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दो वर्ष बाद दशहरे में लोग करेंगें चंडोल की सवारी

हिंदू धर्म के सब से प्यारे और रौणक वाले त्योहारों में एक दशहरा मेन है।

By JagranEdited By: Updated: Fri, 08 Oct 2021 03:05 PM (IST)
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दो वर्ष बाद दशहरे में लोग करेंगें चंडोल की सवारी

सतीश कुमार, होशियारपुर : हिंदू धर्म के सब से प्यारे और रौणक वाले त्योहारों में एक दशहरा पर्व 15 तारीख को पूरे धार्मिक रीति रिवाज से स्थानीय भंगी चो में पूरी श्रद्धा से मनाया जा रहा है, जिसकी तैयारी करीब पूरी हो चुकी है। राम लीला कमेटी के प्रधान पूर्व मेयर शिव सूद से बात करने पर उन्होंने बताया कि उत्तर भारत में होशियारपुर में मनाए जाने वाले दशहरा के अलग पहचान है। कोरोना वायरस के चलते पिछले दो वर्ष से दशहरा पर्व केवल धार्मिक भावनाओं को देखते हुए ही मनाया जाता रहा है, क्योंकि कोरोना वायरस ने पूरी दुनियां को अपनी चपेट में ले रखा था और देश के सारे धार्मिक पर्व संक्षित रूप से ही मनाए गए थे, मगर इस वर्ष सरकार ने कुछ जरुरी शर्तों को ध्यान में रखते हुए दशहरा मनाने के लिए कुछ ढील दी है जिसके चलते इस वर्ष पूरे हर्षोल्लास से दशहरा पर्व मनाया जा रहा है।

अमृतसर और कपूरथला के ठेकेदारों ने लिया है ठेका

उन्होंने बताया कि इस बार दशहरे में झूले और स्टाल लगाने का ठेका एक साथ दो ठेकेदारों को दिया गया है जिसमें एक पार्टी कपूरथला की है और दूसरी पार्टी अमृतसर से है। ठेकेदारों से बात की तो उन्होंने बताया कि वह तो सारा साल यही काम करते है और अब भी उनके स्टाल हैरीटेज इंटरनेशनल कार्निवल कपूरथला में लगे है और सारा सामान वहां से मंगलवार रात तक होशियारपुर पहुंच जाएगा जिसके चलते वह दशहरा मैदान में छोटे बढ़े स्टाल मिलाकर कुल बीस स्टाल लगा रहे है जिसमें उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से लेकर जयपुर राजस्थान से सामान सजाया जा रहा है, जो दशहर में आने वाले दर्शकों को अपनी तरफ आकर्षित करेगा। यही नहीं लोगों के मनोरंजन के लिए छोटे बड़े मिलाकर कुल 22 झूले और अन्य स्टाल लगाए जा रहे है। 65 फीट का होगा इस बार रावण का पुतला

पूर्व मेयर शिव सूद ने बताया कि 11 अक्तूबर को भगवान श्री राम चंद्र की बारात निकाली जाएगी जो सारे शहर से होते हुए रात को एसडी स्कूल पहुंच कर आराम करेगी। इस अवसर पर सारे शहर में दीपमाला की जाएगी और बारात में शामिल बारातियों के लिए जगह जगह लंगर लगाए जाएंगें। 12 अक्तूबर को बनवास जिसके चलते भगवान श्री राम के साथ लक्षमण और सीता माता को अज्ञातवास में जाना पडेगा। 13 अक्तूबर को सीता हरण और 15अक्तूबर को रावन के साथ कूंभकरण और मेघनाथ का पुतला जलाकर दशहरा पर्व मनाया जाएगा। कुंभकर्ण, रावण और मेघनाथ के पुतले बनाने के लिए हर वर्ष कलाकार आगरा से बुलाए जाते है जो 65 फुट का रावण का पुतला, 60 फुट मेघनाथ का पुतला और 55 फुट कुंभकर्ण का पुतला बनाया जाएगा। 16 अक्तूबर को भरत मिलाप और 17 अक्तूबर को राजतिलक होगा। देखने योग्य होगा आतिशबाजी का नजारा

शिव सूद ने बताया कि हर वर्ष की तरह इस बार भी 17 अक्तुबर को राजतिलक के अवसर पर आतिशबाजी का नजारा देखने योग्य होगा क्योंकि इस वर्ष सरकार की गाईड लाईन को ध्यान में रखते हुए आतिशबाजी के कलाकार सहारनपुर और अमृतसर से बुलाए गए हैं।

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