CM मान का रिटर्न गिफ्ट: उपचुनाव में जीत के 71 दिन बाद पंजाब की कैबिनेट में शामिल होंगे भगत, मिल सकता है यह विभाग
पंजाब सरकार में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। उपचुनाव जीतने वाले मोहिंदर भगत को सीएम भगवंत मान मंत्री पद की शपथ दिलाएंगे। भगत को स्थानीय निकाय या खेल विभाग मिल सकता है। उनके पिता भगत चूनी लाल भी अकाली-भाजपा सरकार में मंत्री रह चुके हैं। मोहिंदर भगत के मंत्री बनने से जालंधर के विकास को गति मिलने की उम्मीद है।
जगजीत सिंह सुशांत, जालंधर। पंजाब सरकार के मंत्रिमंडल में सोमवार को बड़ा बदलाव होने जा रहा है। इस बदलाव में उपचुनाव जीतकर मुख्यमंत्री भगवंत मान की झोली में डालने वाले मोहिंदर भगत को सीएम की ओर से रिटर्न गिफ्ट दिया गया है।
उपचुनाव जीतने के 71 दिन बाद भगत को सरकार की कैबिनेट में जगह मिलेगी। आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय इकाई से इसकी मंजूरी मिल गई है। मंत्रिमंडल में बदलाव की खबर सामने आने के बाद मोहिंदर भगत से जुड़े नेताओं ने उन्हें बधाई दी है। मोहिंदर भगत सोमवार शाम को मंत्री पद की शपथ लेंगे। इसके साथ ही शहर को ढाई साल बाद फिर से मंत्री पद मिल जाएगा।
मोहिंदर भगत को मिल सकता है खेल विभाग
इससे पहले बलकार सिंह देहात का प्रतिनिधित्व करते थे। शहर से कैंट क्षेत्र के विधायक परगट सिंह कांग्रेस सरकार के समय मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के 111 दिन के कार्यकाल के दौरान मंत्री रहे हैं। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि बलकार सिंह के इस्तीफे के बाद मोहिंदर भगत को स्थानीय निकाय विभाग मिल सकता है।हालांकि कई माहिर यह भी मानते हैं कि खेल कारोबार से संबंध होने के कारण उन्हें खेल विभाग भी मिल सकता है। इसका एक अन्य कारण यह भी है कि जालंधर को खेल नगरी के रूप में जाना जाता है।
सीएम भगवंत मान ने निभाया वादा
उपचुनाव के दौरान मुख्यमंत्री भगवत मान ने जालंधर में ही डेरा जमाया था। इस दौरान उन्होंने कई बार यह घोषणा की थी कि अगर जनता मोहिंदर भगत को जिता देती है तो उन्हें मंत्री बनाया जाएगा। इसके बाद जिस दिन भगत ने विधायक पद की शपथ ग्रहण की थी।उस दिन भी उन्हें मंत्री बनाने की चर्चा थी, लेकिन दिल्ली से मंजूरी न मिलने के कारण ऐसा नहीं हो सका था। लोकसभा चुनाव में एक मंत्री के सांसद बनने और कई जगह खराब प्रदर्शन के कारण कई मंत्रियों का पत्ता काटने की भी तैयारी कर ली गई है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।