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स्कैनर की कमजोर 'नजर' से फास्टैग की टूटी 'कमर', पंजाब के टोल प्लाजा पर चरमराई फास्टैग स्कैनर की व्यवस्था; ये हैं कमियां

पंजाब के अधिकतर टोल प्लाजा पर फास्टैग स्कैनर सही तरह से काम नहीं कर रहे हैं। वे वाहनों पर लगे फास्टैग स्टिकर को स्कैन नहीं कर पाते हैं। टोल प्लाजा के कर्मचारी हैंडी स्कैनर से स्टिकर स्कैन करते हैं। राज्य के कई टोल प्लाजा पर डिजिटल पेमेंट को स्वीकार तक नहीं किया जाता। राज्य के सबसे महंगे लुधियाना जिले में स्थित लाडोवाल टोल प्लाजा के हालात सबसे बदतर हैं।

By Jagran NewsEdited By: Preeti GuptaUpdated: Tue, 19 Dec 2023 09:37 AM (IST)
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पंजाब के टोल प्लाजा पर चरमराई फास्टैग स्कैनर की व्यवस्था

विनीत कुमार/अविनाश कुमार मिश्र, जालंधर। Fastag scanners in Punjab Toll Plaza: टोल टैक्स भुगतान करने के दौरान टोल प्लाजा पर लगने वाले जाम की समस्या दूर करने के लिए वर्ष 2014 में शुरू की गई फास्टैग सुविधा की हालत काफी दयनीय है। पंजाब के अधिकतर टोल प्लाजा पर फास्टैग स्कैनर सही तरह से काम नहीं कर रहे हैं। वे वाहनों पर लगे फास्टैग स्टिकर को स्कैन नहीं कर पाते हैं।

हैंडी स्कैनर से स्टिकर स्कैन करते हैं कर्मचारी

टोल प्लाजा के कर्मचारी हैंडी स्कैनर से स्टिकर स्कैन करते हैं। इसके बाद वाहन चालक के अकाउंट से पैसा कटता है। कई बार तो काउंटर पर बैठे कर्मचरी को खुद केबिन से बाहर निकलकर गाड़ी का नंबर स्कैन करके मैनुअल तरीके से कंप्यूटर में फीड करके गाड़ी को वहां से निकालना पड़ता है।

इस प्रक्रिया में अधिक समय लग जाता है, जिससे वहां वाहनों की लंबी लाइन तक लग जाती है। अमृतसर में टोल प्लाजा पर नेटवर्क की समस्या के कारण स्कैनर सही तरीके से काम नहीं कर पाता है।

टोल पर दस सेकेंड के नियम का नहीं होता पालन

नियमों के अनुसार किसी भी टोल प्लाजा पर किसी भी वाहन को दस सेकेंड से ज्यादा समय तक नहीं रोका जा सकता। यदि कहीं टोल प्लाजा पर ज्यादा समय लगने के कारण वाहनों की 100 मीटर से अधिक लंबी लाइन लग जाए तो ऐसी स्थिति में सभी वाहनों को बिना टोल दिए जाने देना होता है। इस नियम का राज्य में कहीं भी पालन नहीं होता। फास्टैग सही से स्कैन न होने के कारण लोगों को कई बार पांच से दस मिनट भी इंतजार करना पड़ता है।

कई टोल प्लाजा पर डेबिट कार्ड से पेमेंट तक नहीं होती

केंद्र सरकार डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा दे रही है। राज्य के कई टोल प्लाजा पर डिजिटल पेमेंट को स्वीकार तक नहीं किया जाता। अगर कोई वाहन चालक फास्टैग में बैलेंस न होने या फिर बिना फास्टैग के टोल पर डेबिट कार्ड से पेमेंट करना भी चाहे तो उससे नकद पेमेंट करने के लिए कहा जाता है।

होशियारपुर जिले के चौलांग स्थित टोल प्लाजा पर कई बार वाहन चालकों की टोल कर्मियों से बहस तक हो जाती है। खास बात यह है कि टोल के पास कोई एटीएम न होने के कारण वाहन चालकों को बेहद परेशानी होती है। पटियाला में डेबिट कार्ड से भुगतान नहीं होता है।

लाडोवाल टोल सबसे महंगा पर नहीं कोई सुविधा

टोल प्लाजा पर शौचालय और एंबुलेंस की सुविधा भी होनी जरूरी है, लेकिन यह भी कुछ ही टोल प्लाजा पर उपलब्ध है। जहां हैं भी तो उसके बारे में वाहन चालकों को पता तक नहीं है। राज्य के सबसे महंगे लुधियाना जिले में स्थित लाडोवाल टोल प्लाजा के हालात सबसे बदतर हैं।

यहां पर न तो फास्टैग सही से स्कैन हो पाते हैं और न ही यात्रियों के लिए कोई शौचालय की व्यवस्था है। यहां केवल एक साइड पर ही शौचालय बनाया गया है, जहां पर ताला लटका रहता है। इस कारण वाहन चालकों को भारी परेशानी होती है। ऐसे ही हालात रूपनगर-फगवाड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग पर फगवाड़ा से बिल्कुल साथ लगते बहराम टोल प्लाजा के हैं। यहां पर भी शौचालय की व्यवस्था नहीं है।

क्या है फास्टैग?

कैशलेस व्यवस्था को बढ़ावा देने वाला फास्टैग एक डिजिटल स्टिकर है, जो रेडियो फ्रीक्वेन्सी आइडेंटिफिकेशन टेक्नोलाजी यानी आरएफआईडी पर आधारित है। यह व्यवस्था टोल नाकों पर लागू है, उसमें कैश और कैशलेस दोनों तरीकों से टैक्स का भुगतान किया जा सकता है।

फास्टैग लगी गाड़ियों को टोल नाके पर खड़े होने की ज़रूरत नहीं है, व्यक्ति के अकाउंट से टोल टैक्स की रकम खुद ही प्रीपेड अकाउंट या लिंक किए हुए बैंक अकाउंट से कट जाती है।

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समस्याओं को एनएचएआई के समक्ष उठाऊंगा

भारती पीडब्ल्यूडी के सचिव प्रियांक भारती का कहना है कि स्टेट हाईवे पर फास्टैग के साथ समझौता नहीं हुआ था। इसलिए स्टेट हाईवे के टोल प्लाजा पर फास्टैग नहीं चलता।

राज्य में अब मात्र दो सड़कें ही रह गई हैं, जहां पर टोल लगे हैं। बाकी सारे खत्म हो चुके हैं। नेशनल हाईवे पर स्थापित टोल प्लाजा को एनएचएआई देखता है। फास्टैग के स्कैन नहीं होने जैसी समस्या इक्का-दुक्का ही आती है। टोल प्लाजा पर लोगों के लिए सुविधा नहीं है, तो इस मुद्दे को एनएचएआई के समझ उठाऊंगा।

कैमरों में तकनीकी कारणों से आती है समस्या

अशोक एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अशोक कुमार कहते हैं कि लाडोवाल टोल प्लाजा के कैमरे कभी-कभी तकनीकी कारणों से स्कैन नहीं कर पाते हैं। इनको अपडेट करने का काम चलता रहता है। जहां तक लाडोवाल में सार्वजनिक शौचालय की बात है, उसकी मरम्मत का काम चल रहा है।

इस कारण से उसे बंद किया गया है। अगले सप्ताह तक इसे खोल दिया जाएगा। अन्य टोल प्लाजा पर भी समस्याओं के समाधान पर काम किया जाएगा ताकि लोगों को परेशान न होना पड़े।

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