मरणोपरांत नेत्रदान के लिए आएं आगे : संजीव अरोड़ा
भारत विकास परिषद की तरफ से प्रधान व समाज सेवीं संजीव अरोड़ा की अगुवाई में नेत्रदान जागरुकता अभियान के तहत युवाओं को इसके प्रति जागरुक किया गया।
By JagranEdited By: Updated: Fri, 03 Dec 2021 05:12 PM (IST)
जागरण टीम, होशियारपुर :
भारत विकास परिषद की तरफ से प्रधान व समाज सेवीं संजीव अरोड़ा की अगुवाई में नेत्रदान जागरुकता अभियान के तहत युवाओं को इसके प्रति जागरुक किया गया। इस मौके पर युवाओं को संबोधित करते हुए संजीव अरोड़ा ने कहा कि मरणोपरांत मानव शरीर में आंखें ही एक ऐसा अंग हैं, जो करीब छह से आठ घंटे तक जीवित रहती हैं। उन्होंने कहा कि जब मरणोपरांत व्यक्ति का संस्कार किया जाता है तो आंखें, जोकि किसी नेत्रहीन के काम आ सकती हैं, वे भी अग्नि में जलकर राख बन जाती हैं। जबकि अगर इन्हें दाम किया जाए, तो दो अंधेरी जिदगियों में रोशनी भरी जा सकती है व इससे मृतक की देह को कोई नुकसान नहीं होता व 15 से 20 मिनट की प्रक्रिया से आंखें दान ली जाती हैं।
सचिव राजिदर मोदगिल ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि युवा वर्ग इस अभियान के साथ जुड़कर इसे लोग लहर बनाने में अपनी अहम भूमिका अदाकर रहे हैं व उन्हें खुशी है कि इस बात से प्रभावित होकर और भी युवा संस्था के साथ जुड़ रहे हैं। इस मौके पर हरमनजीत कौर ढिल्लो, तुषार मक्कड़, गुरप्रीत कौर, कुनिका मक्कड़, सुयांश मरवाहा, पुनीत मरवाहा, शिवम कुमरा व कार्तिक कुमार आदि ने नेत्रदान प्रणपत्र भरे और कहा कि जल्द ही वह अपने साथियों के साथ मिलकर बड़े स्तर पर कैंप का आयोजन कवाएंगे ताकि युवा वर्ग को इसके प्रति और भी जागरुक किया जा सके। इस अवसर पर अन्य के अलावा विशेष तौर से पंडित ओंकार नाथ शर्मा, राजिदर मोदगिल, विनजय अरोड़ा, एनके गुप्ता, अमित नागपाल, रविदर भाटिया, तरसेम मोदगिल, कुलवंत सिंह पसरीचा, कुलविदर सिंह, राज कुमार आदि मौजूद थे।
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