काश, पहले चेत जाते: 50 साल से चल रही थी अवैध फैक्टरी, दो बार पहले भी हुए थे धमाके
बटाला मेें 23 लोगों की जान लेने वाली फैक्टरी पिछले 50 साल से अवैध रूप से चल रही थी। इसमें दो बार पहले भी धमाका हुआ था लेकिन प्रशासन ने कोई एक्शन नहीं लिया।
By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Thu, 05 Sep 2019 05:02 PM (IST)
बटाला, [विनय कोछड़]। शहर में हंसली पुल क्षेत्र में स्थित बाबा सिंह सतनाम सिंह फायर वर्क्स नामक पटाखा फैक्टरी पिछले 50 साल से अवैध तरीके से चल रही थी। इसमें पहले भी दो बार धमाका हो चुका है। इन हादसों के बावजूद प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया और मिलीभगत कर दोनों बार फैक्टरी को क्लीयरेंस दे दी गई। इसी का नतीजा है कि बुधवार को 23 लोगों की जान चली गई और दर्जनों घरों में मातम छा गया। 2017 में हुई एक ऐसी ही घटना के दौरान एक मजदूर की मौत हो गई थी और तीन गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
2016 व 2017 में भी हुए थे हादसे, एक मजदूर की हुई थी मौत, तीन हुए थे घायलउस समय मामला सिविल लाइन थाना के पास पहुंचा था। प्रशासन के पास अवैध व रिहायशी इलाके में फैक्टरी चलने की बात भी आई थी। जांच कमेटी तक बैठाई गई थी, लेकिन बाद में समझौता होने के कारण पर्चा खारिज कर दिया गया था। उस समय घायल मजदूरों का इलाज दो माह तक सिविल अस्पताल में भी चला था। पर्चा खारिज होने के बाद इस अवैध फैक्टरी को फिर से क्लीयरेंस मिल गई और मालिक ने पटाखा बनाना शुरू कर दिया।
आसपास के लोगों ने बताया कि फैक्टरी के खिलाफ वे कई बार प्रशासन के सामने शिकायत कर चुके हैं, लेकिन उनकी शिकायत को हमेशा नजरअंदाज कर दिया गया। लोगों के आरोप लगाए कि प्रशासन की मिलीभगत के कारण ही फैक्टरी चल रही थी। अगर समय कार्रवाई की जाती तो शायद यह हादसा नही होता। 2016 में भी फैक्टरी में आग लगी थी, लेकिन तब कोई भी जख्मी नहीं हुआ था। अगले ही साल दो मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
क्षेत्र के लोगों ने बताया कि बाबा सिंह सतनाम सिंह के नाम से यह फैक्टरी पिछले करीब 50 साल से अवैध तौर पर चल रही फैक्टरी के मालिक जसपाल सिंह और उसके बेटे ओंकार सिंह का कुछ पता नहीं चल पाया है। आशंका जताई जा रही है वह मलबे में दबे होंगे। वहीं, गंभीर रूप से घायल जसपाल सिंह की पत्नी परमजीत कौर व बेटी हरमनजीत कौर को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
साथ लगते स्कूल में पढ़ते हैं छह हजार बच्चे, छुट्टी होने के कारण बची जान
फैक्टरी के पास रिहायशी इलाका है। पास ही स्कूल है, जिसमें छह हजार बच्चे पढ़ते हैं। अगर बुधवार को बाबा नानक के विवाहोत्सव के अवसर पर छुट्टी न होती तो हादसा और भी भयावह हो सकता था। लोगों के अनुसार गनीमत रही कि यहां से डेढ़ किलोमीटर दूरी पर स्थित सेंट फ्रांसिस स्कूल में बुधवार को छुट्टी थी। अकसर स्कूल के बच्चे आने जाने के लिए इस रास्ते का इस्तेमाल करते हैैं।
पड़ोसियों से हुआ था झगड़ा
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि अवैध फैक्टरी के कारण मालिक की कई बार पड़ोसियों से झगड़ा हुआ था। उन्होंने कई बार फैक्टरी शिफ्ट करने को कहा था। शिकायत उच्चाधिकारियों तक पहुंची तो आश्वासन के लिए एक कमेटी गठित की। जांच में फैक्टरी मालिक को फिर क्लीयरेंस दी गई।
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