Firozpur Flood: जान जोखिम में डालकर छत पर रह रहे लोग, प्रशासन और समाजसेवी संस्थाएं नहीं ले रही कोई सुध
Firozpur Flood कालूवाला में जान जोखिम में डालकर लोग छत पर रह रहे हैं। यहां प्रशासन और समाजसेवी संस्थाएं कोई सुध नहीं ले रही हैं। जिसका मुख्य कारण गांव के साथ लगती सतलुज दरिया में उफान आया हुआ है और यहां पर किश्ती चलाना किसी खतरे से खाली नहीं है। स्कूल गांव से 5 फीट ऊंचाई पर बना हुआ है और स्कूल के भीतर भी पानी घुस गया था।
By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaUpdated: Thu, 24 Aug 2023 06:20 PM (IST)
कालूवाला/फिरोजपुर, तरूण जैन। Firozpur Flood: अन्तर्राष्ट्रीय हिन्द-पाक सीमा के साथ लगते गांव कालूवाला में पिछले एक सप्ताह से ना तो कोई समाजसेवी संस्था पहुंची है और ना ही कोई प्रशासन। जिसका मुख्य कारण गांव के साथ लगती सतलुज दरिया में उफान आया हुआ है और यहां पर किश्ती चलाना किसी खतरे से खाली नहीं है।
कालूवाला में बने सरकारी प्राईमरी स्मार्ट स्कूल में रुके लोग
प्रशासन द्वारा जब ग्रामीणों को गांव खाली करने के आदेश दिए गए तो गांव के कुछ लोग कालूवाला में बने सरकारी प्राईमरी स्मार्ट स्कूल में रुक गए थे। स्कूल गांव से 5 फीट ऊंचाई पर बना हुआ है और स्कूल के भीतर भी पानी घुस गया था, जिसके बाद लोगों ने स्कूल की छत पर शरण ली। गांव ना छोड़ने का मुख्य कारण ग्रामीणों द्वारा पशुओं की देखभाल करना है। बाढ़ के कारण 6 भैंसें भी बहकर जा चुकी हैं।
गांव में 350 लोगों की आबादी
यह देश का ऐसा इकलौता गांव है जोकि 3 तरफ से सतलुज दरिया और एक तरफ से भारत-पाक की फैंसिंग से घिरा हुआ है। गांव में मात्र 65 घर है और 350 लोगों की आबादी है। यहां सड़क से जाने को कोई रास्ता ना होने के कारण लोग किश्तियों के माध्यम से ही सफर तय करते है।
निहाले वाला की तरफ से यहां पर सेना द्वारा कैप्सूल पुल बनाया जाता है, लेकिन पानी के तेज बहाव में वह भी बह गया है। 9 जुलाई को सबसे पहले गांव पानी में डूबा था और तब से ग्रामीणों को काफी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है।
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