जालंधर में बस सेवा ठप होने से बढ़ी लोगों की मुश्किलें, सरकारी व प्राईवेट दफ्तरों में पसरा सन्नाटा
किसानों के धरने की वजह से बंद पड़े ट्रैफिक का असर कार्यालयों की हाजिरी पर भी देखने को मिल रहा है। बस सेवा बंद हो जाने के कारण कई लोगों को अपने दफ्तर जाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
By Vinay KumarEdited By: Updated: Fri, 20 Aug 2021 10:59 AM (IST)
मनु पाल शर्मा, जालंधर। जालंधर में किसनों के धरने के कारण बस यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। धरने के कारण अवरुद्ध हुए ट्रैफिक का असर कार्यालयों की हाजिरी पर भी देखने को मिल रहा है। महानगर के बहुत सारे सरकारी एवं निजी कार्यालयों में जालंधर के आसपास के क्षेत्रों के लोगों के आवागमन का एकमात्र साधन बस ही है। बहुत सारे लोग अपने दफ्तर जाने के लिए इन बसों पर ही निर्भर है। लेकिन बस सेवा के बंद हो जाने के कारण ऐसे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई लोगों ने तो इसके कारण ऑफिस जाने का कार्यक्रम ही रद्द कर दिया है। इसी तरह से जिला प्रशासकीय परिसर में प्रतिदिन लोगों की भारी भीड़ लगी होती है। लेकिन शुक्रवार को सप्ताह का आखरी वर्किंग डे होने के बावजूद भी जिला मुख्यालय परिसर में सुबह दस बजे तक दस फीसद लोग भी नहीं पहुंच पाए थे। जिला प्रशासकीय परिसर में अक्सर सुबह ही भर जाने वाली पार्किंग भी खाली पड़ी हुई है। परिसर में लोगों के न आने के कारण फिलहाल सन्नाटा पसरा हुआ नजर आ रहा है।
किसानों के धरने की वजह से पूरे दिन ऐसे हालात नजर आने की संभावना नजर आ रही है। धरने के कारण बसें भी पर्याप्त संख्या में जालंधर तक नहीं पहुंच पा रही हैं। ऐसा ही कुछ हाल निजी वाहनों का भी है, जिन्हें ट्रैफिक डायवर्ट कर दिए जाने के चलते शहर पहुंचने में भारी परेशानी हो रही है।किसानों ने धन्नोवाली के नजदीक धरना लगाया हुआ है। साथ ही उन्होंने अमृतसर-दिल्ली नेशनल हाईवे को भी ब्लाक कर दिया है। धरने के कारण पुलिस ने बीएसएफ चौक में बैरिकेडिंग की हुई है। जिसके कारण किसी प्रकार की बस सेवा संचालित नहीं हो पा रही है। बस सेवा रुक जाने से यात्रियों में अफरा-तफरी का माहौल है।बस सेवा ठप करने के बाद किसानों की ओर से ट्रेनों को भी रोकने की तैयारी की जा रही है।
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