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गुप्त नवरात्र 30 जून से शुरू; तंत्र-मंत्र और सिद्धियां हासिल करने वाले साधक करते हैं मां भगवती को प्रसन्न

गुप्त नवरात्र में भी नौ देवियों की पूजा अर्चना ही की जाती है। हालांकि इसमें माता भगवती के अलग रूपों की पूजा होती है। साधक मां काली तारा देवी त्रिपुर सुंदरी भुवनेश्वरी माता छिन्नमस्ता त्रिपुर भैरवी मां ध्रूमावती मां बगलामुखी मां मातंगी तथा मां कमला देवी की पूजा करते हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Fri, 17 Jun 2022 01:23 PM (IST)Updated: Fri, 17 Jun 2022 01:23 PM (IST)
Gupt Navratra 2022 वर्ष में दो सामान्य और दो गुप्त नवरात्र होते हैं।

जागरण संवाददाता, जालंधर। मां भगवती की आराधना का पर्व गुप्त नवरात्र इस बार 30 जून से शुरू होंगे। समापन नौ जुलाई को होगा। गुप्त नवरात्र में भी सामान्य नवरात्र की तरह ही नौ देवियों की पूजा अर्चना ही की जाती है, लेकिन इन नवरात्र में मां शैलपुत्री, मां चंद्रघंटा या फिर मां स्कंदमाता की नहीं बल्कि मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां ध्रूमावती, मां बगलामुखी, मां मातंगी तथा मां कमला देवी की पूजा की जाती है।

भले ही गुप्त नवरात्र पर लोग व्यापक स्तर पर व्रत पूजा या फिर खेत्री की बिजाई नहीं करते। लेकिन, गुप्त रूप से सिद्धियां हासिल करने वाले साधकों के लिए यह नवरात्र अति महत्वपूर्ण होते है। 30 जून को घट स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 5.26 बजे से लेकर 6.43 बजे तक रहेगा।

वर्ष में आते हैं चार नवरात्र

साल में कुल चार नवरात्र आते है। जिसमें एक चैत्र व शारदीय सामान्य नवरात्र होते है। जिसमें घर-घर घट स्थापना से लेकर लोग व्रत रखते है तथा अंतिम नवरात्र पर अष्टमी पूजा करके कंजक पूजन किया जाता है। वहीं, दो बार गुप्त नवरात्र माघ व आषाढ़ में आते है। जिसे व्यापक स्तर पर तो नहीं मनाया जाता, लेकिन मां भगवती की निरंतर पूजा अर्चना करने वाले इसका पालन करते है।

इसी दिन से शुरू होगी श्री अमरनाथ यात्रा

30 जून को शुरू होने वाले गुप्त नवरात्र वाले दिन ही श्री अमरनाथ यात्रा का आगाज भी होगा। गुप्त नवरात्र नौ जुलाई तक चलेंगे तो श्री अमरनाथ यात्रा 11 अगस्त तक जारी रहेगी। जिसके चलते धार्मिक दृष्टि से इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाता है।

गुप्त सिद्धियां पाने वालों के लिए विशेष महत्व

प्राचीन शिव मंदिर गुड़ मंडी के प्रमुख पुजारी पंडित नारायण शास्त्री बताते हैं कि साल में आने वाले दो गुप्त नवरात्र में गुप्त सिद्धियां पाने वाले साधकों के लिए यह पर्व खास है। उन्होंने कहा कि गुप्त नवरात्र में तंत्र-मंत्र, सिद्धि व साधना के लिए यह दिन फलदायी होते है। गुप्त नवरात्र में साधकों को दो पहर की मां भगवती की पूजा करनी चाहिए।

गुप्त नवरात्र में घट स्थापना का शुभ मुहुर्त

30 जून : सुबह 5.26 बजे से 6.43

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