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Hoshiarpur News: एक्साइज विभाग की मिलीभगत से हो रही लूटबाजारी, नकली शराब का धंधा भी जोरों पर; जानिए पूरा मामला

पंजाब के हाशियारपुर में एक्‍साइज विभाग की मिलीभगत से लूटबाजारी हो रही है। नियम कायदे दरकिनार करके तयशुदा कीमत से ज्यादा शराब की बोतल के पैसे लिए जा रहे हैं। इस लूटबाजारी में एक्साइज अधिकारी भी बहती गंगा में हाथ धोने में लगे हैं। पड़ताल करने पर मालूम पड़ा है कि शराब की एक बोतल प्रिंट रेट से 200 से 250 रुपए ज्यादा मूल्य पर बेची जा रही है।

By Satish KumarEdited By: Himani SharmaUpdated: Wed, 13 Dec 2023 03:03 PM (IST)
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एक्साइज विभाग की मिलीभगत से हो रही लूटबाजारी (फाइल फोटो)

जागरण संवाददाता, होशियारपुर। होशियारपुर, शराब के ठेकेदार एक्साइज अधिकारियों से मिलीभगत करके शराब पीने वालों की जेब पर डाका डाल रहे हैं। नियम कायदे दरकिनार करके तयशुदा कीमत से ज्यादा शराब की बोतल के पैसे लिए जा रहे हैं। इस लूटबाजारी में एक्साइज अधिकारी भी बहती गंगा में हाथ धोने में लगे हैं। पड़ताल करने पर मालूम पड़ा है कि शराब की एक बोतल प्रिंट रेट से 200 से 250 रुपए ज्यादा मूल्य पर बेची जा रही है।

नाजायज शराब बेचने वालों की तरफ भागते हैं लोग

सरकारी पॉलिसी के अनुसार ऐसा हरगिज नहीं किया जा सकता है, मगर सब कुछ बेखौफ चल रहा है। यही कारण है कि जब ठेके पर शराब ज्यादा महंगी मिलती है तो फिर लोग नाजायज शराब बेचने वालों की तरफ भागते हैं। उन्हें सस्ती बोतल के नाम पर नकली शराब मिलती है, जो उनके स्वास्थ्य से खिलवाड़ करती है।हर साल चाहे किसी क्षेत्र में विकास होना हो कोई फैक्ट्री लगे ना लगे लेकिन शराब के ठेकों की संख्या में वृद्धि जरूर हो जाती है।

कई सरकारे चाहकर भी अपने प्रदेशों में शराबबंदी नहीं कर रही लागू

ऐसा नहीं की लोगों को शराब के दुष्प्रभावों के बारे में नहीं पता या सरकार इसके बारे में नहीं जानती। लेकिन राजस्व प्राप्ति का यह एक बड़ा साधन माना जाता है इसीलिए कई सरकारे चाहकर भी अपने प्रदेशों में शराबबंदी लागू नहीं कर रही। उन्हें लगता है कि इससे राजस्व की जो कमी होगी उसे पूरा करना उनके लिए आसान नहीं होगा लेकिन यहां तो एक्साइज विभाग की मिलीभगत के साथ लोगों को महंगे दाम पर शराब मिल रही है और उसके गुणवत्ता को भी प्रमाणित करने के लिए कोई साधन नहीं है।

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चंद पैसों के लाभ के लिए लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़

कुछ लोग चंद पैसों के लाभ के लिए लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ करने से भी पीछे नहीं हटते इसीलिए आए दिन किसी न किसी अप्रिया घटना का समाचार प्रकाशित होता रहता है। एक्साइज विभाग कि मिली भगत के बिना ना तो महंगे दाम पर शराब बेची जा सकती है ना ही इसकी गुणवत्ता के साथ समझौता किया जा सकता है। क्योंकि विभाग द्वारा शराब की जो रेट लिस्ट जारी की जाती है उसके हिसाब से बहुत से ठेकेदार शराब नहीं बेचते अगर कोई उनकी शिकायत भी कर तो किस करें क्योंकि विभाग तो पहले ही उनके साथ मिला हुआ होता है।

शहर में एक्साइज विभाग की कई टीम तैनात

अक्सर देखा गया है कि ठेकेदार लाभ कमाने के लिए अधिकारियों को अपने साथ मिल लेते हैं यह भी देखा गया है कि शराब पीने वाले किसी भी मौल पर उसे लेने के लिए आगे आते हैं। उन्हें चाहे दो वक्त की रोटी ना मिले लेकिन शराब पीने से अपने आप को वंचित नहीं रख सकते शहर में एक्साइज विभाग की कई टीम तैनात है तथा पुलिस द्वारा भी उन्हें समय-समय पर सहयोग दिया जाता है, इसके बावजूद कभी कबार ही अवैध शराब बिकने का मामला प्रकाश में आता है।

राजस्व में होने वाली कमी का असर पूरे प्रदेश की प्रगति पर पड़ता है कई विकास कार्य अधूरे रह जाते हैं और सरकार को दूसरी एजेंसीयों से लोन लेना पड़ता है।जिसका उसे भारी भरकम ब्याज देना पड़ता है अगर इस मिलीभगत को रोका जाए तो प्रदेश का बहुत सा पैसा प्रदेश के राजस्व में जाएगा और लोगों को भी इसका लाभ मिलेगा। एक्साइज अधिकारियों को चाहिए कि वह अपना स्वार्थ छोड़कर कर जो लोग शराब पीते हैं, उन्हें अच्छी शराब उपल्ब्ध कराने की जिम्मेदारी निभाएं।

क्या कहते है सहायक आबकारी कमिशनर

जब शराब की बोतलों पर निर्धारित एमआरपी के ऊपर की वसूली की बात की गई तो इस संबंध में एक्साइज विभाग के सहायक आबकारी कमिश्नर सर्वजीत सिंह ने कहा कि आप इस संबंध में लिखकर शिकायत करें तो फिर हम इसकी जांच करवाएंगे। उन्होंने कहा कि अभी तक किसी भी उपभोक्ता नहीं संबंध में उनका लिखते शिकायत नहीं दी है।

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जब उनसे पूछा गया कि जिले में कितने ठेके हैं और कितने ब्रांचेस ठेके हैं तो उन्होंने इसका जवाब देने की बजाय फिर से वही बात दोहराई कि आप लिखकर पूछे फिर निर्धारित इलाके के इंस्पेक्टर पता लगाकर इसका जवाब दे देंगे।अगर अधिकारी ऐसा जवाब देंगे तो फिर अंदाजा लगाया जा सकता है की दाल में कुछ काला है जा पुरी की पूरी दाल ही काली है।