पंजाब में डेंगू-चिकनगुनिया का कहर जारी, गुरदासपुर में आंकड़ों ने छुआ दोहरा शतक; लक्षण-बचाव के ये हैं उपाय
Dengue-Chikungunya Case Increase पंजाब के गुरदासपुर में डेंगू और चिकनगुनिया का कहर जारी है। यहां पर अब तक डेंगू के 233 केस सामने आ चुके हैं। जबकि चिकनगुनिया के 41 मामले हो चुके हैं। यदि डेंगू की बात की जाए तो बटाला में सबसे अधिक 78 केस पाए जा चुके हैं। डॉक्टरों के अनुसार डेंगू के चपेट में आने के बाद मरीज पूरी तरह से कमजोर हो जाते हैं।
रवि कुमार, गुरदासपुर। Dengue & Chikungunya Case Increase In Punjab: जिले में डेंगू का कहर जारी है। आए दिन डेंगू के करीब 15 से 20 नए मामले सामने आ रहे हैं। जिससे डेंगू (Dengue Case) का आंकड़ा दोहरे शतक से पार हो चुका है। जबकि चिकनगुनिया के मामलों ने भी सेहत विभाग को चिंता में डाला हुआ है। उधर सेहत विभाग की ओर से भी डेंगू और चिकनगुनिया (Chikungunya) को रोकने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। इसके साथ ही इससे बचाव संबंधी भी लोगों को जागरुक किया जा रहा है।
गौरतलब है कि जिले में अब तक डेंगू के 233 केस सामने आ चुके हैं। जबकि चिकनगुनिया के 41 मामले हो चुके हैं। यदि डेंगू की बात की जाए तो बटाला (Batala) में सबसे अधिक 78 केस पाए जा चुके हैं। डॉक्टरों के अनुसार डेंगू के चपेट में आने के बाद मरीज पूरी तरह से कमजोर हो जाते हैं। ऐसे में खान-पान व समुचित इलाज ही एक मात्र बेहतर स्वास्थ्य का उपाय है।
डेंगू के अब तक इतने सामने आ चुके मामले
ब्लॉक/मामले
बटाला-78
गहुरदापुर-59
दीनानगर-3
धारीवाल में-3
कादियां-1
रणजीत बाग रुरल ब्लॉक-12
बहरामपुर-11
दोरांगला-17
नौशहरा मज्झा सिंह-11
कलानौर-2
काहनूवान-21
भाम -2
भुल्लर-2
ध्यानपुर-2
फतेहगढ़ चूड़ियां-2
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चिकनगुनिया के इतने हो चुके मामले
ब्लॉक-मामले
गुरदासपुर-28
बटाला-2
धारीवाल-1
रणजीत बाग-2
बहरामपुर-1
दोरांगला-5
नौशहरा मज्झा सिंह-1
भुल्लर-1
चिकनगुनिया और डेंगू के लक्षण
चिकनगुनिया और डेंगू में आने वाले बुखार के लक्षण लगभग एक जैसे ही होते हैं। हालांकि माना जाता है कि डेंगू का वायरस चिकनगुनिया के वायरस से ज्यादा खतरनाक होता है। डेंगू में लगातार गिरते प्लेटलेट्स की वजह से व्यक्ति को बेहद कमजोरी महसूस होती है। जबकि चिकनगुनिया से व्यक्ति 1 से 12 दिन तक पीड़ित रहता है। इसकी वजह से शरीर में कई सालों तक दर्द बना रहता है।
चिकनगुनिया के मरीज को जोड़ों में तेज दर्द होता है। यही दर्द डेंगू और चिकनगुनिया के मरीजों को लक्षणों में एक-दूसरे से अलग करता है। कुछ लोगों को इस दर्द से राहत पाने में 6 महीने से 1 साल तक का वक्त लग जाता है।चिकनगुनिया में हथेलियों और पावों के साथ पूरे शरीर पर रेशैज हो जाते हैं। वहीं, डेंगू में चेहरे और चमड़ी पर लाल रेशैज होते हैं।
बुखार के कारण आमतौर पर भी मरीज के शरीर में दर्द होता है, लेकिन चिकनगुनिया से पीड़ित व्यक्ति के पूरे शरीर में काफी दर्द रहता है। मरीज का पूरा शरीर दर्द से टूट रहा होता है। सबसे ज्यादा तकलीफ जोड़ों के दर्द के कारण होती है।डेंगू में दर्द अधिक होने की वजह से ब्लिडिंग और सांस लेने में भी दिक्कत आ सकती है।
चिकनगुनिया के मरीज के शरीर पर लाल रंग के रैशेज हो जाते हैं। रोगी के शरीर पर खुजली हो सकती है। उसके शरीर पर चकत्ते भी निकल सकते हैं।
चिकनगुनिया वायरस का सीधा असर जॉइंट्स पर होता है। जिसकी वजह से लोग दर्द से बेचैन हो जाते हैं।
बचाव
अपने घर के आसपास की जगह पर सफाई रखें।
घर के पास पानी ना जमा होने दें। डेंगू और चिकनगुनिया के मच्छर साफ पानी में ही पैदा होते हैं।
चिकनगुनिया के मच्छर ज्यादातर दिन के समय काटते हैं। इसलिए सिर्फ रात ही नहीं बल्कि दिन में भी मच्छरों से बचाव जरूरी है। इनसे बचने के लिए मच्छरदानी का इस्तमाल करें।
इस मौसम में कोशिश करें कि हमेशा पूरी बाजू के ही कपड़े पहनें।
लक्षणों के आधार पर डॉक्टर से सलाह लेकर ही दवा लें। डॉक्टर को दिखाए बिना अपनी मर्जी से ही कोई दवा लेने की भूल बिल्कुल ना करें।
रोकथाम का प्रयास
उधर जिला एपीडिमालोजिस्ट डा. प्रभजोत कौर कलसी ने बताया कि डेंगू और चिकनगुनिया के रोकथाम को लेकर गठित की गई टीमों की ओर से अलग अलग जगहों पर जाकर मच्छरों की ब्रीडिंग चेक की जा रही है। जहां पर कोई ब्रीडिंग मिलती है तो उसे वहां पर ही नष्ट कर दिया जाता है। इसके साथ ही लोगो को भी साफ-सफाई के प्रति जागरुक किया जा रहा है।
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