उनका कहना है कि सीमावर्ती राज्य की परिस्थितियां अन्य राज्यों से बिल्कुल अलग होती हैं। लंबे समय से इंडस्ट्री कई समस्याओं से घिरी है। ऐसे में बजट इंडस्ट्री के साथ-साथ व्यक्तिगत तौर पर भी हर वर्ग के लिए राहत प्रदान करने वाला होना चाहिए। उद्योगपति इंडस्ट्री के लिए अलग पैकेज चाहती है। बजट को लेकर दैनिक जागरण ने जानी जिले के उद्योगपतियों की राय।
पंजाब की इंडस्ट्री को अलग पैकेज की जरूरत
जेएमपी इंडस्ट्री के एमडी व जालंधर आटो पार्ट्स मैन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन के चेयरमैन बलराम कपूर ने कहा कि पंजाब इंडस्ट्री के लिए अलग से पैकेज की जरूरत है। पंजाब एक सीमावर्ती राज्य होने के चलते अलग से योजनाएं व विशेष अनुदान होने चाहिए। सीमावर्ती राज्यों पर अधिक फोकस करना चाहिए।कच्चे माल और मशीनरी को इंपोर्ट करवाने पर इंपोर्ट ड्यूटी फ्री करनी चाहिए। इंडस्ट्री के हित में बजट होगा तो पंजाब इंडस्ट्री सर्वाइव करेगी। अधिक से अधिक बीआइएस टेस्टिंग लैब बननी चाहिए। जीएसटी स्लैब 28 से घटाकर 18 प्रतिशत होनी चाहिए।
एक्सपोर्ट के नियमों को आसान किया जाए
रघु एक्सपोर्ट इंडिया के एमडी प्रवीण अरोड़ा ने कहा कि इंडस्ट्री को अलग से पैकेज मिलने की उम्मीद है। एक्सपोर्ट को बढ़ाने के लिए कदम बढ़ाने चाहिए। एक्सपोर्ट के नियमों को आसान करना चाहिए।एक्सपोटर्स को अधिक सुविधाएं मिले ताकि वह एक्सपोर्ट को अधिक बढ़ा सकें। विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकें। सरकार को ऐसी नीतियां व योजनाएं बनानी चाहिए ताकि एमएसएमई पर कम बोझ पड़े।
शहर में स्पोर्ट्स पार्क समय की जरूरत
फाइटर इंडस्ट्री के एमडी कुणाल शर्मा ने कहा कि स्पोर्ट्स पार्क समय की जरूरत है। इंडस्ट्री को प्रमोट करने के लिए कन्वेंशन सेंटर होना चाहिए। खेल सेक्टर को थ्रस्ट सेक्टर में शामिल किया जाना चाहिए। रिसर्च एंड डवलपमेंट सेंटर समय की जरूरत है।एक्सपोर्टर को 40 प्रतिशत तक इनसेंटिव मिलता था। अब चार से पांच फीसद कर दिया है। एक्सपोर्टर को अधिक से अधिक इसेंटिव मिलने से एक्सपोर्ट बढ़ सकती है।
कंस्ट्रक्शन के प्रोजेक्ट को बढ़ाया जाना चाहिए
एवीएन मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी के एमडी नितिन कपूर ने कहा कि सरकार की योजनाओं पर इंडस्ट्री अधिक निर्भर करती है। इंडस्ट्री के हित में बजट होगा तो रोजगार के अवसर पैदा होंगे। देश में रोजगार मिलेगा तो युवा विदेश नहीं जाएंगे। कंस्ट्रक्शन के प्रोजेक्ट को बढ़ाया जाना चाहिए। इससे हैंडटूल्स, पाइप फिटिंग को फायदा होगा।
क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना को पुनः शुरू करने की जरूरत
एमके वाल्व्स के एमडी अमरजीत सिंह भाटिया ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा उद्योगपतियों के लिए नए प्लांट तथा मशीनरी की खरीद के लिए क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना को लागू किया था, जो इस समय बंद पड़ी है।
यह योजना विशेष रूप से छोटे और मध्यम उद्योगों एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई थी। इस योजना को फिर से शुरू किए जाने की जरूरत है।
एमएसएमई उद्योग के लिए ऋण की ब्याज दर में राहत मिले
इंजीनियरिंग इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के सचिव नवनीत कुमार ने कहा कि एमएसएमई उद्योग के लिए बैंकों में ऋण की ब्याज दर में विशेष श्रेणी बना कर स्टार्टअप यूनिट्स के लिए विशेष रियायत दी जानी चाहिए। जिससे नए उद्योग लगा कर बेरोजगारी को दूर करने में सहायता मिल सकेगी।
केंद्र सरकार को एमएसएमई उद्योग के विकास को बढ़ावा देने और रोजगार के नए अवसर उत्पन्न करने की योजनाओं की घोषणा करनी चाहिए। जिसके अंतर्गत, स्टार्टअप यूनिट्स को विशेष रियायती ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध हो सके।
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स्मार्ट सिटी की तर्ज पर मिले सुविधाएं
बीएम मीटर्स के एमडी नितिन शर्मा ने कहा कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की तरह फोकल प्वाइंट, लैदर कांप्लेक्स, इंडस्ट्रियल एरिया, गदईपुर सहित इलाकों के सुंदरीकरण के लिए अलग से बजट जारी किए जाने का प्रावधान होना चाहिए। जिसमें उद्योग क्षेत्रों में सड़कें, सीवरेज व्यवस्था, सफाई, हरियाली से लेकर तमाम तरह की मूलभूत सुविधाएं दिए जाने की जरूरत है।
आयकर सीमा सात से बढ़ाकर दस लाख करने की जरूरत
डिलाइट इंडस्ट्री के एमडी सुनील शर्मा कहते हैं कि इस बार बजट में मध्यम वर्ग के लिए आयकर सीमा सात से बढ़ाकर दस लाख किए जाने की जरूरत है। उद्योग के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए केंद्रीय स्मार्ट इंडस्ट्री इंफ्रास्ट्रक्चर फंड की व्यवस्था की जाए। मध्यम वर्ग के लोगों के लिए वित्तीय राहत और उद्योग क्षेत्र के विकास के उद्देश्य से केंद्रीय स्मार्ट इंडस्ट्री इंफ्रास्ट्रक्चर फंड का प्रविधान होना चाहिए।
निर्यात तथा रोजगार सृजन के लिए विशेष घोषणा की जरूरत
एनवीआर ओवरसीस के एमडी राजेश जैन कहते हैं कि उद्योग को बढ़ावा देने के लिए इस बार बजट में निर्यात तथा रोजगार सृजन के लिए विशेष घोषणा किए जाने की जरूरत है। इसके लिए प्रोत्साहित व आकर्षक पैकेज घोषित करते निर्यात को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।इसके साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के अवसर मुहैया करवाने के लिए कौशल विकास के लिए भी अलग से बजट की घोषणा की जानी चाहिए।
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