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Sunder Sham Arora सफल बिजनेसमैन बनने के बाद राजनीति में आए, अफसरों से गुलजार रहने वाली कोठी में पसरा सन्नाटा

पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने पूर्व कैबिनेट मंत्री और भाजपा नेता सुंदर शाम अरोड़ा को पचास लाख रुपये रिश्वत देते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। अरोड़ा ने सफल प्रापर्टी कारोबारी बनने के बाद राजनीति में कदम रखा। भाजपा में आने से पहले वह लंबे समय तक कांग्रेस में रहे।

By Neeraj SharmaEdited By: Pankaj DwivediUpdated: Sun, 16 Oct 2022 04:27 PM (IST)
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पंजाब विजिलेंस ने सुंदर शाम अरोड़ा का तीन दिन का रिमांड हासिल किया है।
हजारी लाल, होशियारपुर। कड़ी मेहनत की बदौलत बुलंदियों के शिखर तक पहुंचे पूर्व कैबिनेट मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा के जीवन में उतार-चढ़ाव रहा है। गरीब परिवार में जन्में श्री अरोड़ा ने बड़ी मेहनत से सफल बिजनेसमैन बनें और बाद में सियासत में पैर रखकर बुलंदियों पर पहुंचे, मगर किस्मत ने ऐसी पलटी मारी कि कुछ समय में फर्श से अर्श पर पहुंचने वाले अरोड़ा एक बार फिर फर्श आ पहुंचे हैं। उनके जीवन में धन, दौलत और शोहरत की कमी नहीं रही, पर अब वह आय से अधिक संपति के मामले में सलाखों के पीछे पहुंच गए हैं।

बता दें कि अरोड़ा को विजिलेंस ब्यूरो ने जीरकपुर में आय से अधिक संपति के मामले की चल रही जांच को रफादफा करने के लिए पचास लाख रुपए रिश्वत देते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। उनकी गिरफ्तारी के बाद जोधामल रोड स्थित उनकी आलीशान कोठी, जिसमें कभी अफसरशाही की चकाचौंध होती थी। समर्थकों का जमावड़ा लगा रहता था, उस कोठी में रविवार सुबह सन्नाटा पसरा हुआ था।

गरीबी में पले अरोड़ा, मेहनत से हासिल किया था मुकाम

अरोड़ा के पिता गुरदित्ता मल गरीब थे। उनकी गढ़दीवाला में छोटी से दुकान थी। उससे बामुश्किल से घर का गुजारा चलता था। स्वयं अरोड़ा की मानें तो स्कूल में फीस न चुका पाने से अरोड़ा को हर माह बेंच पर खड़ा होना पड़ता था। पढ़ाई छोड़ने के बाद उन्होंने कुछ समय तक अपनी बहन के यहां लुधियाना में नौकरी भी की थी।

बाद में अरोड़ा ने कोतवाली बाजार में ऊन की दुकान खोली थी। इसी दरम्यमान ने अरोड़ा ने प्रापर्टी का कारोबार शुरू किया। इस कारोबार में ऐसा भाग्य उदय हुआ कि धन की कोई कमी नहीं रही। सफल बिजनेसमैन बनने के बाद अरोड़ा ने राजनीति में कदम रखा।

बिजनेस में सफलता मिलने पर रखा था राजनीति में कदम

सुंदर शाम अरोड़ा ने 1995 के दौरान राजनीति में कदम रखा। कांग्रेस का हाथ पकड़ कर राजनीति का पहाड़ा पढ़ना शुरू किया था। सक्रिय राजनीति करते हुए कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री अंबिका सोनी के साथ अरोड़ा के अच्छे संबंध बन गए। वर्ष 2002 में होशियारपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की टिकट मांग की, लेकिन नहीं मिली।

इस पर अरोड़ा ने आजाद ताल ठोंक दी थी। चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ अच्छे रिश्ते होने की वजह से अरोड़ा कांग्रेस में सक्रिय राजनीति करते रहे। अरोड़ा को कैप्टन के 2002 के शासनकाल में माकेर्ट कमेटी होशियारपुर में चेयरमैन की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।

सन् 2012 के चुनाव से पहले अरोड़ा को उस समय राजनीतिक पावर मिली, जब उन्हें जिला कांग्रेस की कमान सौंपी गई। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने उन्हें टिकट दी। उनका सीधा मुकाबला भाजपा नेता तीक्ष्ण सूद के साथ हुआ था। सूद उससे पहले लगातार तीन बार वर्ष 1997, 2002 और 2007 में इस सीट से जीतते रहे थे। अरोड़ा ने तीक्ष्ण की जीत पर ब्रेक लग गई थी। 2017 के चुनाव में भी अरोड़ा ने भाजपा के तीक्ष्ण सूद को हराया। कांग्रेस की सरकार बनने पर कैबिनेट मंत्री भी बनें।

बेटियों के सामने फूट-फूट कर रोए अरोड़ा

वर्ष 2022 में भी कांग्रेस ने अरोड़ा को तीसरी बार भी होशियारपुर विधानसभा क्षेत्र से मैदान में उतारा। हालांकि इस बार उन्हें आम आदमी पार्टी के ब्रह्म शंकर जिंपा के हाथों करारी हार झेलनी पड़ी। अरोड़ा की पत्नी सिंपल अरोड़ा का निधन हो चुका है। चार बेटियां हैं, जो शादीशुदा हैं। बेटा प्रतीक अविवाहित है। अरोड़ा की बेटियां जब उनसे मिलने के लिए मोहाली में पेशी के दौरान पहुंची थीं तो भावुक हुए अरोड़ा फूट-फूटकर रोने लगे। इस पर बेटी डा. शिवानी अरोड़ा ने उनके आंसू पोछकर चुप कराया।

कुछ समय पहले ही भाजपा में हुए थे शामिल

चुनाव में हार के बाद अरोड़ा ने कांग्रेस का हाथ छोड़ दिया था। वर्तमान समय में आय से अधिक संपति बनाने के मामले में अरोड़ा के खिलाफ विजिलेंस ब्यूरो जांच कर रही थी। दो बार उन्हें चंडीगढ़ बुलाकर पूछताछ की जा चुकी है। तीसरी बार उन्हें चंडीगढ़ फिर से बुलाया गया था। उससे पहले 15 अक्टूबर की रात विजिलेंस ब्यूरो के एसएसपी मनमोहन कुमार की शिकायत पर चौकस हुई विजिलेंस टीम ने अरोड़ा को पचास लाख रुपए रिश्वत देते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।

चार घंटे तक चली कोठी की तलाशी

विजिलेंस टीम ने रविवार देर रात अरोड़ा पर शिकंजा कसने के बाद होशियारपुर में जोधामल रोड स्थित उनकी कोठी पहुंची। टीम ने करीबन चार घंटे तक घर की गहन तलाशी ली। सूत्रों के मुताबिक यहां पर विजिलेंस के हाथ कुछ खास नहीं लगा। विजिलेंस टीम की दबिश के दौरान घर में सिर्फ अरोड़ा की बहन ही मौजूद थीं। टीम ने अरोड़ा का पासपोर्ट जब्त कर लिया। यह भी मालूम पड़ा है कि घर से नोट गिनने वाली छोटी मशीन भी बरामद हुई है। टीम ने उसे भी कब्जे में ले लिया है।

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