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Punjab: लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती बनेंगी आप-भाजपा, अपने ही गढ़ में मजबूत चेहरे की तलाश में Congress

कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले जालंधर में इस बार लोकसभा चुनाव में बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। यही वजह है कि कांग्रेस हाई कमान को उम्मीदवार के चयन में भी सतर्कता बरतनी पड़ रही है। जालंधर लोकसभा सीट हमेशा से ही कांग्रेस का मजबूत किला रही है। ऐसे में 2024 के चुनाव में कांग्रेस को मजबूत उम्मीदवार की तलाश है।

By Jagjit Singh Edited By: Jeet KumarUpdated: Mon, 29 Jan 2024 05:00 AM (IST)
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लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती बनेंगी आप-भाजपा
जागरण संवाददाता, जालंधर। कांग्रेस का गढ़ माने जाते जालंधर में इस बार लोकसभा चुनाव में बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। यही वजह है कि कांग्रेस हाई कमान को उम्मीदवार के चयन में भी सतर्कता बरतनी पड़ रही है। जालंधर लोकसभा सीट हमेशा से ही कांग्रेस का मजबूत किला रही है।

कांग्रेस के लिए मजबूत उम्मीदवार की तलाश पहली चुनौती

भारतीय जनता पार्टी की आंधी में भी कांग्रेस ने साल 2014 और 2019 का चुनाव आसानी से जीत लिया था लेकिन 2023 के संसदीय उपचुनाव में कांग्रेस को बड़े अंतर से हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस को उन्हीं की पार्टी के सिपहसालार सुशील कुमार रिंकू ने खेमा बदलकर आम आदमी पार्टी की टिकट पर हरा दिया था। ऐसे में अब 2024 के चुनाव में कांग्रेस के लिए मजबूत उम्मीदवार की तलाश पहली चुनौती बन गई है।

ये नेता कर रहे टिकट की मांग

कांग्रेस टिकट के लिए इस समय करमजीत कौर चौधरी को पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्न्नी, पूर्व सांसद मोहिंदर सिंह केपी, पंजाब विधानसभा में विपक्ष के उप नेता डा. राजकुमार चब्बेवाल और पूर्व एसएसपी राजिंदर सिंह से चुनौती मिल रही है। चौधरी परिवार अपनी टिकट बचाने के लिए लगातार हाईकमान के संपर्क में है। स्व. चौधरी संतोख सिंह की पत्नी करमजीत कौर चौधरी ने पंजाब कांग्रेस के प्रभारी देवेंद्र यादव के सामने भी सार्वजनिक तौर पर टिकट की अपील की थी।

चन्नी की अनुसूचित वर्ग में अच्छी पैठ

करमजीत कौर को चुनौती देने वाले सभी नामों में पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का नाम सबसे आगे है। चन्नी की दोआबा के अनुसूचित वर्ग में अच्छी पैठ है। अपने 111 दिन के मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान उनके काम से अन्य वर्ग का भी उन्हें समर्थन मिल सकता है। अनुसूचित समाज के डेरों से भी चन्नी को समर्थन रहा है। वहीं उनके नाम पर कांग्रेस के नेता भी एकजुट हो सकते हैं।

केपी को चन्नी के करीबी रिश्तेदार का मिल सकता है लाभ

पूर्व सांसद मोहिंदर सिंह केपी भी टिकट पर दावा ठोक रहे हैं। कांग्रेस का एक धड़ा केपी के नाम पर सहमत है लेकिन सभी का समर्थन नहीं है। उनके पक्ष में यह अहम रह सकता है कि वह पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के करीबी रिश्तेदार हैं और अगर चन्नी ने जालंधर से चुनाव न लड़ना हुआ तो वह केपी को टिकट के लिए जोर लगाएंगे।

चब्बेवाल भी टिकट के लिए कर रहे लॉबिंग

होशियारपुर की चब्बेवाल सीट से विधायक डा. राजकुमार चब्बेवाल भी लंबे समय से जालंधर में सक्रिय हैं और टिकट के लिए लाबिंग कर रहे हैं। वह जालंधर में कई कार्यक्रमों में भी शामिल होते रहे हैं और संसदीय उपचुनाव के दौरान जालंधर वेस्ट में कमान संभाले रहे थे।

पूर्व एसएसपी राजिंदर सिंह भी टिकट की दौड़ में

हाल ही में भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व एसएसपी राजिंदर सिंह भी टिकट की दौड़ में हैं। पुलिस में डूयटी के दौरान उनका लंबा समय जालंधर में बीता। उन्होंने भी कई दिनों से हलके में सक्रियता बढ़ाई हुई है।

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