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Amritpal Singh: ...तो इस वजह से पंजाब की खडूर साहिब सीट से चुनाव लड़ रहा है अमृतपाल, EC ने नॉमिनेशन किया मंजूर

Amritpal Singh पंजाब की खडूर साहिब सीट (Khadoor Sahib Independent Amritpal Singh) से अमृतपाल सिंह ने निर्दलीय उम्मीदवार के लिए नॉमिनेशन कर दिया है। वर्तमान समय में अमृतपाल असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। निर्वाचन आयोग ने सिंह का नामांकन स्वीकार कर लिया है। ऐसे में सवाल है कि आखिर क्यों अमृतपाल खडूर साहिब सीट से चुनाव लड़ रहा है।

By Jagran News Edited By: Prince Sharma Updated: Wed, 15 May 2024 06:40 PM (IST)
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Amritpal Singh: ...तो इस वजह से पंजाब की खडूर साहिब सीट से चुनाव लड़ रहा है अमृतपाल

डिजिटल डेस्क, तरनतारन। Amritpal Singh: 'वारिस पंजाब दे' संगठन के प्रमुख और खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह पंजाब की खडूर साहिब सीट से चुनाव लड़ रहा है। मौजूदा समय में अमृतपाल असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। उसे राष्ट्रीय सुरक्षा एक्ट के अंतर्गत हिरासत में लिया गया है। सिंह खडूर साहिब सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहा है।

निर्वाचन आयोग ने सिंह का नामांकन स्वीकार कर लिया है। सिंह का नामांकन पत्र उसके चाचा ने शुक्रवार को तरनतारन जिले में दाखिल किया। सिंह ने गुरुवार को असम की डिब्रूगढ़ जेल से अपना नामांकन पत्र भरा था।

खडूर साहिब से आखिर क्यों लड़ रहा चुनाव?

अमृतपाल सिंह पंजाब की खडूर साहिब सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में खड़ा है। ऐसे में सवाल है कि अमृतपाल ने चुनाव लड़ने के लिए पंजाब की खडूर साहिब सीट को ही क्यों चुना? मिली जानकारी के अनुसार, इसके पीछे की वजह भी बेहद साफ है।

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दरअसल, खडूर साहिब के अंतर्गत बाबा खेड़ा विधानसभा सीट में आने वाले गांव जल्लूपुर खेड़ा गांव से अमृतपाल संबंध रखता है। क्योंकि अमृतपाल की जड़ें इस गांव से जुड़ती हैं। यही कारण है कि उसने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पंजाब की खडूर साहिब सीट को चुना।

कौन हैं अमृतपाल सिंह

अमृतपाल सिंह (Who is Amritpal Singh) का जन्म साल 1993 में जल्लूपुर खेड़ा गांव में हुआ था। उसके पिता का नाम तरसेम सिंह है। वह साल 2012 में दुबई चला गया था। जिसके बाद साल 2022 में वह भारत लौटा। अमृतपाल का नाम उस दौरान समाचारों में आया जब 23 फरवरी, 2023 को अपने साथी लवप्रीत सिंह तूफान को छुड़वाने के लिए श्री गुरु ग्रंथ साहिब को ढाल बनाकर अजनाला थाने पर हमला करने के आरोपित अमृतपाल को पुलिस ने 18 मार्च को जालंधर में गिरफ्तार करने की कोशिश की थी।

हालांकि, वह अपने साथी लवप्रीत के साथ फरार होने में कामयाब रहा। इन 37 दिनों के दौरान अमृतपाल हरियाणा, दिल्ली और उत्तराखंड सहित पंजाब के कई हिस्सों में वेशभूषा बदलकर छिपता रहा।

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