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आम आदमी के लिए संजीवनी बने क्लीनिक, एक ही दिन में दोगुणा हुए मरीज

स्वतंत्रता दिवस पर जालंधर में छह आम आदमी क्लीनिकों का शुभारंभ किया गया। पहले दिन तो सभी छह क्लीनिक पर महज 140 लोग पहुंचे लेकिन सोमवार को मरीजों की संख्या दोगुणा बढ़ गई।

By JagranEdited By: Updated: Wed, 17 Aug 2022 07:55 AM (IST)
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आम आदमी के लिए संजीवनी बने क्लीनिक, एक ही दिन में दोगुणा हुए मरीज

जागरण संवाददाता ,जालंधर : स्वतंत्रता दिवस पर जालंधर में छह आम आदमी क्लीनिकों का शुभारंभ किया गया। पहले दिन तो सभी छह क्लीनिक पर महज 140 लोग पहुंचे लेकिन सोमवार को मरीजों की संख्या दोगुणा बढ़ गई। सोमवार को कुल 318 मरीजो को मुफ्त इलाज व दवाएं मिली। लोगों ने भी सरकार के इस प्रयास की सराहना की। हालांकि इसका सिविल अस्पताल की ओपीडी पर कोई असर नहीं पड़ा। शहर में दो क्लीनिक कबीर विहार व राजन कालोनी में खोले गए है जबकि देहात के गांव अलावलपुर, फरवाला, पासला और रसूलपुर में एक-एक क्लीनिक खोला गया। कबीर विहार व राजन कालोनी के इलाके में लंबे समय से सरकारी स्वास्थ्य केंद्र नहीं था। इसी कारण दोनों जगह सबसे पहले क्लीनिक बनाया गया। सिविल सर्जन डा. रमन शर्मा ने बताया कि पिछले दो दिन में आम आदमी क्लीनिकों में मरीजों का तेजी से रुझान बढ़ा है। छह क्लीनिक की कमान दो सेहत विभाग से सेवानिवृत्त डाक्टर, जो वरिष्ठ निजी डाक्टर व दो युवा डाक्टरों को दी गई है। ये मिलेंगी सुविधा

-मुफ्त ओपीडी। पर्ची के भी पैसे नहीं लिए जाएंगे।

-41 प्रकार के लैब टेस्ट मुफ्त होंगे। दवा भी मुफ्त मिलेगी।

-फ‌र्स्ट एड यानी प्राथमिकी सहायता का भी प्रबंध है। मरहम पट्टी या टांके लगाए जा सकेंगे।

-क्लीनिक में बेड की सुविधा न होने की वजह से गंभीर मरीजों को अस्पताल में रेफर किया जाएगा।

-एक डाक्टर, फार्मेसी अफसर, क्लीनिक सहायक व सहायक चार लोगों की टीम रहेगी। कोई पर्ची नहीं..इलाज का डिजिटल तरीका

लैदर कांप्लेक्स के नजदीक राजन कालोनी में बने आम आदमी क्लीनिक में मंगलवार को डा. अल्फ्रेड सेवा देते दिखे। क्लीनिक में जांच करवाने के लिए आने वाले मरीजों में उत्साह नजर आया। सबसे पहले मरीजों की आनलाइन एंट्री की गई। वह एंट्री आनलाइन डाक्टर के पास टैब में जाती है। वहां उसकी जांच पड़ताल कर उसी में आनलाइन ही फार्मेसी अफसर को दवाई के लिए भेजा जाता है। इससे डाक्टर के पास पुराना रिकार्ड भी रहता है। फार्मेसी में पर्ची का प्रिट निकालकर दवाई दी जाती है। क्लीनिक की कहानी मरीजों की जुबानी..

दवाई लेने आए सुनील कुमार ने कहा कि पहले दवाई लेने के लिए करीब पांच किलोमीटर दूर सरकारी डिस्पेंसरी या फिर बस्ती गुजां में जाना पड़ता था। यहां डिस्पेंसरी खुलने से राहत मिली है। बस्ती बावा खेल इलाके में कबीर विहार में खुले आम आदमी क्लीनिक के दवा लेने आए लोगों ने कहा कि यह इलाके की बहुत समय से मांग थी जो अभी पूरी हुई है। अब महंगे इलाज से राहत मिलेगी। बुजुर्ग महिला सुखदेवी ने कहा कि वह इतनी दूर नहीं जा पाती थी। अब घर के पास क्लीनिक खुलने से उन्हें आसानी से दवा मिल जाएगी। कबीर विहार में सौ के करीब मरीज पहुंचे

कबीर विहार डिस्पेंसरी में तैनात डा. कमलेश कुमार ने कहा कि उन्होंने मरीजों की जांच कर मुफ्त दवा दी है और खून जांच के लिए टेस्ट भी करवाए हैं। पूरा दिन मरीजों का तांता लगा रहा। ------

ओपीडी में आए मरीजों का विवरण

क्लीनिक 15 अगस्त 16 अगस्त

अलावलपुर 15 63

पासला 24 32

कबीर विहार 32 91

रसूलपुर 21 47

राजन कालोनी 33 45

फरवाला 15 40

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