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Punjab News: होशियारपुर से वृंदावन के लिए चली ट्रेन पर शुरू हुई राजनीति, BJP के नेताओं में श्रेय लेने की होड़

होशियारपुर से वृंदावन के लिए चली ट्रेन पर सियासत तेज हो गई है। बीजेपी के नेताओं में श्रेय लेने की होड़ मच गई है। ट्रेन को झंडी दिखाने के लिए एक साथ बीजेपी के तीन नेता पहुंच गए। वहीं इस ट्रेन को चलाने के लिए नींव रखने वाली पूर्व सांसद संतोष चौधरी को क्यों भुला दिया गया। उनको कार्यक्रम के लिए आमंत्रण तक नहीं भेजा गया।

By hazari lalEdited By: Rajat MouryaPublished: Sun, 27 Aug 2023 05:10 PM (IST)Updated: Sun, 27 Aug 2023 05:10 PM (IST)
होशियारपुर से वृंदावन के लिए चली ट्रेन पर शुरू हुई राजनीति, BJP के नेताओं में श्रेय लेने की होड़

होशियारपुर, हजारी लाल। Punjab News होशियारपुर से वृंदावन के लिए सीधी ट्रेन चलने की घोषणा होते ही सियासत की रेल खूब दौड़ी। अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन विजय सांपला ने दावा किया कि उनकी बदौलत ट्रेन चलेगी। अब श्रेय लेने का मौका था तो सोम प्रकाश भी कहां पीछे रहने वाले थे। बिना वक्त गंवाए बयान दागा कि ट्रेन सीधी चलेगी और यह उनके प्रयासों से संभव हुआ है।

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इतना ही नहीं, दो दावेदारी में पूर्व सांसद अविनाश राय खन्ना कहां पीछे रहने वाले थे। ताल ठोक दी कि उनका भी प्रयास रहा है। यानी कि सबने अपनी अपनी रेल चलाई। शनिवार रात 26 अगस्त को होशियारपुर के रेलवे स्टेशन पर ट्रेन को हरी झंडी देने का कार्यक्रम बनाया गया था। इस खास मौके पर भाजपा के ये तीनों दिग्गज वहां पहुंचे। इन सभी ने ट्रेन चलाने के समय हरी झंडी पकड़ कर यह जताने की कोशिश की कि सबसे ज्यादा जोर उनका ही लगा है।

पूर्व सांसद खन्ना को आया गुस्सा

पूर्व सांसद खन्ना तो इसलिए नाराज हो गए थे कि रेलवे प्रबंधन ने बैठने के लिए सजाई गई कुर्सियों पर उनके नाम की नेम प्लेट नहीं रखी थी। इस खन्ना को गुस्सा आ गया और उन्होंने रेलवे अधिकारी को खूब खरी खोटी सुनाई। कहा कि तुम्हें पता नहीं मैं पूर्व सांसद हूं। अधिकारी ने सॉरी कह कर पल्ला छुड़ाया और तो और खन्ना को इतना गुस्सा था कि उन्होंने बुक्के लेने से मना कर दिया।

संतोष चौधरी को बुलाया ही नहीं

खन्ना के इस गुस्से से वहां पर सुगबुगाहट होने लगी कि इस ट्रेन को चलाने के लिए नींव रखने वाली पूर्व सांसद संतोष चौधरी को क्यों भुला दिया गया। भले ही वह कांग्रेस पार्टी से संबद्ध रखती हैं, पर उन्हें बुलाना चाहिए था। बता दें यूपीए सरकार संतोष चौधरी जब यहां से सांसद और केंद्रीय राज्यमंत्री थीं तो उन्होंने इस ट्रेन को होशियारपुर से दिल्ली के लिए सप्ताह में दो दिन चलवाना शुरू किया था।

सरकार बदलने पर विजय सांपला यहां से सांसद बने थे। उन्हें केंद्रीय राज्य मंत्री का रुतबा मिला तो उन्होंने ट्रेन को रोजाना करवाया था। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि ट्रेन चलाने में योगदान देने वाली संतोष चौधरी को आमंत्रण न देना भी न्याय संगत नहीं है, जैसा कि खन्ना के लिए कुर्सी न रिजर्व करने पर उन्हें गुस्सा आ गया।

खैर यह ट्रेन किसकी बदौलत अब सीधे वृंदावन तक दौड़ेगी, यह होशियारपुर के होशियार लोगों को बताने की जरूरत नहीं है, लेकिन जिस तरह से भाजपा नेताओं ने सियासत की रेल दौड़ाई है और पूर्व सांसद संतोष चौधरी को संतोष की घड़ी में रहना पड़ा है, उसकी चर्चा जोरों पर है।


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