Baisakhi 2024: सिर्फ फसल ही नहीं खालसा पंथ से भी है बैसाखी का खास कनेक्शन, जानिए इतिहास और महत्व
Baisakhi 2024 पंजाब में बैसाखी का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस महीने में रबी की फसल पककर पूरी तरह से तैयार हो जाती है और उसकी कटाई शुरू हो जाती है। खालसा पंथ स्थापना दिवस बैसाखी का सिखों के साथ भी काफी गहरा संबंध रहा है। खालसा पंथ स्थापना दिवस बैसाखी का सिखों के साथ भी काफी गहरा संबंध रहा है।
विशाल शारदा, जालंधर। Baisakhi 2024 in Punjab: देसी माह बैसाख का पहला दिन पंजाब समेत उत्तरी भारत में बैसाखी के रूप में धूमधाम से मनाया जाता है।
इस महीने में रबी की फसल पककर पूरी तरह से तैयार हो जाती है और उसकी कटाई शुरू हो जाती है। बैसाख महीने में गेहूं की फसल हरे से सुनहरी हो जाती है। फसल कटाई की खुशी में मनाए जाने वाले इस पावन पर्व पर किसानों की उमंग और उत्साह देखते ही बनता है।
इस दिन का खालसा पंथ से भी है गहरा नाता
खालसा पंथ स्थापना दिवस बैसाखी का सिखों के साथ भी काफी गहरा संबंध रहा है। सन् 1699 में सिखों के दसवें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने इसी दिन श्री आनंदपुर साहिब में खालसा पंथ की स्थापना की थी।दशम गुरु ने सिख पुरुषों को अपने नाम के साथ सिंह और महिलाओं को अपने नाम के साथ कौर लगाने का आदेश दिया। उन्होंने खालसा को पंज ककार- केश, कंघा, कछहरा, कड़ा और कृपाण धारण करने के लिए कहा। इसके अलावा बैसाखी के दिन ही महाराजा रणजीत सिंह को सिख साम्राज्य का प्रभार सौंपा गया था।
बौद्ध धर्म से भी जुड़ा है इतिहास
बैसाखी पर्व का इतिहास बौद्ध धर्म से भी जुड़ा है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस दिन गौतम बुद्ध को ज्ञान या निर्वाण प्राप्त हुआ था। पद्म पुराण में बताया गया है कि गौतम बुद्धि भगवान विष्णु के 9वें और सबसे आखिरी अवतार हुए हैं। बैसाख मास की पूर्णिमा का संबंध केवल गौतम बुद्ध के जन्म से ही नहीं है बल्कि इसी दिन उन्हें बोध गया में बोधिवृद्ध के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।लगते हैं मेले
पंजाब में बैसाखी पर विभिन्न स्थानों पर मेले लगते हैं। बठिंडा, अमृतसर, लुधियाना, पटियाला, श्री आनंदपुर साहिब और हुसैनीवाला के अलावा जालंधर के करतारपुर में बैसाखी का मेला काफी प्रसिद्ध है। इस मौके पर कई श्रद्धालु पवित्र सरोवरों में स्नान करके गुरुघर में आशीर्वाद लेते हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।