पंजाब में कई जिलों में भारी बारिश का संभावना के कारण येलो अलर्ट जारी, सेना ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में बांटा राशन
पंजाब में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है जहां कई जिलों में भारी बारिश ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं। मौसम विभाग ने रविवार और सोमवार को भी भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। सेना बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने में जुटी है हेलिकॉप्टर से खाद्य सामग्री पहुंचाई जा रही है। गुरदासपुर पठानकोट और अमृतसर जैसे सीमावर्ती जिलों में बीएसएफ राहत कार्यों में सक्रिय है।

जागरण संवाददाता, लुधियाना। बाढ़ से जूझ रहे पंजाब के कई जिलों में शनिवार को भी जोरदार वर्षा हुई। जिससे मुश्किलें और बढ़ गई। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार रविवार और सोमवार को भी कई इलाकों में भारी बारिश की संभावना है। इस प्राकृतिक आपदा के समय बाढ़ में फंसे लोगों के लिए सेना रक्षक बनी है। हेलिकाप्टर की मदद से प्रभावित इलाकों में खाद्य एवं राशन सामग्री के हजारों पैकेट गिराए गए।
मौसम केंद्र चंडीगढ़ के अनुसार शनिवार को पठानकोट में सुबह साढ़े आठ बजे 41.5 मिलीमीटर वर्षा हुई, जबकि फिरोजपुर में 41.5 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई। वहीं रूपनगर में भी सुबह साढ़े आठ से शाम साढ़े पांच बजे के दौरान 19 मिलीमीटर, अमृतसर में 22.7 मिलीमीटर, फाजिल्का में 11.5 मिलीमीटर, मानसा में 14.7 मिलीमीटर, फरीदकोट में 5.7 मिलीमीटर, लुधियाना में 6.4 मिलीमीटर, बठिंडा में 5.5 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड की गई।
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार रविवार व सोमवार को भी पंजाब के कई जिलों में भारी वर्षा की संभावना है। खासकर, हिमाचल के साथ लगते जिलों में। जिसे लेकर येलो अलर्ट जारी किया है। वहीं विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार दो सितंबर के बाद से मौसम साफ हाे जाएगा। पांच सितंबर तक वर्षा की संभावना नहीं है। इसके बाद दोबारा से मानसून सक्रिय होगा और कई जिलों में भारी वर्षा हो सकती है।
भारतीय सेना अब प्राकृतिक आपदा में बाढ़ में फंसे लोगों के लिए रक्षक बनी है। सीमावर्ती जिलों गुरदासपुर, पठानकोट व गुरदासपुर में बीएसएफ के जवान बाढ़ प्रभावित लोगों को बचाने के लिए 69 हेलिकाप्टर, 45 वाटर विंग और 30 वाहनों के साथ राहत कार्यों में जुटे हैं।
शनिवार को राहत अभियान के दौरान बीएसएफ ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में खाद्य एवं राशन सामग्री के हजारों पैकेट गिराए। हेलिकाप्टर की मदद से उन गांवों तक राहत सामग्री पहुंचाई, जहां कई दिनों से ग्रामीण घरों में फंसे हैं। इन जिलों में रावी, ब्यास व सतलुज दरिया के लगातार बढ़ते जलस्तर और सड़क संपर्क टूटने के कारण सरकारी कर्मी नहीं पहुंच पा रहा है।
अमृतसर में रावी दरिया का पानी 24 किमी दूर अजनाला तक पहुंच गया है। बाढ़ की चपेट में 50 से अधिक गांव आ चुके हैं। रमदास, अजनाला, गग्गोमाहल, थोबा इत्यादि गांवों में तीन से सात फीट तक पानी भरा है। पानी में घिरे इन गांवों के लोग पीने के पानी को भी तरस रहे हैं।
हालांकि बीएसएफ के जवान दिन-रात बचाव कार्य में जुटे हैं। शनिवार को हेलीकाप्टर से सैन्य बलों ने प्रभावित क्षेत्रों में राशन व राहत सामग्री के पैकेट गिराए। दरअसल, अजनाला के दर्जनों गांव टापू में परिवर्तित हो चुके हैं। पांच दिनों से पानी में फंसे लोगों को राहत सामग्री में आटा, चावल, दाल, नमक और अन्य आवश्यक खाद्य सामग्री दी गई।
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