जालंधर में निगम चुनाव से पहले भारी पड़ सकती है उद्योग व कारोबार जगत की नाराजगी, GST छापामारी बनी परेशानी
रविंदर धीर ने साफ कहा है कि जिस पार्टी की तरफ से उद्योग एवं व्यापार जगत पर निशाना साधा जा रहा हो उसे नगर निगम चुनाव में वोट देने से पहले दो बार सोचना जरूर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि महज कुछ महीनों में ही इतनी दहशत फैला दी है।
By Edited By: Pankaj DwivediUpdated: Sat, 20 Aug 2022 11:40 AM (IST)
मनुपाल शर्मा, जालंधर। नगर निगम चुनाव से ठीक पहले उद्योग एवं व्यापार जगत की सरकारी कारगुजारी के प्रति नाराजगी सत्तासीन आम आदमी पार्टी के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। अधिकांश उद्योगपति एवं कारोबारी शहरी हलकों से ही संबंधित हैं। उनका नाराज होना निगम चुनाव के नतीजों पर असर डाल सकता है।
उद्योग और कारोबार जगत की नाराजगी की मुख्य वजह जीएसटी एवं प्रदूषण नियंत्रण विभाग की तरफ से निरंतर की जा रही छापामारी ही है। जीएसटी विभाग टैक्स चोरी रोकने के लिए बीते लगभग चार महीनों से व्यापक छापामारी अभियान चला रहा है। इसके अंतर्गत आए दिन व्यापारिक एवं औद्योगिक संस्थानों पर विभाग की टीमें दबिश दे रही हैं। उद्योगपति एवं कारोबारी जनप्रतिनिधियों से इस छापेमारी को बंद कराने की मांग कर रहे हैं।
जनप्रतिनिधियों के आश्वासन के बावजूद भी छापामारी बंद होना तो दूर धीमी भी नहीं हो रही है। बीते दिनों ही कैबिनेट मंत्री मीत हेयर से मुलाकात कर उद्योगपतियों ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की छापामारी को भी बंद कराने की गुहार लगाई है। खेल उद्योग संघ, पंजाब के अध्यक्ष एवं कारोबारी नेता रविंदर धीर ने कहा कि प्रदेश के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने खुद बताया है कि जीएसटी कलेक्शन में बढ़ोतरी हो रही है।
जीएसटी छापामारी ने बीते 50 वर्ष का तोड़ा रिकार्ड व्यापारी वर्ग जीएसटी देने से गुरेज नहीं कर रहा है, लेकिन उन्हें सरकार डरा रही है। रविंदर धीर ने कहा कि जीएसटी छापामारी ने बीते 50 वर्ष का रिकार्ड तोड़ दिया है। हालांकि आम आदमी पार्टी सुप्रीमो एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले खुद यह दावा किया था कि प्रदेश में छापामारी प्रथा को खत्म ही कर दिया जाएगा। कोई भी अधिकारी औद्योगिक अथवा व्यापारिक संस्थान में रेड अथवा चेकिंग के लिए नहीं जाएगा, लेकिन सरकार बनते ही छापामारी अभियान चालू कर दिया गया है।
रविंदर धीर ने साफ कहा है कि जिस पार्टी की तरफ से उद्योग एवं व्यापार जगत पर निशाना साधा जा रहा हो, उसे नगर निगम चुनाव में वोट देने से पहले दो बार सोचना जरूर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि महज कुछ महीनों में ही इतनी दहशत फैला दी है। अभी तो साढ़े चार साल बाकी हैं। इस लंबी अवधि में होने वाली व्यापारियों एवं कारोबारियों की दशा का अंदाजा खुद ही लगाया जा सकता है।यह भी पढ़ेंः- अमृतसर के जलियांवाला बाग में इतिहास से छेड़छाड़, क्रांतिकारियों के चित्र लगाए लेकिन परिचय हटाया
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