Famous Temple of Jalandhar: प्राचीन शिव मंदिर में स्वयं प्रकट हुआ था पवित्र शिवलिंग, पांडवों ने की थी भोलेनाथ की आराधना
Famous Temples of Punjab मान्यता है कि साधुओं का एक काफिला श्री अमरनाथ यात्रा पर जा रहा था। रात में विश्राम के दौरान एक साधु को भोले बाबा ने सपने में दर्शन दिए और कहा कि उनका निवास जालंधर में भी है। इसी के बाद यहां मंदिर का निर्माण हुआ।
By Pankaj DwivediEdited By: Updated: Mon, 04 Jul 2022 01:27 PM (IST)
शाम सहगल, जालंधर। गुड मंडी स्थित प्राचीन शिव मंदिर के पवित्र शिवलिंग स्वयं प्रकट हुआ था। इस मंदिर को लेकर विख्यात मान्यता के मुताबिक यहां पर पांडवों ने भगवान शिव की आराधना की। इसका उल्लेख धर्म शास्त्रों में भी किया गया है।
मंदिर के प्रमुख पुजारी पंडित नारायण शास्त्री के मुताबिक इस मंदिर के इतिहास की चर्चा विभिन्न धार्मिक शास्त्रों में की गई है। मंदिर में सभी देवी देवताओं की मूर्तियां प्रतिस्थापित है लेकिन इस मंदिर का शिवालय केवल जालंधर ही नहीं बल्कि राज्य भर में अपनी प्राचीनता को लेकर विख्यात है। महाशिवरात्रि तथा सावन में मंदिर में उत्सव जैसा वातावरण रहता है।
पंडित नारायण शास्त्री ने बताया कि साधुओं का एक काफिला श्री अमरनाथ यात्रा पर जा रहा था। रास्ते में एक रात विश्राम के लिए जहां रुके साधुओं के काफिले में एक साधु को भोले बाबा ने सपने में दर्शन दिए और कहा कि उनका निवास जालंधर में भी है। भगवान शिव ने साधु को सपने में जिस जगह के बारे में बताया था, वह आज गुड मंडी स्थित प्राचीन शिव मंदिर के रूप में विख्यात हुआ है। उस साधु ने पवित्र शिवलिंग किस जगह पर है इसकी जानकारी भी दी।
गुड मंडी में रहने वालों को इस बात की जानकारी देकर साधु यात्रा के लिए रवाना हो गए। साधु के इसी संकेत पर जब यहां खुदाई की गई तो पवित्र शिवलिंग निकला था। बताया जाता है कि वनवास के दौरान पांडव जहां पर भगवान शिव की आराधना करने के लिए आए थे। इसके बाद से इस मंदिर की मान्यता देशभर में हुई।
महाशिवरात्रि तथा सावन में उत्सव सा वातावरणप्राचीन शिव मंदिर गुड़ मंडी में सावन का महीना तथा महाशिवरात्रि का दिन महोत्सव के रूप में मनाया जाता है। मंदिर के पुजारी पंडित नारायण शास्त्री के मुताबिक महाशिवरात्रि तथा सावन माह में व्रत रखने वाले श्रद्धालु विशेष रूप से यहां पर आकर पूजा अर्चना व उद्यापन करवाते हैं। इसके साथ ही सावन माह में भगवान शिव के व्रत के दौरान खाए जाते प्रसाद का ही वितरण किया जाता है।
प्राचीन शिव मंदिर का प्रवेश द्वार।शिफ्ट हो चुके श्रद्धालु भी जहां आते हैं पूजा करने गुड़ मंडी शहर का कमर्शियल इलाके के रूप में विकसित हो चुका है। इसके आसपास के मोहल्लों से भी लोग दूसरी कालोनियों में शिफ्ट हो चुके हैं। लेकिन इस मंदिर की मान्यता इतनी अधिक है कि श्रद्धालु वहां से आकर भगवान शिव की आराधना करते हैं।
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