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Punjab News: पाकिस्तान के मंसूबे होंगे नाकाम, पंजाब सीमा के लिए BSF ने मांगी अतिरिक्त मैनपॉवर

पंजाब के रास्ते इन दिनों पाकिस्तान अपने नापाक मंसूबों को अंजाम दे रहा है। यही कारण हैं कि बीएसएफ ने भारत पाकिस्तान सीमा के पंजाब मोर्चे के लिए अतिरिक्त बटालियन की मांग की हैं। वहीं सेना की ओर से जारी बयान में बताया गया कि उनका ये अनुरोध केंद्रीय गृह मंत्रालय में विचाराधीन है। इसके साथ ही अतिरिक्त बटालियन से परिचालन क्षमता भी बढ़ेगी।

By Agency Edited By: Deepak Saxena Updated: Sun, 25 Aug 2024 03:13 PM (IST)
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पंजाब सीमा के लिए BSF ने मांगी अतिरिक्त मैनपॉवर (फाइल फोटो)।

पीटीआई, जालंधर। बीएसएफ ने भारत-पाकिस्तान सीमा के पंजाब मोर्चे पर ड्रग्स और गोला-बारूद ले जाने वाले सीमा पार ड्रोन के हमले को रोकने और घुसपैठ पर अंकुश लगाने के लिए एक अतिरिक्त बटालियन की तैनाती की मांग की है।

फोर्स के पास वर्तमान में 500 किलोमीटर से अधिक लंबे मोर्चे की रक्षा के लिए लगभग 20 बटालियन हैं, जिनमें से 18 सीमा पर 'सक्रिय रूप से तैनात' हैं, जबकि बाकी को अमृतसर में अटारी एकीकृत चेक पोस्ट और गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक में करतारपुर कॉरिडोर की आवश्यकताओं के मद्देनजर जुटाया गया है।

इस मोर्चे पर 2019-20 के आसपास शुरू हुआ ड्रोन का खतरा अमृतसर और तरनतारन के सीमावर्ती जिलों में हावी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पंजाब सीमा को बेहतर ढंग से सुरक्षित करने के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की एक और बटालियन की मांग की गई है।

पाकिस्तान से हवाई मार्ग से आ रहे ड्रोन

उन्होंने कहा कि यह अनुरोध केंद्रीय गृह मंत्रालय के 'सक्रिय विचार' में है। बीएसएफ के पंजाब फ्रंटियर के महानिरीक्षक अतुल फुलजेले ने हाल ही में कहा था कि पाकिस्तान सीमा पार से सभी ड्रग्स पहले के जमीनी रास्ते के बजाय हवाई मार्ग से ड्रोन के जरिए पंजाब में आ रहे हैं।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस साल अब तक सुरक्षा एजेंसियों ने सीमा पर 120 से ज्यादा ड्रोन बरामद किए हैं, जबकि 2023 में पूरे साल में 107 ऐसे ड्रोन बरामद किए गए थे। पंजाब और दिल्ली के अधिकारियों के अनुसार, बल पंजाब सीमा पर नदी क्षेत्रों की प्रभावी सुरक्षा के लिए और ज्यादा सैनिक जोड़ना चाहता है।

अतिरिक्त बटालियन से बढ़ेगी परिचालन क्षमता

पंजाब सीमा पर रावी और सतलुज नदियों पर 48 पुलिया बनाई जा रही हैं, जिनमें से 25 पर काम पूरा हो चुका है। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि पुलिया पर सीवेज गेट और ताले लगे हुए हैं और बीएसएफ के गश्ती दल द्वारा इनकी नियमित रूप से जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि एक अतिरिक्त बटालियन से इस मोर्चे की बेहतर सुरक्षा के लिए करीब 800-900 कर्मियों की परिचालन क्षमता बढ़ेगी।

G शाखा में अधिक कर्मियों की जरूरत

बीएसएफ को अपनी खुफिया (जी शाखा) व्यवस्था में भी अधिक कर्मियों की जरूरत है - जो वर्तमान में सीमा से 50 किलोमीटर के क्षेत्र में काम कर रही है। दूसरे अधिकारी ने कहा कि इस मोर्चे पर जी शाखा टीमों की तैनाती से कई ड्रोन और उनके द्वारा छोड़े गए पदार्थ (ड्रग्स और हथियार) बरामद हुए हैं, साथ ही ड्रग सिंडिकेट की जांच के लिए स्थानीय पुलिस और केंद्रीय मादक पदार्थ निरोधक एजेंसियों के साथ संपर्क भी हुआ है।

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50 मुखबिरों को मिल चुका नकद पुरस्कार

बीएसएफ के एक कमांडर ने कहा कि हमें सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थानीय लोगों से अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है जो हमें ड्रोन गिराने और ड्रग तस्करों के बारे में सूचना देते हैं। अब तक करीब 50 मामलों में ऐसे मुखबिरों को नकद पुरस्कार दिए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब में बीएसएफ ने इन सूचनाओं के आधार पर पंजाब पुलिस के साथ करीब 75 ड्रग तस्करों और संदिग्धों के संपर्क साझा किए हैं।

बनाई जा रही महिला घुड़सवार की इकाई

अधिकारियों ने कहा कि बल पुरुष कर्मियों की तरह मोर्चे पर गश्त करने के लिए घुड़सवार महिला सैनिकों की एक घुड़सवार इकाई भी बना रहा है। बीएसएफ ने हाल ही में जम्मू से सटे गुरदासपुर में और अधिक जवानों को तैनात करके पंजाब-जम्मू सीमा पर अपनी ताकत बढ़ाई है। ऐसा भारत-पाकिस्तान सीमा से पंजाब के रास्ते जम्मू में आतंकवादियों की घुसपैठ को रोकने के लिए किया गया है।

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