होगी, जिससे वह निर्धारित मापदंड पर रेलगाड़ियों का परिचालन कर सकेंगे।

By JagranEdited By: Published: Thu, 01 Nov 2018 06:49 PM (IST)Updated: Thu, 01 Nov 2018 06:49 PM (IST)
स्मॉग का प्रकोप, एफएसडी से रोकेगा रेलवे

प्रदीप कुमार ¨सह, फिरोजपुर

स्मॉग का प्रकोप रेलगाड़ियों के परिचालन पर इस बार कम दिखाई देगा। रेलगाड़ियों को निर्धारित समय से चलाने के लिए रेलवे द्वारा मेल-एक्सप्रेस, पैसेंजर व मालगाड़ी समेत सभी श्रेणी की रेलगाड़ियों में एफएसडी लगा दी है, जीपीएस आधारित इस डिवाइस की मदद से इंजन में बैठे लोको पायलटों को सिग्नल के हरे, लाल व पीला होने के साथ दूरी की सटीक जानकारी हासिल होगी, जिससे वह निर्धारित मापदंड पर रेलगाड़ियों का परिचालन कर सकेंगे।

वीरवार को में नौ बजे तक और दिन में दोपहर चार बजे के बाद विजिबिल्टी 50 मीटर रही। विजिबिल्टी कम होने के बावजूद फिरोजपुर मंडल रेलवे की अधिकांश रेलगाड़ियां अपने निर्धारित समय से अपने गंतव्य की ओर आवागमन करती रही, जो कुछ रेलगाड़ियां अपने निर्धारित समय की देरी से चली उनके देरी से चलने का कारण कुछ और रहा। फिरोजपुर मंडल रेलवे के वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी दयानंद ने बताया कि इस बार स्मॉग, धुंध के मौसम में रेलगाड़ियों की लेट-लतीफी के लिए रेलवे द्वारा पहले से ही तैयारी कर ली गई है। उन्होंने बताया कि पंजाब, हिमाचल प्रदेश व जम्मू-कश्मीर में फिरोजपुर मंडल रेलवे रेलगाड़ियों का परिचालन करता है, ऐसे में मंडल के परिचालन वाले कुल हिस्से में 45 फीसदी हिस्से में स्मॉग का प्रकोप दिखाई दिया, परंतु एफएसडी के कारण इसका कोई खास असर रेलगाड़ियों के परिचालन पर नहीं पड़ा।

फिरोजपुर मंडल रेलवे के डीआरएम विवेक कुमार ने बताया कि मंडल परिक्षेत्र में चलने वाली सभी श्रेणियों की रेलगाड़ियों में एफएसडी अनिवार्य रूप से लगाई गई। ताकि इसका प्रयोग कर लोको पायलट निर्धारित समय से रेलगाड़ियों का परिचालन कर सके। उन्होंने बताया कि इससे सिग्नल की स्थित बिल्कुल सटीक पता चलती है, जिससे हादसे की आशंका न के बराबर रहती है, उन्होंने कहा कि अभी धुंध का प्रकोप पूरे मंडल में कहीं नहीं है फिर भी स्टेशन अधीक्षकों तक पटाखे पहुंचाने के साथ ही ट्रैक पर पेट्रो¨लग बढ़ा दी गई है।

कैसे काम करता है एफएसडी

फॉग सेफ्टी डिवाइस (एफएसडी) की मदद से स्मॉग व घने कोहरे में भी ट्रेनों की हाई स्पीड को बनाए रखा जा सकेगा, यह डिवाइस जीपीएस की मदद से काम करता है। डिवाइस को ट्रेन में ड्राइवर के पास लगाया जाता है, यह ऑडियों व विजुअल दोनों प्रकार से काम करता है। जिससे ट्रेन ड्राइवर को रियल टाइम, लोकशन की सटीक जानकारी मिलती है, इस डिवाइस में लगा डिसप्ले लोकेशन और ट्रेक से संबंधित जानकारी देता है। ड्राइवर को संबंधित ट्रेन में ड्यूटी पर चढ़ते ही फॉग सेफ्टी डिवाइस को इंजन के कमां¨डग बोर्ड से जोड़ देता है, डिवाइस सिग्नल को कनेक्ट करती है। इससे लोको पायलट को सामने आने वाले स्टेशन पर सिग्नल की दूरी के बारे में पता चल जाता है। सामने कितनी दूरी पर हरी, रेड या यलो सिग्नल है।


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