घर में खतरनाक कुत्ते, बाहर खतरे की घंटी
गर्म स्वभाव से जाने जाते पिटबुल और पाकिस्तानी बुली जैसे डाग घरों में रखने के लायक नहीं हैं।
By JagranEdited By: Updated: Sun, 21 Mar 2021 06:39 PM (IST)
बाल कृष्ण कालिया गुरदासपुर
गर्म स्वभाव से जाने जाते पिटबुल और पाकिस्तानी बुली जैसे डाग घरों में रखने के लायक नहीं हैं। ये कुत्ते इतने आक्रमक होते हैं कि अपने शिकार पर तुरंत हावी हो जाते हैं। जिले में पिटबुल डाग के ऐसे कई किस्से सुनने को मिलते हैं, जिसमें उसने किसी ना किसी व्यक्ति को अपना निशाना बनाया है। कुछ दिन पहले बटाला में भी पिटबुल डाग ने एक बच्चे को अपना निशाना बनाया था। अगर नियमों की बात करें तो पिटबुल और पाकिस्तानी बुली जैसे खतरनाक कुत्तों को घर में रखने के लिए सबसे पहले नगर कौंसिल से इसकी मंजूरी (रजिस्ट्रेशन करवानी) होती है। पाश कालोनियों में रहने वाले लोग अपने घरों में ऐसे खतरनाक कुत्ते पाल रहे हैं। वहीं गुरदासपुर के एक प्रसिद्ध डाक्टर द्वारा अपने घर में रखा गया पाकिस्तानी बुली डाग को इस मजबूरी की वजह से छोड़ना पड़ा क्योंकि वह उसके ही परिवार पर आक्रमण हो चुका था। इसके बाद उन्होंने कुत्ते को किसी अन्य स्थान पर छोड़ दिया। बता दें कि पाकिस्तानी बुली और पिटबुल डाग घरों में रखने के लायक नहीं है। सिलचढ़ बोल रहा शौक
शहर के 25 फीसद लोग शौक के कारण कुत्ते पाल रहे हैं। हालांकि घरों में कुत्ता रखने से पहले नगर कौंसिल से इसकी मंजूरी लेनी होती है। लोगों ने तो पिटबुल, अमेरिकन बुली और पाकिस्तानी बुली जैसे डाग भी घरों में पाले हुए हैं। पंजाबियों का यह शौक आम लोगों के लिए समस्याओं का कारण बन रहा है। परिजनों को ही काटने लगा पिटबुल डाग
पशुपालन विभाग के बड़े अधिकारी व सीनियर डाक्टर डाक्टर गुरदेव सिंह ने बताया कि एक सप्ताह पहले उनके पास गुरदासपुर शहर से संबंधित एक परिवार आया था। उन्होंने कहा कि वह अपने पिटबुल डाग से बहुत परेशान है। छोटा होने के कारण उसको घर में रख लिया, लेकिन जब वह बड़ा हो गया है तो उन पर ही अटैक कर रहा है। डाक्टर ने बताया कि यह कुत्ते गर्म स्वभाव के होते हैं और जल्द ही घर के सदस्यों को नुकसान पहुंचाते हैं। कौंसिल अधिकारी बोले-लोग शिकायत दें नगर कौंसिल के कार्यकारी अधिकारी अशोक कुमार का कहना है कि खतरनाक कुत्ते घर में रखने से पहले उसकी रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी होता है। अगर ऐसे खतरनाक कुत्ते किसी के लिए समस्या का कारण बनते हैं तो वह नगर कौंसिल को शिकायत दे सकते हैं। इसके बाद नगर कौंसिल जंगलात विभाग को उसके खिलाफ कार्रवाई के लिए लिखेगी। उनका कहना है कि घरों में ऐसे कुत्ते रखने से पहले उसकी रजिस्ट्रेशन करवानी जरूरी होती है। जबकि गुरदासपुर के लोगों ने अभी तक एक भी रजिस्ट्रेशन नहीं करवाई है।
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