Punjab News: फिरोजपुर में बड़ा हादसा! मेले में झूले की रस्सी टूटने से नीचे गिरे बच्चे, तीन की मौत; एक घायल
पंजाब के फिरोजपुर के सरहदी गांव में बड़ा हादसा हो गया। यहां लगे मेले में झूले की रस्सी टूटने से तीन बच्चों की मौत हो गई और एक गंभीर रूप से घायल हो गया। यह हादसा झूला तेज चलाने से हुआ। एक मृतक बच्चे का शव पोस्टमॉर्टम के लिए फिरोजपुर सिविल अस्पताल लाया गया है। प्रशासन की अनुमति के बिना ही प्रबंधकों की ओर से मेला लगाया गया था।
संवाद सहयोगी, फिरोजपुर। फिरोजपुर के सरहदी गांव दुलचीके में लगे मेले में शनिवार शाम को बड़ा हादसा हुआ है। इस हादसे में तीन बच्चों की मौत हो गई, जबकि एक बच्चे की हालत गंभीर है। यह हादसा झूला तेज चलाने से हुआ। एक मृतक बच्चे का शव पोस्टमॉर्टम के लिए फिरोजपुर सिविल अस्पताल लाया गया है।
मृतक के भाई कर्णदीप सिंह ने बताया कि वह और उसका भाई अमदीप मेला देखने के लिए गांव कालू वाला से गांव दुलचीके में गए थे। उसने बताया कि मेले में जब वह किश्ती वाले झूले में झूला ले रहे थे, तो उसमें क्षमता से अधिक लोगों को बैठा रखा था। कई युवाओं ने कहा कि झूले को ओर तेज चलाओ। फिर उसके बाद पता नहीं कौनसी रस्सी गले में फंसी ओर चार बच्चे झूले से नीचे गिर गए।
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मृतक के भाई ने बताई घटना
इनमें से मृतक अमनदीप सिंह झूले के प्लेटफार्म पर गिरा और झूला उसके उपर से गुजर गया जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। इसके साथ हमारा एक और दोस्त जिसकी टांग टूट गई। इसके अलावा दो ओर बच्चे थे जिनकी मौत हो गई, लेकिन वह कहां के है इसके बारे में अभी पता नहीं चला है। उन्होंने बताया कि अपनी ओर से उन्होंने मृतक अमनदीप को अस्पताल ले जाने की बहुत कोशिश की लेकिन उसे नहीं बचा पाए।
मृतक के भाई मंगल सिंह ने बताया कि मृतक अमनदीप की आयु लगभग 16 वर्ष निवासी गांव कालूवाला का रहने वाला था। उसका एक ओर भाई है गुरप्रीत जो बीए की पढ़ाई कर रहा है। अमनदीप सरकारी स्कूल गांव गट्टी राजोके में 9वीं कक्ष में पढ़ता था। उसके माता-पिता मेहनत मजदूरी कर घर का गुजारा करते हैं। उन्होंने कहा कि हादसे की सूचना पुलिस को दे दी गई है।
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हादसे के बाद मेला बंद, झूला मालिक फरार
हादसे के बाद मेला बंद कर दिया गया और झूला मालिक फरार हो गया। यह मेला गांव दुलचीके के गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा हर वर्ष लगाया जाता है। जहां हजारों की संख्या में लोग पहुंचते हैं। जानकारी अनुसार प्रशासन की ओर से इस मेले को लगाने के लिए कोई भी अनुमति नहीं दी गई थी। प्रशासन की अनुमति के बिना ही प्रबंधकों की ओर से मेला लगाया गया था।