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कारगीर शहीद सूबेदार निर्मल सिंह का श्रद्धांजलि समारोह आज

यह वीरगाथा है सूबेदार निर्मल सिंह की।

By JagranEdited By: Updated: Mon, 05 Jul 2021 07:38 PM (IST)
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कारगीर शहीद सूबेदार निर्मल सिंह का श्रद्धांजलि समारोह आज

संवाद सहयोगी, गुरदासपुर : यह वीरगाथा है, सूबेदार निर्मल सिंह की। उन्होंने कारगिल युद्ध में वहां की बर्फीली चोटियों पर पाक सेना का मुकाबला करते हुए टाइगर हिल पर तिरंगा फहराकर शहादत का जाम पीते हुए अपना नाम शहीदों की श्रेणी में स्वर्ण अक्षरों में अंकित करवा लिया था। उनका श्रद्धांजलि समारोह मंगलवार को गांव पुरानाशाला में इनकी याद में बने पेट्रोल पंप पर होगा।

शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविदर विक्की ने बताया कि इस जांबाज सैनिक का जन्म छह मई 1957 को पिता धन्ना सिंह और माता शांति के घर गांव पुराना शाला में हुआ। सरकारी हाई स्कूल तालिबपुर पिडोरी से मैट्रिक करने के बाद 21 सितंबर 1976 को वे सेना की आठ सिख रेजीमेंट में भर्ती हो गए। 1999 को पाकिस्तान ने जब देश पर कारगिल युद्ध थोपा तो सबसे पहले उनकी यूनिट को ही वहां भेजा गया। छह जुलाई 1999 को उनकी यूनिट को टाइगर हिल फतेह करने का आदेश मिला। सूबेदार निर्मल सिंह के नेतृत्व में एक सैन्य दल ने इस पहाड़ी पर चढ़ना शुरू किया। पाकिस्तान सेना की जब नजर इन पर पड़ी तो उन्होंने गोलाबारी करनी शुरू कर दी। सूबेदार निर्मल सिंह ने अपने साथी सैनिकों के प्राणों को बचाते हुए दुश्मनों का बहादुरी के साथ मुकाबला किया और उन्हें काफी जानी नुकसान भी पहुंचा। इसी बीच एक गोली उनके सीने को भेदती हुई निकल गई। गंभीर रूप से घायल होने के बाद भी वे आगे बढ़ते रहे और टाइगर हिल पर तिरंगा फहरा कर शहादत का जाम पी गए। उनकी शहादत को देखते हुए तत्तकालीन राष्ट्रपति ने उन्हें मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित किया था।