Hoshiarpur: जेल में जैमर नहीं... अंदर बजती है मोबाइल की घंटियां, सुरक्षा व्यवस्था पर उठ रही अंगुली; सरकार भी नहीं दे रही ध्यान
बादल सरकार ने होशियारपुर की जिला जेल को केंद्रीय जेल कर दिया था लेकिन सुविधाएं और कर्मचारियों की संख्या न पूरी होने से सुरक्षा व्यवस्था पर अंगुली उठ रही है। पिछले एक साल में जेल के अंदर से डेढ़ दर्ज मोबाइल बरामद हुए हैं। होशियारपुर की केंद्रीय जेल का दर्जा मिलने के बावजूद इस समस्या को लेकर कुछ नहीं किया गया।
खालीहजारी लाल, होशियारपुर। Many Mobile Found In Hoshiarpur Central Jail: सत्ता के समय बादल सरकार ने होशियारपुर की जिला जेल का रुतबा बढ़ाकर केंद्रीय जेल कर दिया था, लेकिन सुविधाएं और कर्मचारियों की संख्या न पूरी होने से सुरक्षा व्यवस्था पर अंगुली उठ रही है। ब्योरे के अनुसार पिछले एक साल में जेल के अंदर से मोबाइल मिलने के डेढ़ दर्जन मामले दर्ज हुए हैं।
जमीनी हकीकत यह है कि होशियारपुर की केंद्रीय जेल का दर्जा बढ़ाने के बावजूद कुछ नहीं किया गया। न तो कैदियों को रखने के लिए जेल की क्षमता बढ़ाना मुनासिब समझा गया और न ही आवश्यकता के हिसाब से कर्मचारियों की संख्या बढ़ी।
जेल प्रशासन हो रहा नाकाम साबित
जेल के अंदर जैमर न लगाने से अंदर मोबाइल की घंटियां बंद करने में जेल प्रशासन नाकाम साबित हो रहा है। इसके अलावा जेल में क्षमता से अधिक कैदी होने से समस्या गंभीर है। दरअसल, यह जिला जेल थी। बादल सरकार ने करीबन दस साल पहले इसका रुतबा बढ़ाकर केंद्रीय जेल कर दिया।केंद्रीय जेल का रुतबा देने के बाद यहां पर मोबाइल फोन की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए जैमर लगाने की योजना थी क्योंकि इस जेल के अंदर भी कुख्यात अपराधी बंद हैं। बादल सरकार सत्ता का सुख भोग कर चली गई। बाद में कांग्रेस सरकार सत्ता में आई। उसने भी जैमर लगाने की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया।
मौजूदा सरकार का नहीं कोई ध्यान
सत्ता में अब आप सरकार है और इसका भी जैमर लगाने की तरफ ध्यान नहीं है। लिहाजा, जेल से अपराधी मोबाइल का खेल खेलते रहते हैं। क्षमता से अधिक कैदियों के ठूंसे होने की वजह से सुरक्षा व्यवस्था में भी छेद दिखता है।अभी एक सप्ताह पहले ही बैरक नंबर 23 में बंद विचाराधीन कैदियों ओंकार सिंह और टीटू ने बाथरूम में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इससे जेल प्रबंधन की खूब किरकिरी हुई थी। सूत्र बताते हैं कि जेल में पूरी तरह से निगरानी रखने के लिए स्टाफ की घोर कमी है।
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