पंजाब में RSS के रक्तदान शिविर में घुसे किसान, माहौल तनावपूर्ण, दोनों तरफ से नारेबाजी, भारी पुलिस बल तैनात
पंजाब के रोपड़ जिला स्थित नूरपुर बेदी में किसान आरएसएस के रक्तदान शिविर करने पहुंच गए। इस दौरान आरएसएस नेताओं व किसानों के बीच जमकर बहस हुई। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है।
By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Thu, 20 May 2021 11:13 AM (IST)
जेएनएन, रूपनगर। रोपड़ (रूपनगर) जिले के नूरपुरबेदी थाना क्षेत्र में बाबा बाल जी के आश्रम में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) द्वारा वीरवार को रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया था। इसकी भनक जैसे ही किसान संगठनों को लगी वह विरोध के लिए पहुंच गए। किसानों के विरोध को देखते हुए माहौल तनावपूर्ण हो गया। मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है।
मौके पर माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। किसान संगठनों व आरएसएस नेताओं के बीच बहस जारी है। दोनों तरफ से जमकर नारेबाजी हो रही है। किसान आयोजन स्थल के भीतर घुस गए हैं। मौके पर पुलिस हालात पर काबू पाने के प्रयास में है। पुलिस ने किसान संगठनों के नुमाइंदों को मौके पर रोकने का प्रयास किया, लेकिन किसान नहीं रुके।राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने जिले में रक्त की कमी के मद्देनजर रक्तदान कैंप का आयोजन किया था। इस संबंध में रूपनगर स्वास्थ्य विभाग को दिए गए पत्र में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने बीस मई को नूरपुरबेदी में, 22 मई को आनंदपुर साहिब और 23 मई को रूपनगर में ब्लड कैंप लगाने हैं।
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नूरपुरबेदी में बाबा बाल जी के आश्रम में कैंप के आयोजन स्थल पर पूरी तैयारी हो चुकी थी और ब्लड बैंक की टीम भी पहुंच चुकी थी। किसान संगठनों को जब इसका पता चला तो वह मौके पर पहुंच गए और रक्तदान शिविर न लगाने देने की बात कही। किसान संगठन के नेताओं व आरएसएस नेताओं के बीच तीखी बहस भी हुई। किसान शिविर न लगाने देने पर अड़े रहे। इसके बाद माहौल तनावपूर्ण हो गया। मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है।
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बता दें, कृषि कानूनों को लेकर किसान पंजाब में भाजपा व आरएसएस का विरोध कर रहे हैं। इससे पहले कई भाजपा नेताओं को भी किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा है। राज्य में लगभग हर जिले में भाजपा व आरएसएस नेताओं को विरोध का सामना करना पड़ा। पंजाब भाजपा अध्यक्ष अश्वनी शर्मा, पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय सांपला, पूर्व मंत्री तीक्ष्ण सूद, केंद्रीय मंत्री सोमनाथ सहित कई दिग्गज नेताओं को किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा। इसे देखते हुए जनवरी में राज्य सरकार ने पंजाब पुलिस को भाजपा व आरएसएस नेताओं की सुरक्षा को बढ़ाने का निर्देश दिया था। इसके अलावा इनके कार्यक्रमों की सुरक्षा यकीनी बनाने का निर्देश भी दिया था।
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