जालंधर के सबसे प्रसिद्ध गीता मंदिर की निर्माण शैली है खास, जन्माष्टमी पर देश-विदेश से पहुंचते हैं श्रद्धालु
गीता मंदिर जालंधर का सबसे प्रसिद्ध मंदिर है। मॉडल टाउन में निक्कू पार्क के पास स्थित इस मंदिर से बड़ी संख्या में लोगों की धार्मिक भावनाएं जुड़ी हुई है। देश-विदेश से श्रद्धालु अपनी मनोकामना लेकर यहां हर साल पहुंचते हैं।
By Pankaj DwivediEdited By: Updated: Fri, 12 Feb 2021 02:57 PM (IST)
जालंधर [प्रियंका सिंह]। स्पोर्ट्स हब जालंधर की पहचान केवल खेल उत्पादों से ही नहीं है। यहां कई ऐतिहासिक गुरुद्वारे और मंदिर भी है जिन्हें देखने लोग देश-विदेश से आते हैं। अगर आपकी ऐतिहासिक धार्मिक स्थल घूमने में रुचि है जालंधर आकर निराश नहीं होंगे। शहर के कई मंदिर अपने इतिहास और निर्माण शैली के कारण लोगों का आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। इन्हीं में से एक है गीता मंदिर। यह मंदिर शहर का सबसे प्रसिद्ध मंदिर है। निक्कू पार्क के पास स्थित गीता मंदिर से बड़ी संख्या में लोगों की धार्मिक भावनाएं जुड़ी हुई है। देश-विदेश से श्रद्धालु अपनी मनोकामना लेकर गीता मंदिर में आते हैं। कहते हैं यहां हर मनोकामना पूरी होती है।
एक कमरे ने लिया विशाल मंदिर का रूप
समय के साथ मॉडल टाउन स्थित गीता मंदिर का स्वरूप काफी बदल चुका है। यहां पर पहले एक कमरे में भगवान श्री कृष्ण की पूजा होती थी। वर्ष 1994 में स्थानीय लोगों ने मिलकर भव्य मंदिर का निर्माण करवाया। इसकी भव्य निर्माण लोगों का ध्यान बरबस ही अपनी ओर आकर्षित है। आज यहां हर देवी-देवता की मूर्ति सुशोभित है।
जालंधर का प्रसिद्ध गीता मंदिर अपनी खास बनावट के लिए जाना जाता है।
गीता मंदिर में विराजमान हैं भगवान श्री कृष्ण गीता मंदिर के मुख्य द्वार पर भगवान श्री कृष्ण व राधा रानी की बड़ी मूर्ति लगाई गई है। इनके अलावा मां भवानी, भगवान शिव परिवार, राम दरबार की मूर्तियां भी सुशोभित हैं। इसे कृष्ण जी का मंदिर कहकर भी बुलाया जाता है। लोग यहां पर अपनी श्रद्धा एवं मनोकामना पूरी होने के लिए प्रार्थना करते हैं व मंदिर में सेवा भी करते हैं।
होती है हर मनोकामना पूरी कहते हैं इस मंदिर में जो भी श्रद्धालु अपनी इच्छा लेकर आता है उसकी हर इच्छा एवं आस्था पूरी होती है। आपको बता दें कि मंदिर के एक तरफ निक्कू पार्क और दूसरी तरफ गुरुद्वारा सिंह सभा है। जो श्रद्धालु इन दोनों स्थान पर आते हैं, वे गीता मंदिर जाना नहीं भूलते हैं।
जालंधर के गीता मंदिर का मुख्य द्वार। यहां भगवान श्री कृष्ण व राधा रानी की मूर्ति स्थापित की गई है।
जन्माष्टमी पर लगती है श्रद्धालुओं की भीड़ यह मंदिर भगवान श्री कृष्ण जी को समर्पित है। इसी कारण यहां श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है। इस दिन मंदिर दीयों की रोशनी में जगमगाता है। वैसे तो हर कार्यक्रम में मंदिर की सजावट खास तरीके से की जाती है लेकिन जन्माष्टमी पर मंदिर विशेष रूप से खूबसूरत दिखता है।
AC हॉल में होते हैं कार्यक्रम प्रबंधक कमेटियों द्वारा मंदिर में एक ऐसी हाल बनाया गया है जहां पर लोग विभिन्न तरह केकार्यक्रम करवाते हैं। मंदिर की देखभाल करने वाले मंदिर की देखभाल बहुत अच्छे तरीके से करते हैं। यह मंदिर टूरिस्ट के तौर पर भी काफी प्रचलित है। यही कारण है कि जालंधर शहर में जो भी टूरिस्ट धार्मिक स्थलों के दर्शन के लिए आते हैं वह गीता मंदिर जाना कभी नहीं भूलते।
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