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Ganderbal Terror Attack: करवाचौथ के दिन आतंकियों ने छीन लिया चरनजीत का सुहाग, फोन पर बाते करते समय पति को लगी गोली

Ganderbal Terror Attack कश्मीर के गांदरबल में हुए आतंकी के हमले में पंजाब के बटाला के गुरमीत सिंह की मृत्यु हो गई। करवा चौथ के दिन पत्नी से बात करते हुए गुरमीत सिंह को गोली लग गई। परिवार में शोक की लहर है। गुरमीत सिंह के पिता पूर्व फौजी हैं। मृतक गुरमीत ऐफ्को कंपनी में हेल्पर का काम कर रहा था।

By Jagran News Edited By: Rajiv Mishra Updated: Mon, 21 Oct 2024 07:17 PM (IST)
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पत्नी से बात करते समय गुरमीत को लगी थी गोली

परमवीर ऋषि, बटाला। कश्मीर घाटी के गांदरबल में आतंकवादियों की तरफ से रविवार शाम को जब काम कर रहे लोगों पर हमला किया तब बटाला के गांव सखोवाल का 38 वर्षीय गुरमीत सिंह अपनी पत्नी चरनजीत कौर के साथ रविवार शाम को ही बात कर रहा था। परिवार में सभी का हाल पूछ रहा था।

पति और पत्नी के बीच बात हो ही रही थी कि अचानक फोन बंद हो गया और करवा चौथ के दिन चरनजीत कौर के पति की मौत का समाचार मिला। गुरमीत की मौत की सूचना मिलते ही परिवार और इलाके में शोक की लहर फैल गई।

करवाचौथ के दिन ही छीन गया चरनजीत का सुहाग

बिलखते हुए पत्नी चरनजीत कौर ने बताया कि रविवार की शाम को जब वह अपने पति के साथ बात कर रही थी। गुरमीत सिंह ने फोन पर परिवार का हाल पूछा, बच्चों की पढ़ाई और सेहत का हाल पूछा। इसी दौरान फोन में से पटाखे चलने जैसी आवाज आई। गुरमीत सिंह ने बताया अपनी पत्नी चरनजीत कौर को बताया कि वहां पर शायद गोलियां चलनी शुरू हो गई हैं।

उसने कहा कि लगता है आतंकवादियों की तरफ से साइट पर काम कर रहे लोगों पर गोलियां चलाई है। बात करते करते ही एक गोली गुरमीत सिंह को लगी तो गुरमीत सिंह ने अपनी पत्नी चरनजीत कौर से कहा कि उसकी बाजू में गोली लग गई है और फिर फोन से आवाज आनी बंद हो गई।

चरनजीत कौर ने रोते हुए भीगी आंखों से कहा कि महिलाएं करवा चौथ पर अपने पति की लंबी दुआएं मांगती है। लेकिन परमात्मा ने तो उसका सुहाग करवा चौथ के दिन ही छीन लिया। वह अपने बच्चों मुस्कान कौर और करनदीप सिंह के भविष्य की अक्सर ही चिंता करता था।

मृतक की मां ने कही ये बात

मृतक की मां बलजिंदर कौर ने बताया कि बेटा परिवार की आर्थिक तौर पर मदद करने के लिए कश्मीर घाटी में कंपनी में काम करने के लिए दो साल पहले गया था। तब बेटे को कश्मीर के हालात ठीक न होने के कारण रोका था लेकिन गुरमीत कहता था कि वहां पर काम मिल रहा है और कंपनी में तरक्की के मौके भी हैं। साथ ही अच्छा वेतन भी मिलेगा। जिससे बच्चों की अच्छी पढ़ाई करवाने में मदद मिलेगी।

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पूर्व फौजी हैं मृतक गुरमीत के पिता

मृतक गुरमीत सिंह के पिता पूर्व फौजी धर्म सिंह अपने बेटी की मौत पर खामोश हो चुके हैं। बूढ़ी आखों में आंसू तो आ रहे हैं, लेकिन धर्म सिंह उन आंसूओं को बाहर निकलने नहीं दे रहे। धर्म सिंह ने बताया कि उनका बेटा गुरमीत सिंह करीब दो साल से ऐफ्को कंपनी में हैल्पर का काम कर रहा था।

बेटा गुरमीत कुछ ही समय पहले घर आया था और कह रहा था कि कंपनी में जल्द ही तरक्की मिलने वाली है और वह हैल्पर से रीगर बनने वाला है और उसका वेतन भी बढ़ जाएगा। जिस कारण परिवार में खुशी का महौल बना हुआ था।

इस दीवाली बेटे की तरक्की की खबर सुनकर वह अपने पोता- पोती के साथ जम कर खुशियां मनाने की सोच रहा था। लेकिन लगता है कि वाहेगुरू को कुछ और ही मंजूर था। दीपावली की खुशियां शायद उनके परिवार में नहीं थी। पहले पता चला था कि गुरमीत की बाजू में गोली लगी है लेकिन बाद में पता चला कि उसके पेट में गोली लगी है और उसकी मौत हो गई है।

आज देर रात शव पहुंचेगा गांव

जानकारी के अनुसार मृतक गुरमीत सिंह का शव आज देर रात तक उसके गांव सखोवाल में पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है। जिसके बाद मृतक का दाह संस्कार गांव के ही श्मशान घाट में किया जाएगा। जिस दौरान विभिन्न धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक लोग अंतिम संस्कार के दौरान शामिल होंगे।

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