300 रुपये लेकर सफाई सेवक बना डॉक्टर, हादसे में घायल का यूं किया इलाज
बटाला स्थित सिविल अस्पताल में डॉक्टर के बजाय सफाई सेवक ने मरीज को टांके लगाए। उसने इसके लिए 300 रुपये भी लिए।
By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Fri, 06 Jul 2018 09:02 PM (IST)
जेएनएन, बटाला [गुरदासपुर]। सिविल अस्पताल में 300 रुपये लेकर सफाई सेवक ही डॉक्टर बन गया और मरीज के सिर पर लगी गंभीर चोट में टांके लगा दिए। सफाई सेवक मरीज के साथ आए लोगों को यह भी कह रहा था कि डरो मत मुझे डॉक्टर ने टांके लगाने की ट्रेनिंग दी है। टांके लगाने के बाद मरीज को अमृतसर रेफर कर दिया गया।
बाेला- घबराओ नहीं डॉक्टर ने दे रखी है पूरी ट्रेनिंग घटना दो जुलाई सुबह 10 बजे की है। पंजाब रोडवेज की बटाला वर्कशॉप में मरम्मत के दौरान एक टायर का रिम उछलकर सुखदेव सिंह, अनूप कुमार को लगा। अनूप कुमार के सिर पर गहरी चोटें आई थीं। कर्मचारी अनूप कुमार को सिविल अस्पताल बटाला की इमरजेंसी में ले गए। कंपाउडर ने बताया कि डॉक्टर अभी नहीं है लेकिन उसने एसएमओ डॉ. संजीव भल्ला को इस बारे में जानकारी दे दी। एसएमओ भल्ला ने अनूप की नाजुक हालत देखकर कंपाउंडर को निर्देश दिए कि डॉक्टरी मदद देकर अनूप को अमृतसर रेफर कर दिया जाए।
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कंपाउडर अनूप को इमरजेंसी वार्ड के एक कमरे में ले गए और कहा कि सिर पर टांके लगाएंगे जिससे खून बहना रुक जाएगा। यह कहकर कंपाउडर भी वहां से चला गया। इतने में इमरजेंसी में एक सफाई सेवक हाथ में धागा और सुई लेकर आया। उसने कहा कि वह टांके लगाएगा, लेकिन उसकी फीस 300 रुपये है। पहले फीस देगी होगी फिर टांके लगाए जाएंगे। उसने यहां तक कहा कि डरो मत इमरजेंसी के डॉक्टरों ने मुङो मरीजों को टांके लगाने की ट्रेनिंग दे रखी है। यह उसका रोज का काम है। अनूप की नाजुक हालत को देखते हुए साथियों ने 300 रुपये सफाई सेवक को थमा दिए जिसके बाद वह टांके लगाने लगा।
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आरोपित पर होगी कार्रवाई
सिविल सर्जन डॉ. किशनचंद का कहना है कि सफाई सेवक का किसी मरीज को टांके लगाना सरासर गलत है। यह काम डॉक्टरों का है। डॉक्टरों का है। मामले की जांच करवाई जाएगी। सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह भी पढ़ेंः पहले बाप, फिर बेटा-बहू फंसे इस 'दरिंदे' के चंगुल में, और तबाह हो गया परिवार
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