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अगर आपका बच्चा दूध पीता है तो सावधान; कहीं इस दूध में Cancer तो नहीं, ऐसे करें जांच

गत माह डेयरी विकास विभाग की ओर से करवाई गई दूध की जांच में दूध के 60 फीसद सैंपलों में 10-60 फीसद तक पानी की मिलावट मिली थी।

By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Thu, 30 May 2019 05:04 PM (IST)
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अगर आपका बच्चा दूध पीता है तो सावधान; कहीं इस दूध में Cancer तो नहीं, ऐसे करें जांच

जालंधर [जगदीश कुमार]। कृषि प्रधान पंजाब में लोग मिलावटी व निम्नस्तरीय दूध और दूध से बने खाद्य पदार्थों का सेवन कर रहे हैं। सेहत विभाग के मिशन तंदुरुस्त पंजाब के तहत दूध व दूध से बने खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता के लिए चलाई गई मुहिम में इस सच्चाई का पता चला है। मुहिम के तहत गत माह करीब दस दिन की विशेष मुहिम में सेहत विभाग ने 724 सैंपल भरे थे। इनमें 434 सैंपल गुणवत्ता के पैमाने पर खरे नहीं उतरे। यह जानकारी आरटीआइ से प्राप्त दस्तावेजों से मिली है।

सेहत विभाग ने 2018 में दूध व दूध से बने खाद्य पदार्थों के 461 सैंपल भरे, जिनमें से 102 सैंपल फेल पाए गए। सेहत विभाग की जांच में ज्यादातर सैंपलों में पानी की मात्रा अधिक मिलने के साथ फैट भी कम मिली है। फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड एक्ट के तहत इन मामलों में एक से पांच हजार रुपये जुर्माना भुगतने के बाद निम्नस्तरीय दूध बेचने का कारोबार जोरों पर चल रहा है और जिला प्रशासन हाथ पर हाथ रख कर बैठा है।

पंजाब डेयरी डवलपमेंट बोर्ड के डिप्टी डायरेक्टर राम लुभाया का कहना है कि गत माह डेयरी विकास विभाग की ओर से करवाई गई दूध की जांच में दूध के 60 फीसद सैंपलों में 10-60 फीसद तक पानी की मिलावट मिली थी। शहर का कोई भी व्यक्ति दूध की जांच करवा सकता है। इसके अलावा मोहल्ला व वेलफेयर सोसायटियां अपने इलाके में दूध जांच के लिए कैंप भी लगवा सकते हैं।

डेयरी विकास विभाग लाडोवाली रोड में रोजाना सुबह 9 से 11 बजे तक दूध की मुफ्त जांच की जाती है। जांच करवाने के लिए केवल 100 ग्राम कच्चा दूध साथ लेकर आना है, जांच में दूध में पानी की मात्रा बताई जाएगी। इसके अलावा कैंप लगवाने के लिए विभाग की हेल्पलाइन 0181-2233441 पर संबंधित अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।

कैंसर का कारण है केमिकल युक्त दूध

  • मिलावटी दूध में पानी मिलाने से सेहत पर कोई नुकसान नहीं होता, जबकि उसमें पाए जाने वाले तत्वों की बुनियाद कमजोर हो जाती है।
  • मालटोज डेक्सट्राइन शूगर रोगियों की शूगर को बढ़ावा देकर उन्हें खतरे में डाल सकता है।
  • यूरिया व सर्फ पेट में खराबी, आंतडिय़ों व लीवर के लिए कैंसर का खतरा पैदा सकते हैं। किडनियां खराब हो सकती हैं।
  • पानी नुमा दूध पीने से शरीर को मिलने वाले पौष्टिक तत्व नहीं मिल पाते हैं।

ऐसे करें दूध की जांच

  • थोड़ा सा कच्चा दूध लेकर उसे ढलान वाली मार्बल व शीशे की जगह पर गिराएं। अगर दूध सफेद लाइन छोड़ते हुए नीचे तक पहुंचे तो ठीक है। अगर ऐसा नहीं है दूध मिलावटी है।
  • आधा कप दूध में बराबर मात्रा में पानी मिलाएं, अगर उसे थोड़ा हिलाने पर झाग आए तो दूध में डिटर्जेंट मिलावट है।
  • दूध में वनस्पति की जांच के लिए तीन मिलीलीटर दूध में 10 बूंदें हाईड्रोक्लोरिक एसिड और एक चम्मच चीनी डालें। पांच मिनट बाद अगर दूध का रंग लाल हो जाए तो इसमें वनस्पति की मिलावट है।
  • दूध में स्टार्च की मिलावट जांचने के लिए दूध में कुछ बूंदें टिंचर आयोडीन की डालें। अगर दूध का रंग नीला हो जाता है तो इसमें स्टार्च की मिलावट है।
  • सिंथेटिक दूध की पहचान करने के लिए दूध को हथेलियों के बीच रगड़ें, अगर साबुन जैसा लगे तो यह सिंथेटिक हो सकता है। 

दूध की नहीं कोई कमी

पंजाब डेयरी डवलपमेंट बोर्ड केे डिप्टी डायरेक्टर राम लुभाया का कहना है कि पंजाब कृषि प्रधान प्रदेश है जहां दूध की कमी नहीं है। मांग के मुकाबले दूध का उत्पादन ज्यादा है। शहरों में दूध की सप्लाई करने वाले कुछ व्यापारी कमाई बढ़ाने के लिए पानी मिला रहे हैं। विभाग के सर्वे के मुताबिक जिले भर में दूध देने वाले पशुओं की पर्याप्त संख्या है। हालांकि मालवा और माझा के मुकाबले दोआबा में दूध का उत्पादन कम है। दूध के कुल उत्पादन के 60 फीसद हिस्से की लोगों में खपत हो रही है और 40 फीसद दही, मक्खन, पनीर, देसी घी तथा पैकेट बंद दूध या सूखा दूध बनाने के लिए इस्तेमाल हो रहा है। नई रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब में पशुओं की संख्या तथा दूध के उत्पादन की मात्रा बढऩे की संभावना है।

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