Hoshiarpur: मोबाइल का खेल, जेल सुरक्षा चक्कर हो चुका फेल; जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल
Hoshiarpur केंद्रीय जेल में से लगातार मोबाइल बरामद हो रहे हैं जो जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि जेल पुलिस की ढीली कार्यप्रणाली के आगे जेल के अंदर बंद कैदी और हवालाती जेल प्रशासन से ज्यादा ताकतवार होते जा रहे हैं।
By Satish KumarEdited By: MOHAMMAD AQIB KHANUpdated: Sun, 27 Nov 2022 05:30 PM (IST)
होशियारपुर, जागरण टीम: केंद्रीय जेल में से लगातार मोबाइल बरामद हो रहे हैं, जो जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि जेल पुलिस की ढीली कार्यप्रणाली के आगे जेल के अंदर बंद कैदी और हवालाती, जेल प्रशासन से ज्यादा ताकतवार होते जा रहे हैं।
जेल में बगैर किसी खौफ के प्रतिबंधित सामान पहुंच रहा है। यहां तक कि हवालाती और कैदी केंद्रीय जेल में बैठकर ही न केवल जिले में बल्कि पूरे पंजाब में अपना नैटवर्क चला रहे हैं। यह सब केवल एक ही माध्यम से हो रहा है और वह है मोबाइल फोन। जेल में मोबाइल फोन कैसे पहुंचता है, यह सोचने वाली बात है।
जेल बंद अपने रिश्तेदारों से मिलने के लिए जाने वाले रिश्तेदारों का तो सारा सामान बाहर बरामदे में ही रख लिया जाता है यहां तक कि मिलने आने वाले का पर्स तक भी बाहर जमा कर लिया जाता है। मोबाइल फोन तो उनका अपना भी बाहर जमा हो जाता है। इस सबके बावजूद जेल के अंदर मोबाइल फोन कैसे पहुंच रहे हैं।
पिछले एक महीने में केंद्रीय जेल होशियारपुर से एक दर्जन से ज्यादा मोबाइल फोन मिल चुके हैं। यहां तक कि एक दिन में चार मोबाइल फोन भी बरामद हुए है, मगर जेल प्रशासन है कि या तो अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज करा कर चुपी साध लेता है या फिर किसी एक के खिलाफ केस दर्ज करवाकर मामला शांत करा देता है।
साधारण व्यक्ति का तो जेल के अंदर पहुंचना ही न मुमकिन है। ऐसे में या तो जेल पुलिस कैदियों तक पहुंचती है या फिर दर्जा चार कर्मचारी जो जेल के अंदर सफाई बगैरा करते हैं। जेल पुलिस ने एक दो जेल कर्मचारियों को जेल के अंदर सामान सप्लाई करते पकड़ा भी है, मगर उन पर क्या कार्रवाई हुई यह तो केवल जेल अधिकारी ही जानते है।
सूत्रों की मानें तो जेल के कुछ मुलाजिम पैसों के लालच में मोबाइल फोन को अंदर तक पहुंचाने की व्यवस्था करते हैं। इसके बदले में मोटा महीना लिया जाता है। जो कैदी व हवालाती महीना भरता है, उसे ही मोबाइल फोन का प्रयोग करने दिया जाता है, बाकियों को नहीं। ऐसे मुलाजिमों पर भी शिकंजा कसना जरूरी नहीं समझा जा रहा है।
जेल के अंदर मोबाइल फोन के प्रयोग से व्यवस्था ध्वस्त हो गई है और सिटी पुलिस भी मस्त होकर बैठी है। यह जानने की कोशिश नहीं करती है की कि कैदियों व हवालातियों के पास मोबाइल फोन कहां कैसे और कहां से पहुंचा। यह कहना गलत नहीं होगा की कि सिटी पुलिस की उदासीनता से जेल में मोबाइल फोन के खेल का नेटवर्क नहीं टूट रहा है तो शायद कुछ गलत नहीं होगा।प्रशासन उठाएगा ठोस कदमजेल सुपरिंटेंडेंट इस बारे में जेल सुपरिंटेंडेंट अनुराग कुमार आजाद का कहना है कि वह भी जानते है कि जेल में कुछ मोबाइल फोन मिले हैं। जेल प्रशासन इसके लिए ठोस कदम उठा रहा है। पंजाब सरकार भी आने वाले समय में आबादी वाले इलाकों से जेलों को शिफ्ट करने का कार्यक्रम बना रही है। मोबाइल फोन मिलना केवल एक जिला की समस्या नहीं है बल्कि यह तो सारे पंजाब की समस्या बनी है। जिस पर रोक लगाना बहुत जरूरी हो गया है।
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