Move to Jagran APP

Saheed Abdul Hameed की शौर्य गाथा आज भी भर देती है जोश, 1965 युद्ध में पाकिस्तान के छुड़ाए थे छक्के

Martyr Abdul Hameed शहीद अब्‍दुल हमीद की वीरता और अदम्‍य शाैर्य की गाथा आज भी लोगाें को जोश से भर देती है। 1965 के भारत-पाकिस्‍तान के युद्ध में उन्‍होंने पाक सेना के छक्‍के छुड़ा दिए थे। वीर हमीद ने पाकिस्‍तान के सात पेटन टैंकों को उड़ा दिया था।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Fri, 10 Sep 2021 06:58 PM (IST)
Hero Image
शहीद अब्‍दुल हमीश की फाइल फोटो। (फाइल फोटो)
तरनतारन, [धर्मबीर सिंह मल्हार]। Martyr Abdul Hameed: शहीद अब्‍दुल हमीद  के वीरता, अदम्‍य साहस और शौर्य की गाथा आज भी हर व्‍यक्ति की रगों में जोश व देशभक्ति का जुनून भर देती है। 1965 की भारत-पाकिस्‍तान जंग में वीर अब्‍दुल हमीद ने जिस तरह खेमकरण क्षेत्र में आगे बढ़ रही पाकिस्‍तानी सेना के छक्‍के छुड़ा दिए थे वह अद्भूत था। उन्‍होंने पाकिस्‍तान सेना के सात पेटन टैंकों को धूल धूसरित कर दिया था। आज उनको शहादत दिवस पर खेमकरण के आसल  उताड़ में शहीद स्‍मारक पर उनको श्रद्धांजलि दी जा रही है।

देश के बंटवारे के बाद पाकिस्तान के साथ 1965 की जंग हुई तो दुश्मन मुल्क की फौज खेमकरण पार करके भारतीय क्षेत्र में दाखिल होकर तबाही मचा रही थी। इस दौरान भारतीय सेना के जांबाज हवलदार वीर अब्दुल हमीद ने अपनी जान पर खेलते हुए दुश्मन मुल्क की फौज के सात पेटन टैंकों को एक-एक करके गन माउनटेड जीप से तबाह कर दिया था। इसके बाद पाकिस्तानी फौज को वापस लौटना पड़ा। बहादुर हवलदार वीर अब्दुल हमीद ने अपने प्राणों की आहूति देकर एक अनूठी शौर्य गाथा पेश की थी। मरणोपरांत उन्हें परमवीर चक्र से नवाजा गया था।

1 जुलाई 1933 को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर क्षेत्र में पैदा हुए वीर अब्दुल हमीद 20 वर्ष की आयु में सेना में भर्ती हुए थे। 1965 की जंग में पाकिस्तान के पास अमेरिकन पेटन टैंक थे। पाक की फौज जब खेमकरण क्षेत्र पर काबिज हो रही थी तो गांव आसल उताड़ में तैनात वीर अब्दुल हमीद को गन माउनटेड जीप के साथ जंग के मैदान में उतारा गया था। वीर अब्दुल हमीद ने एक-एक करके पाक के सात पेटन टैंक उड़ा दिए थे।

गौर हो कि 1954 में भारतीय सेना की सातवीं ग्रेनेडियर रेजमेंट में भर्ती हुए वीर अब्दुल हमीद जब दस वर्ष की सेना सेवाओं के दौरान छुट्टी पर गांव आए थे। जिस बीच हालात तनावपूर्ण बन गए और वीर अब्दुल हमीद छुट्टी छोड़कर ड्यूटी पर चले गए थे। तरनतारन जिले के खेमकरण सेक्टर के गांव आसल उताड़ में आठ सितंबर की सुबह पाकिस्तान के पेटन टैंक देखे गए थे।

ये टैंक गांव चीमा की ओर से लगातार भारतीय क्षेत्र में आगे बढ़ रहे थे इसी दौरान वीर अब्दुल हमीद ने गन माउनटेड जीप से एक-एक करके सात टैंक तबाह कर दिए थे। इस दौरान वीर अब्दुल हमीद  ने अपनीर शहादत दे दी लेकिन पाकिस्‍तान सेना को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया।  मरणोपरांत वीर अब्दुल हमीद को परमवीर चक्र से नवाजा गया। वर्ष 2000 में भारतीय डाक विभाग ने उनके नाम पर टिकट भी जारी किया था।

सेंटर में 200 लड़के-लड़किया लेंगी ट्रेनिंग

खेमकरण हलके के विधायक सुखपाल सिंह भुल्लर ने बताया कि वीर अब्दुल हमीद की कुर्बानी को सेल्यूट करते हुए सरकार द्वारा गांव आसल उताड़ में 18 करोड़ की लागत से सीपाइट ट्रेनिंग सेंटर का नींव पत्थर रखा गया है। इस केंद्र में 200 के करीब लड़के-लड़किया भारतीय सेना व अन्य पैरा मिलटरी फोर्स में भर्ती होने लिए ट्रेनिंग ले सकेगी।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।