काैरवों को टेस्ट ट्यूब बेबी बताने पर साइंस कांग्रेस में बवाल, आंध्र विवि के वीसी ब्लैकलिस्ट
इंडियन साइंस कांग्रेस में कौरवों के जन्म के बारे में विवादित बयान देने वाले आंध्र विश्वविद्यालय के कुलपति व वैज्ञानिक प्रो. जी. नागेश्वर राव को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है।
By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Tue, 08 Jan 2019 08:45 AM (IST)
जालंधर, [सत्येन ओझा]। यहां आयोजित 106 वीं इंडियन साइंस कांग्रेस के दाैरान आंध्र विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा काैरवों को टेस्ट ट्यूब बेबी बताने पर विवाद हो गया। साइंस कांग्रेस के अंतिम दिन इंडियन साइंस कांग्रेस काउंसिल ने कौरवों के जन्म पर विवादास्पद बयान देने वाले वैज्ञानिक प्रो. जी. नागेश्वर राव को अगली साइंस कांग्रेस के लिए ब्लैक लिस्ट कर दिया है।
इंडियन साइंस कांग्रेस के अंतिम दिन काउंसिल की बैठक में सर्वसम्मति से लिया गया फैसलाइसके साथ ही भविष्य में होने वाली साइंस कांग्रेस के लिए गाइड लाइन भी तय कर दी हैं। किसी भी विवादास्पद स्थिति में संबंधित वैज्ञानिक को कमेटी के सामने पेश होना होगा, अगर वह अपने बयान के पक्ष में वैज्ञानिक सत्यता सिद्ध नहीं कर पाए तो उन्हें हमेशा के लिए साइंस कांग्रेस से हटा दिया जाएगा।
लवली प्रोफेशनल यूनीवर्सिटी में इंडियन साइंस कांग्रेस काउंसिल की जनरल हाउस की बैठक में यह फैसला लिया गया। करीब डेढ़ घंटा चली इस बैठक में आंध्र यूनीवर्सिटी के कुलपति और वैज्ञानिक प्रो. जी नागेश्वर राव का विवादास्पद बयान चर्चा का विषय बना रहा।
प्रो. राव ने दो दिन पहले एक एजेंसी से बात करते हुए दावा किया था कि महाभारत काल में गांधारी के सौ पुत्र स्टेम सैल तकनीक से टेस्ट ट्यूब बेबी के रूप में हुए थे। साथ ही उन्होंने मिसाइल तकनीक व एयरोनोटिक्स के उदय का काल रामायण काल बताया था। उन्होंने दावा किया था कि लंकापति रावण का पुष्पक विमान इसी तकनीकी का सबसे बड़ा उदाहरण था।
इंडियन साइंस कांग्रेस के जनरल प्रेसीडेंट चक्रवर्ती ने कहा, भविष्य के लिए तय की गई गाइड लाइन
इस संबंध में इंडियन साइंस कांग्रेस के जनरल प्रेसीडेंट डॉ. मनोज कुमार चक्रवर्ती ने जागरण से बात करते हुए प्रो. राव को ब्लैक लिस्ट किए जाने की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि काउंसिल ने सर्वसम्मति से प्रो. राव के बयान को वैज्ञानिकता को चुनौती बताया है। प्रो. राव अपने जवाब में कोई वैज्ञानिक तर्क या तथ्य पेश नहीं कर सके।उन्होंने कहा कि वह यह भी नहीं बता सके कि इस पर कब रिसर्च हुई है। इन्हीं तथ्यों को आधार मानते हुए काउंसिल ने उन्हें ब्लैक लिस्ट करने का फैसला लिया है। इसके साथ ही विशेेषज्ञ वक्ताओं के लिए गाइड लाइन भी तय कर दी हैं। भविष्य में अगर इस प्रकार के विवादास्पद बयान दिए गए तो संबंधित वैज्ञानिक को साइंस कांग्रेस से हटाया जा सकता है।
यह कहा था राव ने
- भगवान विष्णु के दस अवतार (दशावतार) महान वैज्ञानिक चाल्र्स डार्विन के विकास के सिद्धांत की भविष्यवाणी करते हैं।- भगवान राम ने 'अस्त्र' और 'शस्त्र' का इस्तेमाल किया, जबकि भगवान विष्णु ने लक्ष्य का पीछा करने के लिए एक सुदर्शन चक्र भेजा, जो मारने के बाद वे वापस आ जाता था। इससे पता चलता है कि निर्देशित मिसाइलों का विज्ञान भारत के लिए नया नहीं है। यह हजारों साल पहले भी मौजूद था।
- रामायण में कहा गया है कि रावण के पास सिर्फ पुष्पक विमान नहीं था, बल्कि विभिन्न आकार और क्षमता वाले 24 प्रकार के विमान थे। उनके पास लंका में कई हवाई अड्डे भी थे और उसने उद्देश्यों के लिए इन विमानों का इस्तेमाल किया।- जैसा कि डार्विन ने कहा है कि जीवन पानी से शुरू हुआ। भगवान विष्णु का पहला अवतार भी एक मछली (मत्स्य) था। दूसरे अवतार के लिए उन्होंने एक कछुए (कूर्म) एक उभयचर जानवर का आकार लिया। तीसरा अवतार एक सुअर के सिर और एक मानव शरीर (वराह) था। चौथा शेर व मानव शरीर के सिर के साथ नरसिंह अवतार था। उन्होंने पांचवें अवतार में वामन के मानव रूप धारण किया।
- हर कोई सोचता है और कोई भी विश्वास नहीं करता है कि गांधारी ने 100 बच्चों को कैसे जन्म दिया। यह मानवीय रूप से कैसे संभव है? क्या एक महिला एक जीवनकाल में 100 बच्चों को जन्म दे सकती है, लेकिन अब हम मानते हैं कि हमारे पास टेस्ट ट्यूब शिशु हैं।- महाभारत के अनुसार 100 अंडों को निषेचित किया गया और इनको 100 ऊनी बर्तनों में डाला गया। क्या वे टेस्ट ट्यूब शिशु नहीं हैं? इस देश में स्टेम सेल अनुसंधान हजारों साल पहले मौजूद था। स्टेम सेल रिसर्च और टेस्ट ट्यूब बेबी तकनीक के कारण एक मां से सैकड़ों कौरव थे। यह कुछ हजार साल पहले हुआ था। इस देश में यह तकनीक मौजूद थी।
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