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कल दिख सकता है किसान आंदोलन का भयंकर असर? दिल्ली कूच करने की फुल तैयारी; राज्यपाल का कार्यक्रम भी टला

Farmers Protest दिल्ली कूच करने की सभी तैयारियां हो चुकी है। किसान बड़ी-बड़ी मशीनों के साथ बॉर्डर पर तैनात हैं। सैकड़ों में प्रदर्शनकारियों का जुलूस जुड़ा हुआ है। किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित का कल 20 फरवरी से 23 फरवरी तक राज्य के सीमावर्ती जिलों का दौरा संबंधित अधिकारियों के अनुरोध पर स्थगित कर दिया गया है।

By Inderpreet Singh Edited By: Prince Sharma Updated: Tue, 20 Feb 2024 07:50 PM (IST)
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दिल्ली कूच करने की फुल तैयारी; राज्यपाल का कार्यक्रम भी टला
इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित का कल 20 फरवरी से 23 फरवरी तक राज्य के सीमावर्ती जिलों का दौरा संबंधित अधिकारियों के अनुरोध पर स्थगित कर दिया गया है। यह दौरा अब 12 मार्च से 14 मार्च, 2024 तक होगा।

संयुक्त किसान मोर्चा ने नेताओं का घेराव करने की घोषणा की

राजभवन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि ऐसा सीमावर्ती जिलों से संबंधित अधिकारियों के अनुरोध पर किया गया है हालांकि सूत्रों का कहना है कि ऐसा किसान आंदोलन को लेकर केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच विफल हुई वार्ता के बाद किया गया है। साथ ही 21 फरवरी को ही संयुक्त किसान मोर्चा ने भी भाजपा सांसदों और नेताओं का घेराव करने की घोषणा की हुई है।

कल किसान करेंगे दिल्ली कूच

सीमावर्ती जिलों के प्रशासनिक अधिकारियों को डर है कि आंदोलनरत किसान कहीं राज्यपाल के कार्यक्रमों में व्यवधान न डाल दें।

केंद्र सरकार और संयुक्त किसान मोर्चा गैर राजनीतिक के किसान संगठनों के बीच विफल हुई वार्ता के बाद 21 फरवरी को ही किसानों ने दिल्ली कूच की घोषणा की हुई है जबकि दूसरी ओर हरियाणा -पंजाब के बैरियर पर हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोकने के पुख्ता प्रबंध किए हुए हैं।

इन जिलों के किसान सबसे ज्यादा

ऐसे में किसानों और सुरक्षाकर्मियों के बीच में टकराव होने की भी संभावना है जिसका असर सीमावर्ती जिलों में आना निश्चित है क्योंकि आंदोलन कर रहे किसान मजदूर संघर्ष कमेटी का ज्यादातर प्रभाव क्षेत्र माझा के जिले हैं जो सीमावर्ती भी हैं। इस समय शंभू बैरियर पर पिछले सात दिनों से शंभू बैरियर पर बैठे किसानों में सबसे ज्यादा गिनती फिरोजपुर, अमृतसर, तरनतारन आदि जिलों की है जहां पर राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित को आज से जाना था।

संयुक्त किसान मोर्चा गैर राजनीतिक के अलावा संयुक्त किसान मोर्चा राजनीतिक की ओर से भी 21 फरवरी से अपना संघर्ष शुरू करने का आह्वान किया हुआ है। मोर्चा की सबसे बड़ी यूनियन भारतीय किसान यूनियन उगराहां की ओर से पहले ही प्रदेश भाजपा के प्रधान सुनील जाखड़, पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पूर्व विधायक केवल ढिल्लों के घरों का पहले से घेराव किया जा रहा है।

12 मार्च को होगा कार्यक्रम

दरअसल ये सभी नेता पहले कांग्रेस में थे और पिछले किसान आंदोलन के दौरान ये किसानों का पक्ष ले रहे थे लेकिन अब उनकी मांगों पर चुपी साधे बैठे हैं। इसी कार्यक्रम और बढ़ाते हुए अब भाजपा के नेताओं, सांसदों आदि का भी घेराव करने की तैयारी है।

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पठानकोट, अमृतसर और फिरोजपुर जिलों में भाजपा नेताओं का भी अच्छा आधार है इसीलिए उनके नेताओं का घेराव करने के बहाने किसान राज्यपाल के कार्यक्रमों को खराब करें, इसी की आशंका बताते हुए सभी सीमावर्ती जिलों के अधिकारियों ने राजभवन से यह कार्यक्रम कुछ दिनों के लिए स्थगित करने का आग्रह किया है जिसे राज्यपाल ने मान लिया है। अब यह कार्यक्रम 12 मार्च को होगा।

केंद्रीय एजेंसियों-राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ करनी थी समन्वय बैठक

राजभवन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित पंजाब के सीमावर्ती जिलों के लोगों के साथ जुड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं और वह अपने आगामी दौरे के दौरान सीमावर्ती जिलों के निवासियों और अधिकारियों से मिलेंगे। इसकी जानकारी बाद में दी जाएगी। गौरतलब है कि, राज्यपाल को पठानकोट, गुरुदासपुर, अमृतसर, तरनतारन, फिरोजपुर और फाजिल्का के सीमावर्ती जिलों का दौरा करके केंद्रीय एजेंसियों और राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ समन्वय बैठकें करनी थीं।

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